अवसर की पहचान – तीन प्रेरणादायक कहानियाँ ! Inspirational Stories on opportunity in Hindi

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Inspirational Stories In Hindi – दोस्तों’ सही Time पर सही अवसर (Opportunity) पर सही काम करने से मनुष्य को सफलता मिलती है। इसलिए व्यक्ति को समय और अवसर के महत्त्व को समझना चाहियें। एक कहावत है “कोई अवसर चूकने के बाद वापिस नहीं लाया जा सकता।” जी हाँ हर व्यक्ति  सफल होना चाहता है, पैसा कामना चाहता है और इसके लिए वो मेहनत करता है, पर कुछ लोग ही सफल हो पाते हैं क्योंकि वो सही समय पर सही अवसर को ढुंढ लेते हैं। इसलिए वक्त और  अवसर के महत्त्व को समझे।

हिंदी में प्रेरणादायक कहानियाँ – सही अवसर को पहचाने !
Inspirational Stories on opportunity in Hindi

दुनियाँ में अवसरों को कोई कमी नहीं है। आपने यह सुना होगा “एक मौका आपकी ज़िन्दगी बदल सकता है” बहुत से लोग इन अवसरों को पहचान रहें है और सफल हो रहे हैं। पर क्यों ज्यादातर लोगों को ऐसे अवसरनहीं मिलते हैं ? ऐसा इसलिए होता है की अवसर तो सामने है पर आप उसे देख नहीं पाते। व्यक्ति उधेड़बुन और असमंजस की स्थिति में रह जाता है और उसके हाथ से मौका चूक जाता है।

अक्सर एक छोटा सा अवसर जिसे हम यह सोच कर अनदेखा कर देते हैं की  इससे कुछ नहीं होने वाला लेकिन एक छोटे अवसर में एक बड़ा अवसर भी छिपा रहता है। विनोबा भावे के अनुसार, “कई लोग असाधारण अवसरों की बात जोहा करते है, किन्तु वास्तव में कोई अवसर छोटा या बड़ा नहीं है।  छोटे से छोटे अवसर का प्रयोग करने से, अपनी बुद्धि को उसमें जुटा देने से वह छोटा अवसर बड़ा हो जाता है।” इसलिए अवसर को पहचाने क्योंकि एक बार यदि मौका चूक गया तो वो वापिस नहीं आता।

Hindi Inspirational Story About Right Opportunities

दोस्तों, यहाँ तीन कहानियां दी जा रहीं हैं जिससे आप जानेंगे की सही अवसर मिलने पर उसका उपयोग कर लेना चाहिए, वरना बाद में पछताना पड़ता है।

बैल की पूंछ

(1st Inspirational Stories on opportunity in Hindi)

एक किसान की बहुत ही सुन्दर बेटी थी। एक नौजवान लड़का उस किसान की बेटी से शादी की इच्छा लेकर किसान के पास आया। उसने किसान की बेटी से शादी करने की इच्छा जताई। किसान ने उसकी ओर देखा और कहा, युवक तुम खेत में जाओ, मैं एक एक करके तीन बैल छोड़ने वाला हूँ। यदि तुम तीनों बैलों में से किसी एक की भी पूँछ पकड़ लो तो मैं अपनी बेटी की शादी तुमसे कर दूंगा।

नौजवान इस आसान शर्त को सुनकर खुश हो गया और खेत में बैल की पूँछ पकड़ने की मुद्रा लेकर खडा हो गया। किसान ने खेत में स्थित घर का दरवाजा खोला। तभी एक बहुत ही बड़ा और खतरनाक बैल उसमे से निकला। नौजवान ने ऐसा बैल पहले कभी नहीं देखा था। अतः उससे डर कर नौजवान ने निर्णय लिया कि वह अगले बैल का इंतज़ार करेगा और वह एक तरफ हो गया जिससे बैल उसके पास से होकर निकल गया।

दरवाजा फिर खुला। आश्चर्यजनक रूप से इस बार पहले से भी बड़ा और भयंकर बैल निकला। नौजवान ने सोचा कि इससे तो पहला वाला बैल ठीक था। फिर उसने एक ओर होकर बैल को निकल जाने दिया।

दरवाजा तीसरी बार खुला। नौजवान के चहरे पर मुस्कान आ गई। इस बार एक छोटा और मरियल बैल निकला। जैसे ही बैल नौजवान के पास आने लगा, नौजवान ने उसकी पूँछ पकड़ने के लिए मुद्रा बना ली ताकि उसकी पूँछ सही समय पर पकड़ ले। पर यह क्या उस बैल की तो पूँछ ही नहीं थी।

तो दोस्तों, हर एक इंसान कि जिन्दगी अवसरों से भरी हुई है। कुछ सरल हैं और कुछ कठिन। पर अगर एक बार अवसर गवां दिया तो फिर वह अवसर दुबारा नहीं मिलेगा। अतः हमेशा प्रथम अवसर को हासिल करने का प्रयास करना चाहिए।

सुन्दर फूल 

(2nd Inspirational Stories on opportunity in Hindi)

एक युवा लड़का एक प्रसिद्ध साधु के पास गया और बोला कि महाराज मुझे कम समय में सबसे ज्यादा सफलता हांसिल करनी है, मैं नीचे शुरू नहीं करना चाहता, मुझे कोई ऐसा उपाय बताएं जिससे कि मैं सीधे मेरे लक्ष्य पर पहुंच जाऊं।

साधु ने कहा, “ठीक है मैं तुम्हें उपाय तो बता दूंगा, लेकिन पहले मेरा एक काम कर दो। मेरे इस बाग में से एक सबसे सुंदर फूल तोड़कर ले आओ, लेकिन ध्यान रखना एक बार आगे निकल जाओ तो पीछे पलट कर फूल नहीं तोड़ना है।

लड़का बोला , ठीक है महाराज, ये तो छोटा सा काम है ! मैं अभी एक सुन्दर सा फूल तोड़कर ले आता हूं, वह लड़का  बाग में गया तो उसे पहला ही फूल बहुत सुंदर लगा, लेकिन उसने सोचा कि आगे इससे भी अच्छे फूल होंगे। लड़का आगे बढ़ा, उसे एक से बढ़कर एक सुंदर फूल दिख रहे थे, लेकिन वह अच्छे से अच्छा फूल देखने के लिए आगे बढ़ता रहा।

जब वह बाग के अंत में पहुंचा तो वहां मुरझाए हुए और बेजान फूल थे। ये देखकर लड़का निराश हो गया और खाली हाथ ही संत के पास पहुंच गया।

साधु ने उससे पूछा कि तुम फूल लेकर नहीं आए, खाली हाथ क्यों आ गए। लड़के ने कहा कि महाराज में बाग में फूल तो बहुत अच्छे-अच्छे थे, लेकिन मैं सबसे सुंदर फूल की चाहत में आगे बढ़ता रहा। अंत में सभी फूल मुरझाए हुए थे, इस वजह से मैं खाली हाथ आ गया।

साधु ने उसे समझाते हुए कहा कि हमारे जीवन में भी ऐसा ही होता है। इसीलिए प्रारंभ से काम करना शुरू कर देना चाहिए। जैसे ही कोई अवसर मिले, उसका उपयोग कर लेना चाहिए। ज्यादा अच्छे अवसर के चक्कर में हाथ आए अवसर को नहीं छोड़ना चाहिए। वरना अंत में खाली हाथ लौटना पड़ता है।

रेत की थैली

(3rd Inspirational Stories on opportunity in Hindi)

तेनाली रामा अपनी बुद्धि और हास्य के लिए प्रशिद्ध थे। बात उस समय की है जब वो राजा कृष्णदेवराय के दरबार के सदस्य नहीं थे। एक बार जब राज गुरु नगर भ्रमण के लिए निकले तो उन्होंने राज गुरु से दरवार में सम्मलित होने और मनोरजन करने का अनुरोध किया।

तेनाली रामा ने अपनी लिखी कुछ हास्य पंक्तियाँ भी राज गुरु को दिखाई। राज गुरु ने उन्हें कह दिया कि ठीक है मैं महाराज से बात कर तुम्हें बता दूंगा।

कई हफ्ते बीतने के बाद भी राज गुरु को कोई जबाब जब नहीं आया तो तेनाली रामा ने खुद राज गुरु से मिलने का फैसला किया। जब राजगुरु ने उन्हें देखा तो वह आश्चर्यचकित हो गए कि रमन ने उसकी बातों को इतनी गंभीरता से लिया और मिलने भी आ पहुंचा।

उस समय फिर राज गुरु ने रामा को ताल दिया। लेकिन रामा हार मानने वाला नहीं था। वह बस राजा के लिए अपनी योग्यता साबित करने का एक मौके का इंतजार कर रहा था।

अगले दिन रमन रमन दरवार में पहुंच गया जहाँ एक प्रसिद्ध जादूगर राजा और उसके दरबारियों का मनोरंजन कर रहा था। खेल के अंत में जादूगर ने दरवार में मौजूद सभी दरवारियों को चुनौती दी कि अगर कोई आकर उसे हरा दे तो वो उसका गुलाम हो जायेगा।

कोई भी दरवारी आगे नहीं आया। यह देख राजा को शर्म आ गई। तभी रामा ने खड़े होकर घोषणा की कि वह जादूगर को चुनौती दे सकता है। राजा ने रामा को देखा और बोले, ‘ठीक है यदि तुम इस जादूगर को हरा दोगे तो तुम्हें सोने से भरा एक थैली उपहार में दिया जायेगा।

दूसरे दिन जब रामा दरवार की और जा रहे थे तभी उस जादूगर ने रामा को देखकर कहा “रामा तुमने चुनौती स्वीकार कर बहुत गलत दिया” तुम्हें सोने से भरी थैली तो नहीं मिलेगी हाँ मैं तुम्हें यह रेत से भरी थैली देता हूँ। जब जब इसे देखोगे तो मेरी याद आएगी। और हंसकर चल दिया।

दरवार में रमन ने उस जादूगर से कहा, क्या जो काम मैं अपनी आखे बंद करके कर सकता हूँ तो क्या वो काम तुम खुली आखों से कर सकते हो। जादूगर बिना सोचे समझे सहमत हो गया।

रामा ने वही रेत वाली थैली निकाली अपनी आखें बंद की और एक मुठी रेत निकालकर अपनी आखों पर रेख दी।जादूगर ने तुरंत हार मान ली क्योंकि वह जानता था कि वह अपनी आँखों के अंदर रेत नहीं डाल सकता है।

राजा रमन से बहुत खुश हुए और उन्हें एक सोने की थैली दी और उनकी बुद्धिमता से प्रसन्न होकर अपने दरवार में मंत्री के रूप में नियुक्त कर लिए।

इस प्रकार रामा ने उस अवसर का उपयोग किया जिसे उस जादूगर ने मात्र मज़ाक में रेत के रूप में दिया था। इसलिए हर चुनौती में एक बड़ा अवसर छिपा होता है। आशावादी हर कठिनाई में अवसर देखता है, पर निराशावादी प्रत्येक अवसर में कठिनाईयाँ ही खोजता है।

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