Tulsi : तुलसी के पौधे का महत्व पर निबंध – Importance of Tulsi Plant

Tulsi Plant Hindi

आप सभी तुलसी के पौधे से भली भाति परिचित होंगे। Tulsi (Basil) का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व तो है ही पर तुलसी एक जड़ी बूटी है, जिसका उपयोग दवा बनाने के लिए किया जाता है। इस पोस्ट में हम तुलसी के महत्व, सांस्कृतिक महत्व, तुलसी के प्रकार और तुलसी का पौधा लगाएं तो क्या क्या सावधानियाँ रखें Importance of Tulsi Plant आदि के बारे में जानेंगें।

Contents

Tulsi : तुलसी के पौधे का महत्व पर निबंध – Importance of Tulsi Plant

सबसे पहले  जानते हैं कि तुलसी के  पौधे का क्या महत्व है, तुलसी का सांस्कृतिक महत्व क्या महत्त्व है।

तुलसी के पौधे का महत्व Importance of basil plant

तुलसी का पौधा होने से घर का वातावरण पूरी तरह पवित्र और कीटाणुओं से मुक्त रहता है। तुलसी एक जड़ी बूटी है। जिसका उपयोग दवा बनाने के लिए किया जाता है। इसके फूल बैंगनी – क्रीम रंग के होते हैं। हरी पत्तियों वाली तुलसी को श्री तुलसी और लाल पत्तियों वाली तुलसी को कृष्ण तुलसी कहा जाता है। इसके बीज पीले से लाल रंग के होते हैं।

तुलसी के पत्तों में बहुत आवश्यक तेल (tulsi oil) होता है। तुसली आयल मामूली दर्द और सूजन में राहत देता है और साथ ही बैक्टीरिया, फंगल या वायरल गतिविधि की उपस्थिति को कम करने में मदद करता है।  तुलसी के एंटीऑक्सिडेंट लाभ होने के अलावा, यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में भी मदद कर सकती है।

तुलसी में महान औषधीय गुण होते है। तुलसी को हर्बल चाय के रूप में भी लिया जाता है। राम तुलसी गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम के लिए प्रभावी उपाय है। इसके पत्तों का रस सर्दी, बुखार, ब्रोंकाइटिस और खांसी में राहत देता है।इसके आलावा तुलसी मलेरिया को ठीक करने में मदद करती है।

तुलसी अपच, सिरदर्द, हिस्टीरिया, अनिद्रा और हैजा में  भी  प्रभावी है। तुलसी को जड़ी बूटियों की रानी भी कहा जाता है। कई लोग तुलसी की माला भी पहनते हैं।  ऐसा माना जाता है कि तुलसी की माला पहनने से व्यक्ति स्वस्थ्य रहता हैं। तुसली की लकड़ी में भी कई औषधीय गुण होते हैं।

तुलसी के पौधे का सांस्कृतिक महत्व Cultural importance of Tulsi plant

आंगन में तुलसी के पौधे के बिना एक हिंदू घर अधूरा माना जाता है। भारत में लोग तुलसी को धार्मिक पौधे के रूप में उगाते हैं और इसकी पूजा करते हैं। भारतीय संस्कृति और धर्म में तुलसी पवित्रता का प्रतीक है।

यह भगवान श्रीविष्णु का प्रिय पौधा है। तुलसी को इसका नाम तुलसी देवी से मिला, जो भगवान कृष्ण की सनातन परंपराओं में से एक थीं। तुलसी की पत्तियों का उपयोग मंदिरों में पूजा के लिए किया जाता है और शादी जैसे कई शुभ अवसरों पर भी इसका प्रयोग शुभ माना जाता है।

विशेषकर हिंदू कार्तिक माह में तुलसी के पूजा की जाती है, जो शरद पूर्णिमा के बाद शुरू होती है। तुलसी के तने, पत्ते, बीज और यहां तक ​​कि मिट्टी को भी पवित्र माना जाता है। हिन्दू महिला तुसली के पौधे को जल अर्पण करती हैं उसके पास दीया जलाती है और रोज उसकी पूजा करती है। इससे परिवार में सुख शांति, स्वास्थ्य बना रहता है।

प्राचीन ग्रंथों के अनुसार तुलसी को महिमामंडित किया जाता है जो लोगों को परमात्मा के करीब लाने में मदद करता है।

तुलसी के प्रकार Types of basil

तुसली के कई प्रकार है जैसे ; राम तुलसी, श्याम तुलसी, श्वेत विष्णु तुलसी, वन तुलसी, नींबू तुलसी शामिल है। लेकिन घरों में मुख्य रूप से राम तुलसी या श्याम तुलसी ही रखी जाती है।

तुलसी के इन पांचों प्रकारों को मिलाकर इनका अर्क निकाला जाए, तो यह पूरे विश्व की सबसे प्रभावकारी और बेहतरीन दवा बन सकती है। एक एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी- बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फ्लू, एंटी-बायोटिक, एंटी-इफ्लेमेन्ट्री व एंटी – डिजीज की तह कार्य करने लगती है।

तुलसी का पौधा लगाएं तो क्या क्या सावधानियां रखें ? What not to keep near the basil plant?

  • तुलसी का पौधा एक पवित्र और संवेदन शील पौधा होता है। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। परन्तु तुलसी के पौधे की स्वछता पूर्वक देखभाल भी बहुत जरूरी है। नहीं तो तुलसी का पौधा सूख जाता है।
  • सुखा हुआ तुलसी का पौधा घर में रखना कई परिस्थितियों में अशुभ माना जाता है। इससे विपरित परिणाम भी प्राप्त हो सकते हैं। घर की बरकत पर बुरा असर पड़ सकता है।
  • इसी वजह से घर में हमेशा पूरी तरह स्वस्थ तुलसी का पौधा ही लगाया जाना चाहिए। तो यदि आपने तुसली का पौधा लगाया है तो आपको क्या क्या सावधानियां रखनी चाहियें आइये जानते हैं।
  • तुसली के पौधे के पास कभी भी जूते चप्पल या गन्दगी आदि नहीं रखनी चाहियें।
  • तुलसी को पानी हमेशा नहाकर देना चाहियें। शास्त्रों के अनुसार शाम को तुलसी को जल अर्पित करना अच्छा नहीं माना जाता है। इसलिए तुलसी में सुबह ही पानी डालें।
  • तुलसी के पास कोई जंगली झाड़ी आदि नहीं लगानी चाहियें। यदि हैं तो उन्हें हटा दें।
  • यदि तुलसी का पौधा सूख जाए तो तुरंत ही दूसरा पौधा लगा लें और सूखे हुए पौधे को जलाएं या फेकें नहीं बल्कि मिट्टी में दबा दें।
  • तुलसी के पौधे के पास साफ़ सफाई रखें।
  • तुलसी का पौधा जिस गमले में लगाए, उसमें कोई दूसरा पौधा नहीं लगाना चाहिए।
  • बिना किसी वजह तुलसी के पत्ते कभी ना तोड़े। पूजा या खाने के लिए सिर्फ दिन के समय तुलसी तोड़ें।
  • एकादशी, रविवार और ग्रहण के समय तुलसी को तोड़ना शुभ माना जाता है।

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