Small Short Stories with Moral Values in Hindi : आज आप जानेगें वो नैतिक कहानियां (Moral Stories In Hindi) जिससे न केवल बच्चों को बल्कि बड़ों को भी सीख मिलेगीं। So today you will know Short Hindi stories with moral. कुछ कहानी भले ही छोटी होती है पर उसके पीछे एक बहुत बड़ा संदेस हो सकता है। हालाँकि इससे पहले भी यहाँ कई Hindi Stories Published हो चुकी हैं जिसे आप लोगों ने बहुत Appreciated किया है। इसलिए कुछ Short Hindi Stories को उनके Moral के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है। आइये जानते हैं –
5 Hindi Short Stories with Moral
1st Hindi Stories With Moral | Small Short Stories with Moral Values in Hindi
झूठ पकड़ा गया
एक दिन एक भुड़सवार अपने गुस्सैल घोड़े को बेचने के लिए बाजार ले जा रहा था। चलते चलते उसे भूख लगी और वो खाना खाने के लिए एक बाग़ में रुक गया। उसने एक पेड़ से घोड़े को बांध दिया। घोडा पेड़ के नीचे लगी घास को खाने लगा और वो घुड़सवार भी खाना खाने लगा। तभी एक व्यक्ति अपने गधे के साथ आया और उसी पेड़ पर अपने गधे को बांधने लगा। यह देख घोड़े का मालिक बोला, ‘भाई अपने इस गधे को इस पेड़ पर मत बांधो, मेरा घोड़ा बहुत ही गुस्सैल है वह तुम्हारे इस गधे को मार डालेगा।
गधे का मालिक बोला, “यह पेड़ केवल तुम्हारा नहीं है और मैं इस पर ही अपने गधे को बाँधूगा।” घोड़े का मालिक बोला, “यदि तुम मेरी बात नहीं मानोगे तो तुम खुद इसके जिम्मेदार होंगे।” गधे का मालिक नहीं माना और गधे को उसी पेड़ पर बांधकर चला गया।
घोड़े ने उस गधे को लाते मारकर नीचे गिरा दिया। इससे पहले की घोड़े का मालिक उसे संभाल पाता घोड़े ने लाते लाते मार मार कर गधे को मार दिया। तभी गधे का मालिक आया हो और अपने मरे हुए गधे को देखकर चिल्लाने लगा, “अरे यह क्या तुम्हारे घोड़े ने मेरे गधे को मार दिया है अब मुझे मेरा गधा ला कर दो, नहीं तो मैं तुम्हें यहां से नहीं जाने दूंगा।
घोड़े का मालिक बोला, ‘मैंने तो तुम्हें पहले ही कहा था कि मेरा घोड़ा गुस्सैल है। वह तुम्हारे इस गधे को मार देगा पर तुमने मेरी एक बात ना मानी। अब इसकी जिम्मेदारी तुम्हारी है, क्योंकि मैं पहले ही तुम्हें सावधान कर चुका था।” दोनों व्यक्ति बहस करने लगे। तभी एक राहगीर यह देख उनके पास आया और बोला , ‘तुम दोनों को राजा के दरवार जाना चाहिए वही न्याय करेंगे। दोनों सलाह मानकर राजा के दरबार की और न्याय के लिए चल दिए।
दरवार में राजा ने गधे के मालिक से पूछा पूरी बात बताओ तुम्हार गधा कैसे मरा। गधे का मालिक बोला, “महाराज मेरा गधा और इसका घोडा एक ही पेड़ पर बंधें थे कि अचानक इसका घोडा पागल हो गया और उसने मेरे गधे को मार दिया।
राजा ने घोड़े के मालिक से पूछा, ‘क्या तुम्हारे घोड़े ने ही गधे को मारा है, बताओ। तुम बोल क्यों नहीं रहे हो। क्या यह सच है। बार बार पूछने पर भी घोड़े का मालिक कुछ नहीं बोला। राजा बोला “क्या तुम बहरे और गूंगे हो ? क्या तुम बोल नहीं सकते ?
फिर गधे का मालिक अचानक बोला, महाराज यह व्यक्ति गूंगा बहरा नहीं है। पहले तो यह मुझसे खूब चीख चीख कर बोल रहा था कि अपने घोड़े को इधर मत बांधों, मेरा घोड़ा इस गधे को मार देगा। अब आपके सामने गूंगा बहरा बनने का नाटक कर रहा है। यह सुन घोड़े का मालिक बोला, महाराज क्षमा करें, यह व्यक्ति बार बार झूठ बोल रहा था। मैंने चुप रहने का नाटक किया जिससे यह अपने मुँह से सचाई बोल दे और इसने ऐसा ही किया।
यह सुनकर राजा मुस्कुराने लगे और बोले “इसका मतलब इसने तुम्हें पहले ही सावधान कर दिया था की घोडा गुस्सैल है गधे को यहाँ मत बांधों पर तुमने इसकी बात नहीं मानी और फिर भी अपना गधा वही बाँध दिया। तुम्हारा झूठ पकड़ा गया है और अब तुम इसके लिए खुद जिम्मेदार हो।
Moral Of The Story –
झूठ नहीं बोलना चाहियें। झूठ को कितना भी छुपा लें सच सामने आ ही जाता है और झूठ पकड़ा जाता है।
यह भी जरूर पढ़ें ;
- आपको कौन रोक रहा है ? Hindi Motivational Story on Positivity
- कठिनाइयों को दूर करने की विश्वाश शक्ति (Faith Power) :Real Life Motivational Story About Athlete Superstar
- तीन कहानियाँ जो आपकी सोच बदल देगी! Short Motivational Story In Hindi
2nd Small Short Hindi Stories With Moral Values
पंडित जी की वेशभूषा
किसी गाँव में एक पंडित थे। वह सभी शास्त्रों के अच्छे जानकार थे। वह सब कुछ जानते थे, लेकिन, इतने ज्ञानी होने के बाबजूत भी वो गरीब थे। उसके पास घर नहीं था। वह अपना भोजन भी बड़ी कठिनाइयों से प्राप्त करते थे। यहां तक कि उसके पास पहनने को अच्छे कपडे भी नहीं थे। उनके कपडे फटे हुए थे।
पंडित जी अपने भोजन के लिए भीख मंगाते थे। वह घर-घर जाकर भीख मांगते “कृपया मुझे भिक्षा दो” उसके पुराने फटे कपड़ों को देखकर कई लोग सोचते थे कि वह पागल है, इसलिए, उन्हें देख दरवाजा बंद कर दिया करते थे। कई बार तो ऐसा होता था की वो कई दिनों तक खाना नहीं खा पाते थे।
एक दिन उनके फटे पुराने कपडे देख कर एक व्यक्ति को दया आ गई और उस व्यक्ति न उन्हें नए कपडे दिए। उन नए कपड़ों को पहनकर वह पहले की तरह भीख मांगने गए । कल एक घर से जहाँ उन्हें भगा दिया था और दरवाज़ा बंद कर दिया था , उस घर के गृहस्वामी ने कहा, “पंडित जी प्रणाम, कृपया अंदर आइए। कृपया हमारे घर में भोजन करें”। इस प्रकार, बड़े आदर के साथ, वह पंडित को भोजन के लिए अंदर ले गया।
पंडित जी खाना खाने बैठ गए। विभिन्न प्रकार के पकवान, मीठे भोजन, और मीठे पदार्थ खाने के लिए परोसे गए। पहले पंडित जी ने प्रार्थना की उसके बाद, पंडित जी ने अपने हाथ से एक मिठाई ली और अपने नए कपड़े को खाने के लिए कहने लगे, “खाओ, खाओ!”यह देखकर सभी घरवाले हैरान रह गए। वो समझ नहीं पा रहे थे कि पंडित जी ऐसा क्यों कर रहे हैं। उन्होंने पंडित जी से पूछा, पंडित जी आप कपड़ों को खाना क्यों खिला रहे हो ?
तब पंडित जी ने इस प्रकार उत्तर दिया, “वास्तव में इस नए वस्त्र के कारण आपने मुझे आज भोजन दिया है । कल जब मैं आपके घर आया था तब आपने ही इस घर के दरवाज़े मेरे लिए बंद कर दिए थे। और आज मेरे कपड़ों के वजह से आपने मुझे भोजन के लिए आमंत्रित किया है। चूंकि मैंने इन कपड़ों के कारण भोजन प्राप्त किया, इसलिए मैं इनका आभारी हूं। इसी वजह से मैं इन्हें खाना खिला रहा हूं। ”घरवाले शरमा गए और अपनी गलती की क्षमा मांगने लगे।
Moral Of The Story –
कभी भी किसी को उनकी वेशभूषा के हिसाब से नहीं आंकना चाहिए।
यह भी जरूर पढ़ें ;
- पिता की सीख। Inspirational Story in Hindi With Moral
- बिना सोचे समझे फैसला लेने का परिणाम | Inspirational Hindi Story About Wrong Decision
- असंभव को संभव करने की कहानी | Nick Vujicic Success Story
- आपने क्या देखा ? Inspirational Story for Success Lesson In Hindi
3rd Small Short Hindi Stories With Moral Values
शक्तिशाली पिता
एक गरीब पिता ने अपने इकलौते बेटे को खूब पढ़ा लिखा कर एक बड़ा इंसान बनाने का फैसला कर लिया था। पिता दिन रात मेहनत करता और अपने बेटे के पढाई का खर्चा उठता। बीटा ही खूब मन लगाकर पढता। एक दिन पिता का सपना सच हो गया। बेटा पढ़ लिख कर बहुत बड़ा आदमी बन गया और उसने अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर लिया और उसमे बहुत सफल हो गया।
एक दिन बेटा अपने बड़े और आलिशान ऑफिस में बैठा हुआ था तभी उसके पिता उसका ऑफिस देखने आये। बेटा अपने ऑफिस की शानदार कुर्सी पर बैठा हुआ था। पिता का देख बेटा खुश हो गया और अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया। पिता ने बेटे को कुर्सी पर बैठाया और बेटे के पीछे खड़े हो गए और उसके कंधो पर अपना हाथ रखते हुए कहा “बेटा, तुम्हे पता है कि आज इस दुनिया में सबसे शक्तिशाली इंसान का एहसास किसे होता होगा ?”
पिता आगे कुछ और बोल पाते तभी बेटे ने कहा “पिता जी मैं हूँ सबसे शक्तिशाली इंसान” पिता ने सोचा था कि बेटा उन्हें ही सबसे शक्तिशाली कहेगा लेकिन बेटे के इस जवाब सेउन्हें बहुत निराशा हुई। “ठीक कहा बेटा” इतना कहते ही पिता बेटे के ऑफिस से जाने ही लगे थे कि एक बार और पीछे मुड़ कर वही सवाल बेटे से किया “बेटा, तुम्हे अभी भी लगता है कि तुम सबसे शक्तिशाली हो?”
बेटे ने कहा “नहीं पिता जी, इस दुनिया में अगर कोई सबसे शक्तिशाली है तो वो आप हैं”
“लेकिन अभी तो तुमने कहा था कि तुम ही सबसे शक्तिशाली हो” पिता ने फिर पुछा
“हाँ, वो मैंने इसलिए कहा था क्यूंकि उस वक़्त दुनिया के सबसे शक्तिशाली इंसान के हाथ मेरे कंधे पर थे, इसलिए उस वक़्त मैं खुद को सबसे शक्तिशाली मेहसूस कर रहा था” बेटे ने जवाब दिया
ये सुन पिता की आँखों में आंसू आ गए और उन्होंने अपने बेटे को गले से लगा लिया।
Moral Of The Story –
माता पिता हमारे जीवन का आधार हैं। यदि उनका आशीर्वाद है तो हम इस दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति हैं। अपने माता पिता के आशीर्वाद के बिना हम कुछ भी नहीं इसलिए हमेशा अपने माता पिता की आज्ञा का पालन करे और उनके दिए सुझाव को गंभीरता से ले।
यह भी जरूर पढ़ें ;
- हॉस्पिटल की खिड़की | Inspirational and Motivational Story In Hindi
- सम्राट का बीज~प्रेरणादायक हिंदी कहानी~Inspirational Hindi Story for Success
- ईर्ष्या और सफलता ~ Inspiring Hindi Story
4th Small Short Hindi Stories With Moral Values
चूहे से व्यापार
एक व्यक्ति जिसका नाम शम्भू था, बहुत बड़ा व्यापारी बनना चाहता था पर उसके पास पैसे नहीं थे। वो अक्सर व्यापारियों को देखता और उन जैसा बनने की कल्पना करता। एक दिन उसने दो व्यापारियों की बात सुनी। एक व्यापारी दूसरे व्यापारी से कह रहा था, “व्यापर करने के लिए पैसे नहीं बल्कि लगन और चतुराई की जरूरत होती है। कोई चाहे तो वह जो कूड़े पर मरा चूहा पड़ा है, उससे भी व्यापार शुरू कर सकता है।”
शम्भू ने कूड़े पर पड़े चूहे को देखा और सोचा लगन और चतुराई तो है मुझमें हैं। क्यों न मैं इस मरे चूहे से ही व्यापार शरू करूँ। यह सोच उसने मरा हुआ चूहा उठा। तभी एक सेठ जी अपनी बिल्ली को गोद में लिए उधर से गुजर रहे थे। शम्भू के दिमाग में एक तरकीब आई । वह चूहा उठाए उस सेठ के आगे-आगे चलने लगा । सेठ जी की बिल्ली चूहे को देखकर उतावली हो गई व म्याऊँ-म्याऊँ करके कुलबुलाने लगी।
सेठ जी ने शम्भू से कहा, “क्यों भाई, यह चूहा बेचोगे ?” शम्भू ने कुछ देर सोचने का नाटक कीया । अंत में वह तैयार हो गया । सेठ ने उसे एक सिक्का दिया । शम्भू सिक्का लेकर आगे चला । इस एक सिक्के से क्या किया जाए ? तभी उसे आगे एक प्याऊ नजर आई ।
लोग पानी पीकर प्याऊ वाले को धन्यवाद देते जा रहे थे । कुछ उसे पैसे भी दे रहे थे । यह देखकर शम्भू ने सोचा कि क्यों न यही काम किया जाए । शम्भू ने एक घड़ा खरीदा और उसमें पानी भरकर खेतों के निकट बैठ गया । थके-प्यासे किसानों ने उसका ठंडा पानी पीया । किसानों के पास देने को पैसे तो नहीं थे पर उन्होंने शम्भू को कुछ फूल दे दिए । उसका दिमाग अब और तेज़ चल रहा था । शम्भू मटके में फूल भरकर मंदिर की ओर चला । वह मंदिर के बाहर फूल लेकर बैठ गया । मंदिर में चढ़ाने के लिए लोग पैसे देकर उससे फूल लेने लगे । शम्भू की अच्छी कमाई हो गई । अब वो दोपहर को किसानों को पानी पिलाकर उनसे फूल पाता और शाम को मंदिर में बेचकर पैसे कमाता ।
एक दिन उसने किसी से सुना कि एक बड़ा व्यापारी अगले महीने पाच सौ घोड़े लेकर शहर आने वाला है। उसका दिमाग दौड़ने लगा वो घड़े में पानी व गुड़ डालकर जंगल की ओर चल दिया। वहां घसियारों (घास काटने वाले) को मुफ्त में शर्बत पिलाता। घसियारे उसके बहुत आभारी हो गए । वे उसकी सेवा के बदले उसके लिए कुछ करना चाहते पर शम्भू उन्हें कहता समय आएगा तो मौका दूंगा।
एक दिन वो समय भी आ गया जब घोड़े का व्यापारी अपने पांच सो घोड़े लेकर शहर आ गया। शम्भू घसियारों के पास गया और अपनी सारी जमा-पूंजी देकर बोला, ”आज जितनी घास आपने काटी है वह मुझे बेच दो ।” घसियारे तुरंत मान गए । चंदु ने सारी घास ले ली । इस कारण बाजार में कोई घास नहीं लाया ।
व्यापारी शहर पहुंचा तो उसे घोड़ों के लिए घास नहीं मिली । केवल एक जगह घास का अम्बार लगाए शम्भू मिला । उसके पास पांच सौ गट्ठर थे । व्यापारी को घोड़ों के लिए घास की बहुत जरूरत थी । उसने शम्भू से घास की कीमत पूछी । चंदु ने एक हजार सिक्के मांगे ।
मजबूर होकर व्यापारी को घास के लिए एक हजार सिक्के देने पड़े । कुछ ही दिनों बाद एक जहाज माल लेकर आया । नगर के व्यापारियों के दल के पहुंचने से पहले ही शम्भू जहाज के व्यापारियों के पास पहुच गया और उसने एक हजार सिक्के अग्रिम देकर जहाज का सारा माल खरीद लिया ।
नगर के व्यापारियों को शम्भू से माल खरीदना पड़ा । शम्भू ने व्यापारियों से पैसे लेकर जहाज वालों को पूरी कीमत दे दी । शहर के व्यापारियों में शम्भू मशहूर हो गया । सब उसकी चतुराई के कायल हो गए । एक दिन शम्भू एक व्यापारी के घर गया ।
यह वही व्यापारी था जिसकी बात सुनकर शम्भू ने मरे चूहे से अपना कारोबार शुरू किया था । शम्भू ने एक सोने का चूहा उस व्यापारी के सामने रखा और बोला, ”आप मेरे गुरु हैं । यह सोने का चूहा गुरुदक्षिणा के रूप में स्वीकार कीजिए ।”
शम्भू ने मरे चूहे से लेकर अब तक की सारी कहानी उसे सुना दी । व्यापारी चकित रह गया और बोला : ”शम्भू, तुम्हारे जैसे योग्य युवक को मैं खोना नहीं चाहता । मेरी विवाह योग्य सुदर व सुशील बेटी है । तुमसे योग्य न मुझे उसके लिए नहीं मिल सकता । मुझे गुरु दक्षिणा के रूप में यही संबंध चाहिए ।” शम्भू ने रिश्ता सहर्ष स्वीकार कर लिया।
Moral Of The Story –
मेहनत, लगन और चतुराई से किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त की जा सकती है। हमेशा प्रयास करते रहें। सफल होते रहें और आगे बढ़ते रहें।
यह भी जरूर पढ़ें ;
- प्रेरक कहानी : पसीने की कमाई | Hindi Story About Importance of Hard Work
- नमक जितना प्यार – Inspirational Short Story In Hindi
- आपके दुःख का कारण ! Aapake Dukh Ka Karan ~ A Inspirational Hindi Story
- सच्ची मित्रता – Sachi Mitrata – Hindi Story On True Friendship
5th Small Short Hindi Stories With Moral Values
बुरे कर्म का बुरा नतीजा
एक गरीब किसान के पास एक छोटा सा खेत और एक बैल था। बड़ी मेहनत से उसने कुछ पैसे जमा किये और एक बैल और खरीदा। जब वो बैल खरीद कर ला रहा था तो रास्ते में उसे चार युवक मिले। उन युवकों ने किसान से कहा क्या तुम इस बैल को बेचोगे। किसान ने सोचा मैंने यह बैल 1500 रुपए में खरीदा है। यदि इससे अधिक पैसे मिलते हैं तो मैं इसे बेच दूंगा और इससे बेहतर बैल खरीद लूंगा।
उस किसान ने उन लड़कों को बैल की कीमत 2000 रुपए बताई। लड़के बोले कीमत तो ज्यादा है क्यों न किसी समझदार व्यक्ति को पंच बनाकर फैसला करा लें। आप और हम यह वचन लेंगे की जो भी कीमत पंच कहेंगे वो हम मान लेंगे। कुछ सोच कर किसान ने बैल बेचने का वचन दे दिया। थोड़ी देर बाद वहां से एक वृद्ध व्यक्ति गुजरे। सभी न उन्हें ही पंच बनाने का फैसला किया। किसान ने भी सहमति दे दी। वास्तव में वह चारों लड़के एक ठग पिता की संतान थे और वो वृद्ध कोई और नहीं बल्कि उन चरों का पिता ही था। उन्होंने पिता को ही पंच बना लिया।
पिता ने बैल की कीमत मात्र 500 रुपए तय की। वचन में बंधे किसाओं को 500 रूपये में बैल बेचना पड़ा। लेकिन वो इस बात को समझ गया कि मुझे ठगा जा रहा है। अगले दिन किसान एक सुंदर महिला के भेष में उन चारों भाइयों से मिला और उनमे से किसी एक के साथ शादी करने की इच्छा व्यक्त की। चारों तैयार हो गए और एक दूसरे से बहस करने लगे की मैं शादी करूँगा – मैं शादी करूँगा। नारी के भेष में किसान बोला जो मेरे लिए बनारसी साड़ी, मथुरा के पेड़े और सहारनपुर के आम सबसे पहले लाएगा मैं उसी के साथ शादी करूंगी। यह सुन चारों शहर की ओर दौड़े। उनके जाने के बाद किसान ने उस ठग पिता को बहुत पीटा और वहां से चला गया। जब ठक के चारों बेटे वापस आये और अपने पिता को इस स्थिति में देखा तो मन कसौटते रह गए वो कुछ नहीं कर सकते थे क्योंकि किसान का पता तो वह जानते ही नहीं थे।
अगले दिन वह किसान एक वैध का भेष बनाकर उस वृद्ध ठग का इलाज करने पंहुचा। और लड़कों को चार जड़ी बूटी लाने के लिए अलग अलग भेजा। लड़कों के जाने के बाद उस किसान ने उस वृद्ध को फिर पीटा और अपना बैल लेकर चला गया। जब चारों भाई लोटे तो पिता और और बद्तर अवस्ता में पाया। अब उन्होंने प्रण ले लिए की कभी किसी के साथ ठगी नहीं करेंगे। इस तरह एक मामूली किसान ने अपनी समझदारी से ठगों को सुधर दिया।
Moral Of The Story –
बुरे कर्म करने पर हमेशा बुरा ही परिणाम मिलता है।
यह भी जरूर पढ़ें ;
- चरित्र की परीक्षा… Hindi Kahani ; Charitra Ki Pariksha Hindi Story
- प्रेरक हिंदी कहानी ‘बंदर और सुगरी’ ~ Hindi Story
- आखिर बड़ा कौन ? Hindi Inspiring Story
- ज्ञान की परख ~ Inspirational Story In Hindi
- भिक्षुक का जादू – एक चीनी लोककथा (चीनी कहानी) | Chinese Lok Katha In Hindi
Short Hindi Stories With Moral ; तीन कहानियाँ जो आपकी सोच बदल देगी!
मित्रों ! उम्मीद करता हूँ आपको ये पाँच नैतिक कहानियाँ “Small Short Stories with Moral Values in Hindi” अवश्य पसंद आई होगी . इन कहानियों ने आपको कितना मोटिवेट किया कृपया कमेंट के माध्यम से अवश्य बतायें, आपके किसी भी प्रश्न एवं सुझावों का स्वागत है। कृपया Share करें और जुड़े रहने की लिए Subscribe करें. धन्यवाद
यदि आप ज़िन्दगी से जुड़ी किसी भी बात के बारे में, किसी भी प्रॉब्लम के बारे में कुछ जानना चाहते हैं तो कृपया कमेंट करके बतायें मैं उस बारे में आर्टिकल जरूर लिखूंगा।
यदि आप इस ब्लॉग पर हिंदी में अपना कोई आर्टिकल कोई कहानी, जीवनी, या जो भी जानकारी देना चाहते है तो कृपया अपनी एक फोटो के साथ E-mail करें. Id है – ‘[email protected]’ पसंद आने पर आपके नाम और आपकी फोटो के साथ प्रकाशित की जाएगी। धन्यवाद