अधिकतर सुनने में आ रहा है की आज के बच्चे Smartphone / Mobile Addiction से ग्रसित होते जा रहे हैं जिसका परिणाम बहुत ही खतरनाक हो रहा है। अगर आपका बच्चा Mobile Phone Addicted है तो इस आर्टिकल में जानते हैं की क्यों हो रहे हैं बच्चे मोबाइल के आदि, क्या हो सकते है इसके दुष्प्रभाव और इससे छुटकारा कैसे पाया जाये।
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Kids Mobile Addiction
यदि आपका बच्चा मोबाइल या फिर टैबलेट पर ज्यादा समय बिताता है यानि आपका बच्चा Mobile Addicted हो रहा है तो हो जाएँ सावधान, क्योंकि बच्चों पर मोबाइल, टैबलेट के पड़ते हैं कई दुष्प्रभाव, जिनको जानने के बाद आप अपने बच्चों को मोबाइल नहीं देंगे।
मोबाइल फ़ोन आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। यह हमारी ज़िन्दगी को काफी हद तक आसान बनाता है। हम मोबाइल की खूबियों की बात नहीं करते, आज हम बात करते है मोबाइल से होने वाले दुष्प्रभावों की, खासकर उन 12 साल तक के बच्चों की की जिनको मोबाइल की लत लगी हुई है। ऐसे बच्चे Mobile Addicted हो जाते हैं।
क्यों हो रहे हैं बच्चे मोबाइल के आदि Mobile Addicted ( Cell Phone Addiction ) – Mobile Phone Overuse
यदि बच्चे मोबाइल, टैबलेट, टीवी या फिर लैपटॉप थोड़े समय के लिए देखें और कुछ सीखें तो इसमें कोई बुराई नहीं है। आप बहुत से ऐसे वीडियो, अप्प्स है जो बच्चों को नई नई चीज़े सिखाते है और बच्चे एक्टिव होते हैं पर यदि बच्चे सुबह उठते ही दूध की जगह मोबाइल मांग रहे हैं। और मोबाइल न मिलने पर जिद्दी हो रहे हैं तो समझो बच्चे Mobile Addicted हो रहे हैं। बच्चे मोबाइल कर गेम्स खेलते है, वीडियोस ज्यादा देखते हैं। शुरू शुरू में तो माँ – बाप ही बच्चों को मोबाइल देखने के लिए प्रेरित करते हैं। यदि बच्चा रो रहा है या शैतानी कर रहा है तो बड़े ही उसे मोबाइल दे देते हैं और बच्चा शांत होकर मोबाइल में लग जाता है और धीरे धीरे मोबाइल का आदि होता जाता है।
Mobile Addicted : बच्चों पर मोबाइल से पढ़ने वाले दुष्प्रभाव – Mobile side effects on children
Mobile Addiction से बच्चों का शारारिक विकास कम होना –
मोबाइल देखने से बच्चा ज्याद समय तक स्थिर रहता है यानि बच्चे की शारीरिक गतिविधि (Physical Activity) कम हो पाती है। जिससे बच्चे का शारारिक विकास रुक जाता है।
Mobile Addiction से बच्चों में मोटापा बढ़ना –
Mobile Addicted बच्चे ज्यादा देर तक मोबाइल देखते है जिससे वो आलसी होते जाते हैं। इससे मोटापा बढ़ने का खतरा लगभग 35 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। जिससे बच्चों में कई बीमारी भी पैदा हो जाती हैं। मोटे बच्चों में भी 30 प्रतिशत को डायबिटीज होने का और बड़े होने पर पैरालीसिस व दिल के दौरा होने का खतरा बढ़ जाता है। ये सारे खतरे उनकी लाइफ़ एक्सपेक्टेंसी को कम करते हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि आने वाले समय में बच्चों की उम्र उनके माता-पिता की उम्र जितनी लंबी नहीं रह पाएगी।
Mobile Addiction से बच्चों में याददाश्त कम हो जाना –
Mobile Addicted बच्चों में याद करने की क्षमता कम होती जा रही है। बच्चे पढाई पर फोकस नहीं कर पाते जिससे कारण उनका मन पढाई में नहीं लगता। इसके अलावा बच्चे पढाई में कमज़ोर होते जाते हैं। बच्चे सीमित दायरे में रह जाते है कुछ नया नहीं सीख पाते।
Mobile Addiction से बच्चों में मानसिक रोग होना –
Mobile Addicted बच्चों में टैक्नोलॉजी के अत्यधिक उपयोग करने से किसी काम में ध्यान नहीं लगना, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन आदि गंभीर समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। कई ऐसे मामले भी सामने आये है जिनमे बच्चों को मानसिक चिकित्सक की जरूरत पड़ी है।
Mobile Addiction से बच्चों में चिड़चिड़ापन होना –
Mobile Addicted बच्चे चिड़चिड़े हो जाते है। बात बात पर गुस्सा आना, जिद करना, कहना ना मानना यह मुख्य रूप से देखा जा सकता है।
Mobile Addiction से बच्चों का आक्रामक (Aggression) होना –
मोबाइल और टीवी पर हिंसक फिल्मे और गेम्स बच्चों में आक्रामकता को बढ़ा रही है। बच्चे बात बात पर झगड़ा करने लगते हैं। हाथ पैर मारने लगते हैं।
Mobile Addiction से बच्चों की आखों पर बुरा असर पड़ना –
ज्यादा समय तक मोबाइल देखना बच्चों की आखों पर बुरा प्रभाव डालता है। मोबाइल से निकलने वाली तेज रोशनी बच्चे के आँखों की रौशनी का कम कर देती है। एक शोध के मुताविक मोबाइल से निकलने वाली Radiation से मोतियाबिंद होने का खतरा बढ़ जाता है। वैज्ञानिकों ने मानव आँख पर विद्युत चुम्बकीय तरंगों के प्रभाव का अध्ययन किया है, उनका मानना है कि मोबाइल फोन के उपयोग से रेटिना, कॉर्निया और आंख के अन्य ओकुलर सिस्टम को प्रभावित करने के अलावा लेंस में जल्दी मोतियाबिंद भी हो सकता है।
आइये जानते हैं Mobile Addiction के कारण होने वाली समस्याओं का हल –
बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के आसान तरीके ( Ways To Keep Kids Away From Mobile in Hindi)
- माता-पिता अपने बच्चों पर ध्यान दें। उनकी बातों को सुने और उन्हें जितना हो सके उन्हें समय दें।
- बच्चे बड़ों को देखकर ही Mobile Addicted होते हैं इसलिए जितना हो सके बच्चों के सामने मोबाइल न चलायें।
- बच्चों में ऐसे खेलों के प्रति रुझान पैदा करें जिससे बच्चों में Physical Activity हो।
- बच्चों को समय से सुलाएं। मोबाइल देने की बाजये उन्हें कोई कहानी सुनाएँ।
- मोबाइल को बच्चे के सामने न रखें, खासकर जब उसके सोने का टाइम हो।
- माता पिता बच्चों के सामने वॉटसएप, फेसबुक या अन्य सोशल साइट्स इनका प्रयोग बंद करें।
- जब जरूरत हो तभी बच्चों को मोबाइल दें और हो सके तो समय भी निर्धारति करे लें।
- जब बच्चें को मोबाइल दें तो चेक करते रहें की कही बच्चा कोई गलत एक्टिविटी तो नहीं कर रहा।
- बच्चे की पढ़ाई का टाइम टेबल भी तय करें और उसे रोजाना चेक करें।
- बच्चों को कही बाहर घुमाने भी ले जाएँ।
- बच्चे को मोबाइल ज्यादा प्रयोग करने के दुष्प्रभावों के बारे में बताएं, बच्चे को समझायें की ज्यादा मोबाइल देखने से क्या क्या नुकसान होते हैं।
- बच्चे को अकेला न छोड़ें और यह भी ध्यान रखें कि कही आपका बच्चा अकेलापन तो महसूस नहीं कर रहा। अपने को बड़ा मानने की बजाए बच्चों से दोस्त जैसा व्यवहार करें और उन्हें प्यार से समझाएं।
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