भगवान श्री कृष्ण द्वारा सफलता के 12 महान रहस्य – Great Success Secrets By Lord Krishna

Great Success Secrets

भगवद गीता (The Bhagavad Gita) में भगवान श्री कृष्ण ने हमें धर्म  लक्ष्य, जीवन, मानव स्वभाव और प्रेम से जुड़ी कई बातें सिखाई हैं। भगवद-गीता में बहुत सारे महान संदेश उपलब्ध हैं। इसी धार्मिक पुस्तक में भगवान श्री कृष्ण ने सफलता के कई महान रहस्य (Great Success Secrets) भी बताये हैं जो उन लोगों के लिए बहुत जरूरी हैं जो अपने जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं। तो आईये जानते हैं भगवद गीता से भगवान श्री कृष्ण द्वारा दिए गए उन अनमोल संदेशों को जो उन्होंने महाभारत के युद्ध से पूर्व अर्जुन को दिए थे।

भगवद गीता से सफलता के महान रहस्य  12  By Lord Krishna 

विफलता का मुख्य कारण क्रोध है। 
क्रोध हमारी सोचने समझने की शक्ति को नष्ट कर देता है। क्रोध में लिया निर्णय कभी भी उचित नहीं है। क्रोध हमारी बुद्धि में भटकाव पैदा करता है। अक्सर क्रोध के कारण हम गलत निर्णय ले लेते हैं जिसके कारण कभी-कभी हमारा सब कुछ नष्ट हो जाता है। क्रोध व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार की असफलताओं का मूल कारण है। लालच और वासना के आलावा क्रोध ऐसा तीसरा बड़ा कारण है जो हमे नर्क के द्वार की तरफ ले जाता है। क्रोध के कारण आप किसी का बुरा कर पायें या न कर पायें पर आप अपना बुरा यकीनन कर लेते हैं।

यदि आप अपने जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो मन को शांत रखते हुए क्रोध को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।

वो करो जिससे मन शांत हो।
भगवान कृष्ण कहते हैं: हे अर्जुन, निस्संदेह, मन बेचैन है और संयम करना कठिन है, लेकिन यह किसी भी निरंतर जोरदार साधना द्वारा वश में है – जैसे ध्यान – दृढ़ता के साथ, और वैराग्य से ।

मन में उलझन, गबराहट और अशांति नहीं होनी चाहियें। बाहर चाहें कितनी भी बड़ी दुविधा क्यों न हो यदि आप अंदर से शांत रहते हैं तो आप उस विपरीत परिस्थिति में भी सकारात्मक ऊर्जा महसूस करेंगे और सही निर्णय ले पाएंगे जो वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।

यदि आपको सफल होना है तो ध्यान एक व्यक्ति को सभी दुखों को दूर करने में मदद कर सकता है। ध्यान के द्वारा आपका मन शांत रहता है।

अपनी शक्ति को पहचाने।
आपके अंदर एक अद्भुत शक्ति है। यह एक सर्वोच्च शक्ति है जो आपको जीवित रखती है। आप कुछ भी कर सकते हो। इस छिपी हुई शक्ति पर हमेशा विश्वास करो। आप जो कर रहे हो उसे पूरे विश्वास के साथ करो। आपके अंदर की शक्ति हमेशा आपको सही बनाने के लिए आपके साथ होती है और आपको अद्भुत चीजें करने की ताकत देती है।

कर्तव्यों से कभी दूर मत भागो।
कर्तव्यों से दूर भागना सफलता का रास्ता नहीं है। इसलिए हमेशा कर्तव्यों को पूरी लगन के साथ पूरा करें। कर्तव्य हमारा अपने लिए भी है ,अपने माता पिता, परिवार, मित्र,शिक्षक, देश एवं समाज सभी के लिए होता है। इन सभी के लिए हमारी नैतिकता जो कुछ करने के लिए कहती है वही हमारा कर्तव्य है । बिना अपेक्षा के हमें जो करना चाहिए वही कर्तव्य की श्रेणी में आता है।

Great Success Secrets By Bhagwat Geeta

कभी संदेह मत कीजिये।
भगवद गीता के अनुसार, एक संदिग्ध व्यक्ति को इस दुनिया में शांति नहीं हो सकती है। संदेह करने वाला व्यक्ति दूसरों पर ही नहीं बल्कि खुद पर भी संदेह करता रहता है और अपने लक्ष्य को कभी भी हांसिल नहीं कर पाता। आप जो भी कर रहे हैं उसे पूरे विश्वास के साथ करने से ही आप सफल हो सकते हैं। यदि आपको यह संदेह है की आप सफल होंगे या नहीं तो आप अपनी ही सफलता पर संदेह कर रहे हैं। जहाँ संदेह होता है वहां विश्वास नहीं होता। इसलिए कभी संदेह मत कीजिए बल्कि अपने आप पर पूरा विश्वास रख कर आगे बढिये।

डर का सामना करो।
डर से बचने का सिर्फ एक ही तरीका है की उसका सामना किया जाये। यदि आपके अंदर कुछ खोने का डर रहेगा तो आप कुछ भी बड़ा नहीं पा सकते। किसी भी समस्या का दृढ़ता से सामना करना चाहिए। यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि अगर कोई डर न हो तो जीवन कितना सुंदर होगा।

धार्मिकता के मार्ग पर चलें।
महाभारत में एक स्थिति थी जहां अर्जुन दुविधा में थे और वो कृष्ण से पूछते हैं कि क्या वह अपने ही भाइयों के खिलाफ लड़ने के लिए सही हैं । कृष्ण ने उत्तर दिया कि तुम बुराई से लड़ रहे हो, चाहे वे तुम्हारे भाई ही क्यों न हों, बुराई को नष्ट करना ‘सही’ है।

चाहें जो भी परिस्थिति हो, हमेशा धार्मिकता के मार्ग पर चलो। ध्यान करो और अपनी आत्मा से पूछो की क्या सही है । आपके अंतरात्मा की आवाज़ भगवान की आवाज़ होती है। भगवान की आवाज को अंतरात्मा की आवाज के रूप में सुना जा सकता है और यह केवल तब किया जा सकता है जब हम कुछ समय के लिए शांत मन से ध्यान करते हैं।

परिणामों की परवाह मत करें।
कर्म करना आपका कर्तव्य है। परिणामों की परवाह मत करें। आप आपके कर्म, अपने कर्तव्य को नियंत्रण कर सकते हैं पर परिणामों पर आपका कोई भी नियंत्रण नहीं है। काम का फल आपका मकसद नहीं होना चाहिए, और आपको कभी भी निष्क्रिय नहीं होना चाहिए।

हमारे अधिकाशं फैसले तब प्रभावित होते हैं जब हम उनके परिणामों के बारे में ज्यादा सोचने लगते है। यदि सिर्फ आप पुरुस्कार के बारे में सोचते रहेंगे तो कर्म कैसे कर पाएंगे। इसलिए केवल कर्म करें। जो व्यक्ति परिणामों की चिंता नहीं करता वो कभी भी हार नहीं सकता।

परिवर्तन के लिए तैयार रहें।
परिवर्तन संसार का नियम है उसके लिए तैयार रहें। परिवर्तन ही जिंदगी का सार है चाहे वह जिंदगी हो या कुछ और, परिवर्तन के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। यदि आप इसके लिए तैयार नहीं होते तो आप कभी भी आगे नहीं बढ़ सकते। इसलिए परिवर्तन जरुरी है, अपने दिमाग को विचारशील बनाइये और मार्ग में आने वाली वधाओं का सामना कीजिये। हमें यह जानना जरूरी है की राहें कहां-कहां तक जायेंगी तथा कहां तक ले जाना है इसलिए हमेशा विचारशील बनकर रहिए।

Best Success Secrets By Bhagwat Geeta In Hindi

उच्च मानक निर्धारित करें।
जब आप कार्रवाई के अपने पाठ्यक्रम पर फैसला कर लेते हैं, तो अपने स्वयं के सफलता के मानकों को निर्धारित करें, अपनी खुद की सफलता को बेंचमार्क करें, और फिर नई ऊंचाई बनाएं। सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल करने वालों ने खुद को अधिक से अधिक स्तर हासिल करने के लिए प्रेरित किया है। वे खुद से प्रतिस्पर्धा करते हैं और अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में सीखना जारी रखते हैं। वे सफलता और विफलता के साथ मिलते हैं लेकिन फिर भी बढ़ते रहते हैं। और उनकी यात्राएँ हमें प्रेरित करती रहती हैं और हमारे जीवन को प्रकाश देती हैं।

हमेशा विनम्र रहें।
श्री कृष्ण सारी सृष्टि के स्वामी थे, फिर भी वे विनम्र थे और अपने बड़ों के प्रति सम्मान दिखाते थे- चाहे वह उनके माता-पिता हों, शिक्षक हो या उनके निर्धन मित्र सुदामा । वह उन्हें खुश करने के लिए हमेशा उत्सुक रहते थे । इस वजह से, लोग हर जगह उसकी मदद करने को तैयार थे।

यदि आप सफल होना चाहते है तो आपको हमेशा विनम्र रहना होगा। सभी के प्रति सम्मान दिखाना होगा। क्योंकि विनम्रता सारे सद्गुणों की नींव है। कवी प्रेमचंद ने कहा है – जहाँ नम्रता से काम निकल जाए वहां उग्रता नहीं दिखानी चाहिए। पूर्ण मनुष्य वहीं है जो पूर्ण होने पर और बड़ा होने पर भी नम्र रहता हो और सेवा में निमग्न रहता हो।

हमेशा एक रणनीति बनाकर चलें।
अपनी स्थिति से अवगत रहें, और व्यावहारिक रहें। कभी-कभी आपको Out of Box सोचना पड़ता है। श्री कृष्ण एक महान रणनीतिकार हैं। एक ओर प्रेम का पाठ पढ़ा कर कृष्ण हर किसी को समान दृष्टि से देखने की सीख देते हैं वहीं दूसरी ओर अर्जुन को युद्ध के लिए प्रेरित कर यह भी सिखाते हैं कि सब्र सिर्फ एक हद तक ही ठीक होता है और जब बात धर्म और मर्यादा की स्थापना की हो तो योनि और शस्त्र उठाने से घबराना नहीं चाहिए। एक उचित रणनीति आपको सफलता की और ले जाती है।

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2 Replies to “भगवान श्री कृष्ण द्वारा सफलता के 12 महान रहस्य – Great Success Secrets By Lord Krishna

  1. Bhagwan srikirshna ki safalta ke jo rahasya aapne bataye hain vah vastav me bahut acche hain.jinhe har insan ko apne jivan me utarna chahiye.

  2. श्री मद भगवद गीता के बारे में जो आपने बताया है वो प्रेरणा दायी है धन्यवाद मुकेश जी

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