रिश्तों को मजबूत और खुशहाल बनाने के 5 महत्वपूर्ण सुझाव | Tips for Healthy Relationship In Hindi

Healthy Relationship Tips

Rishtey ko Khushal Banane ke Tarike (How To Make A Healthy & Happy Relationship) अपने रिश्तों को मज़बूत और खुशहाल कैसे बनायें ? हर रिश्ता अनूठा होता है और हर कोई चाहता है की उसका रिश्ता मज़बूत और खुशहाल हो।  Healthy Relationship के लिए यह बहतु जरूरी है कि रिश्तों में संतुलन हो।

हमारे रिश्ते हमारी ज़िन्दगी के सबसे अहम हिस्से होते हैं चाहें वो आपको मिले हों या आपने बनाये हों। जिस तरह हमारी ज़िन्दगी में उतार चढाव आते हैं उसी तरह हमारे रिश्तों में भी उतार चढाव आते हैं जो सुख और दुःख का अनुभव कराते हैं। यदि रिश्तों में संतुलन हो, आपसी समझ हो तो रिश्ते खुशियों भरे, ख़ूबसूरत और मज़बूत बन जाते हैं। 

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स्वस्थ संबंध क्या है?  What is Healthy Relationship ?

एक अच्छा रिश्ता (Healthy Relationship) खुशियों को कई गुना बढ़ा देता है और गम को कई गुना कम कर देता है। चाहें कोई भी रिश्ता हो पति पत्नी का रिश्ता, भाई का रिश्ता, बहन का रिश्ता, दोस्त का रिश्ता या कोई भी रिश्ता यानि वो रिश्ता सामने वाले से जुड़े रहने की अनुमति देता है पर साथ ही साथ हमें स्वतंत्र महसूस करता है। रिश्तों में संतुलन होना ही एक स्वस्थ संबंध का निर्माण करता है। दो लोग मिलकर तय करते हैं की क्या अच्छा है क्या नहीं। रिश्तों में ईमानदारी, विश्वास, समझ और खुलापन ही स्वस्थ संबंध कहलाता है।

Rishtey ko Khushal Banane ke Tarike
How To Make A Healthy & Happy Relationship

स्वस्थ संबंध बनाने में सहायक 5  टिप्स

आइयें जानते हैं रिश्तों को  मजबूत और खुशहाल बनाने के लिए उन महत्वपूर्ण बातों को जिन्हें अपनाकर आपके आपसी संबंधों में मधुरता आएगी और आप एक खुशहाल ज़िन्दगी जी पाएंगे –

दूसरों की गहरी समझ रखें –

ज्यादातर रिश्तों के टूटने या उनमे कड़वाहट का सबसे अहम् कारण होता है की हम दूसरों की बातों को समझ नहीं पाते या समझने की कोशिश नहीं करते। मान लीजिए कि आपका किसी के साथ घनिष्ठ रिश्ता है और वह आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है, तो क्या आपको उसके प्रति थोड़ी बेहतर समझदारी की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए ? याद रखिये आपका रिश्ता जितना ज्यादा घनिष्ठ होगा आपको उतना ही सामने वाले को समझने का प्रयास करना होगा।

प्रत्येक व्यक्ति में कुछ सकारात्मक तो कुछ नकारात्मक चीजें होती हैं। अगर आप अपनी समझ में इन दोनों को शामिल करते हो, तो फिर रिश्ते को वैसा बना सकते हो, जैसा आप उसे चाहते हो। लेकिन अगर आप उसे उनकी समझ के भरोसे छोड़ देते हो, तो वह रिश्ता संयोग के भरोसे होता है। अगर वे बहुत उदार हृदय निकले, तब तो तुम्हारे साथ सुंदर घटित होगा; अन्यथा वह रिश्ता टूट जाएगा।

ज्यादा अपेक्षाएं न रखें –

शायद ही ऐसा कोई इंसान होगा जिसे किसी न किसी से से कोई न कोई अपेक्षा (Expectation) न हो। हर व्यक्ति अपने परिवार से , अपने बच्चों से, अपने दोस्तों से, अपने रिश्तेदारों से कोई न कोई उम्मीद तो रखता ही है और इसमें कोई बुराई भी नहीं है क्योंकि कहा जाता है उम्मीद पर ही दुनिया कायम है। पर रिश्तों में एक दूसरे से होने वाली ज्यादा अपेक्षाएं अक्सर परेशानी का कारण बन जाती हैं।

जब कोई हमारी अपेक्षाओं को पूरा करता है यानि हम जैसा चाहते हैं वैसा करता है तो हमें ख़ुशी होती है और यदि सामने वाला हमारी अपेक्षाओं को पूरा नहीं करता है तो हमें दुःख होता है जो हमें अंदर से तोड़ देता है। दूसरों से यह अपेक्षा मत रखो की वो हमारी हर बात से सहमत हों या आपके अनुसार कार्य करें। यदि आप Healthy Relationship बनाना चाहते हैं तो ज्यादा अपेक्षाएं करना छोड़ दो।

दूसरे की आजादी न छीने –

आप किसी की ज्यादा परवाह करते हैं , आप किसी के साथ ज्यादा वक्त बिताते हैं फिर भी वो आपसे दूर भागने की कोशिश करता है तो आप यह समझ ले की आप न चाहते हुए भी सामने वाले की आज़ादी को छीन रहे हैं। मैंने पहले भी बताया है की हर रिश्ते की एक आज़ादी होती है। यदि आपकी पत्नी,  माता पिता, बच्चे , दोस्त या कोई भी प्यारा रिश्ता आपके हर काम में दखल दें, हालाँकि वो सिर्फ आपके साथ होना चाहते हैं आपकी परवाह करते हैं पर उनका ज्यादा दखल आपको कैद कर देता हैं। हर सिक्के के दो पहलू होते हैं वो आपके साथ होना भी चाहते है और चाहते है की वो  स्वतंत्र भी हों।

अपने विषय पर बात करें और आगे बढ़ें – 

कई बार छोटी सी बात इस लिए बड़ी हो जाती है क्योंकि हम उसे अपने मन में बड़ा करते रहते हैं। एक Healthy Relationship के लिए खुलापन होना बहतु जरूरी है। किसी भी समस्या का समाधान बात न करने से दूर नहीं होता बल्कि बात करने से होता है।

कभी कभी ऐसा होता है कि जब आप किसी समस्या के बारे में सामने वाले से बात करते हैं तो समस्या सुलझने के बजाय और बड़े झगड़े में बदल जाती है। इसका कारण होता है की हम सिर्फ अपना पक्ष ही रखते जाते हैं सामने वाले को नहीं सुनते। पहले सामने वाले की बात पूरी सुन ली जाए। देखा गया है कि कई बार सिर्फ बात करने से ही उनकी समस्या हल हो जाती है और आपका Relationship और मज़बूत हो जाता है।

अपने अहंकार को मत लाओ – 

जहाँ आपका अहंकार एक और आपको आगे बढ़ने नहीं देता वही दुसरी और यह अहंकार आपके रिस्तों के लिए भी दुश्मन साबित हो सकता है।  कई रिश्ते जिन्हें आप खोना नहीं चाहते पर आपके खुद के बनायें अहंकार के कारण टूट जाते हैं। कभी कभी रिश्ते निभाने के लिए आपको थोड़ा सा झुकना भी पड़ सकता है। इससे आप छोटे नहीं हो जाते बल्कि सामने वाले के प्रति आपका सम्मान बढ़ जाता है और आप एक मजबूत और खुशहाल रिश्ता बना पाते हैं।

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