सुखी जीवन जीने के लिए 12 आवश्यक नियम ! 12 Essential Rules to Live a Happy Life !

Happy Life Rules In Hindi

मैं हमेशा खुश कैसे रहूं ? अपने जीवन को एक सुखी जीवन में कैसे बदलूँ ? How to Live A Happy Life Essay ? यदि आप इस प्रश्न का उत्तर ढूढ़ रहे हैं तो आप सही जगह हैं ! इस लेख के जरिये हम आपको ख़ुश रहने के तरीके और माध्यम बतायेंगे जो आपके जीवन को सुखी बनायेंगे।

खुश रहने और सुखी जीवन का मतलब होता है अपने मन और अंदर से ख़ुशी का अनुभव और एहसास करना। सुखी जीवन यानि Happy Life जिसको पाने की चाह में व्यक्ति रात-दिन मेहनत करता है और जिस प्रकार की लाइफस्टाइल भरा जीवन हम जीते है उसे ही सुखी जीवन का मंत्र मानते है लेकिन वास्तव में हम में से कोई भी या बहुत कम लोग इस शब्द का वास्तविक मतलब जानते है | पहले की अपेक्षा भले ही आज जीवन सुख सुविधाओं से पूर्ण हैं, फिर भी व्यक्ति मानसिक रूप से सुख का अनुभव नहीं कर रहा है। इसके कई कारणों में से  एक प्रमुख कारण हैं संतुष्टि न  होना। जी हाँ, इस दुनियां में ऐसे लोग भी हैं जो छोटी छोटी चीज़ों में खुशी तलाश लेते हैं वहीं दूसरी और ऐसे भी लोग हैं जो सब कुछ होते हुए भी असंतुष्ट और दुखी रहते हैं। 

सुख और दुःख जीवन के दो पहिये जैसे हैं, यदि दुःख है तो सुख भी आता है और सुख है तो दुःख का सामना भी करना पड़ता है। भले ही आप कितनी  सुविधाएं क्यों न जुटा लें पर ख़ुशी इस बात पर निर्भर नहीं है क्योंकि सुखी जीवन – Happy Life को कोई मूल्य नहीं होता बल्कि हमारे साथ जो कुछ भी इस जीवन में होता है इसमें सुख और दुःख इस बात पर निर्भर करता है की हमारी प्रतिक्रिया कैसी है। हमारे नज़रिये की बागडोर हमारे हाथों में रहती है।

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सुखी जीवन जीने के लिए 12 आवश्यक नियम 12 Essential Rules to Live a Happy Life

जी हाँ सुखी जीवन का मतलब होता है अपने मन और अंदर से ख़ुशी का अनुभव और एहसास करना और अपने इस लेख के जरिये हम आपको ख़ुश रहने के तरीके और माध्यम (Ways to Live a Happy Life In Hindi) बतायेंगे जो आपके जीवन को सुखी बनायेंगे। आइये जानते हैं –

1. अपने अतीत की यादो से बाहर निकले 

यदि आप एक Happy Life चाहते है तो सबसे पहले हमेशा के लिए अपने अतीत की उन यादों को भुला दे जो आज भी आपको वर्तमान में तकलीफ देती है | यदि आप अपने वर्तमान में भी अपने अतीत से जुड़ी उन नकरात्मक घटनाओ को याद करते रहोंगे तो अपने वर्तमान में सुखी जीवन के पल का एहसास कभी भी महसूस नही कर पायेंगे | हो सकता है यह आसान न लगे पर नियमित प्रयास से यह संभव हो जाता है। सबसे अच्छा है कि खुद की सोच को सकारात्मक करते हुए अपने मन से स्वीकार कर लो कि अतीत में जो हुआ उसे आप बदल नही सकते है लेकिन जो कुछ हो चुका है उनसे सीखकर अपना नज़रिया बदले और आज अपने वर्तमान में हमेशा ही अच्छे कार्यो को करने की सोचे |

2. खुद की कमजोरियों और बुराईयों को स्वीकारें 

खुद की कमजोरियों और बुराईयों को स्वीकारना भी सुखी जीवन जीने का बहुत ही महत्वपूर्ण नियम है | जब तक आप अपने अंदर छुपी हुई कमजोरियों और बुराईयों को पहचानकर और स्वीकार करके उनका सामना नही करेंगे तब तक आप उन्हें दूर नहीं कर पाएंगे और तब तक आपके लिए अपने जीवन को खुशहाल बनाना बहुत ही मुश्किल होता है | इसीलिए सबसे अच्छा यही है कि हम अपने भूत और भविष्य में जो भी गलतियाँ कर चुके है या करते रहे है उनको खुले मन से माने और स्वीकार करके सुधारने की सोचे, अपनी अंदर छिपी बुराईयों और कमजोरियों को खुले दिल से माने और स्वीकारे और मन और अंतरात्मा की ताकत से उनका सामना करे और उन पर काबू प्राप्त करे |

3. खुद को पहचानना सीखे 

हमारे भीतर छुपी बुराइयों और अच्छाइयों को हमसे बेहतर दूसरा कोई व्यक्ति नहीं जान सकता इसलिए जीवन को Happy Life बनाने के लिए खुद को पहचानना (स्वयं अवलोकन) सीखे जिसके लिए आपको अपने जीवन के व्यस्त समय में से कुछ पल निकालकर आत्मचिंतन और आत्ममंथन करना चाहिये | आपको इस बात का एहसास होगा कि आप क्या चाहते है और आपके जीवन का लक्ष्य क्या है | ये सब आप तब तक प्राप्त नही कर सकते जब तक आप शांति से ध्यान लगाकर खुद के अपने मन के अंदर झाकने की कोशिश नही करेंगे या खुद के मन से बात और संवाद करने की कोशिश नही करेंगे | सबसे अच्छा उपाय ये है कि रोज सुबह उठकर भगवान का नाम ले, आँखे बंद करके ध्यान लगाये और अपने अंदर की छिपी हुई ताकत को पहचाने जिससे आप खुद के व्यक्तित्व की भी पहचान समझ पायेंगे |

4. दूसरो की सहायता करना सीखे 

दूसरो की सहायता करना भी सुखी जीवन जीने का बहुत ही महत्वपूर्ण नियम है | दूसरो की मुसीबत के वक़्त बिना किसी उम्मीद के सहायता करने से आपको हमेशा ही एक अलग सुकून का अनुभव करायेंगा जो आपके जीवन को खुशहाल भी बनायेंगा और जिस व्यक्ति की आपने उसके मुसीबत के वक़्त सहायता कि है वो भी आपको और आपके परिवार की खुशियों के लिए हमेशा भगवान से प्रार्थना करेंगा | वैसे भी ये बात तो दुनिया के सभी धर्मो के ग्रंथो और हमारे गुरुओ ने भी कहीं है कि सदा दूसरो की निस्वार्थ सेवा करना ही ईश्वर की भक्ति का सच्चा मार्ग होता है इसीलिए इसे ही प्रभु की भक्ति का मार्ग मानकर हमेशा दूसरो की बिना किसी उपेक्षा और लालच के सेवा करे |

5. दूसरों को माफ़ करना सीखे

जब खुद की गलती होती है तो हम उम्मीद करते हैं किस बस एक सॉरी बोलने भर से सामने वाला माफ़ कर देगा लेकिन जब दूसरा अपनी गलती के लिए आपसे माफ़ी की उम्मीद करता है तो हमारा रवैया बदल जाता है। शायद हम उसकी गलतियों को भुला नहीं पाते। खासकर जब चोट दिल पर लगी हो। लेकिन यह चोट न चाहते हुए भी आपको परेशान करती है। इसलिए सामने वाले को एक मौका जरूर दें और उसकी गलतियों को क्षमा करें। अपने जीवन को सुखी और खुशहाल बनाने के लिए हमेशा उन लोगो को माफ़ करना सीखे जिन्होंने आपको जीवन में कभी भी चोट या नुकसान पहुँचाया हो | ऐसा करने से आपको तो अंदर से एक अलग तरह के सुख और सुकून का अनुभव होंगा और आपके मन को भी बहुत शांति मिलेंगी | इसके साथ ही उस सामने वाले व्यक्ति को भी मन ही मन आपके साथ किये गये उस पाप और दुर्व्यवहार के लिए आत्मग्लानी और लज्जा का अनुभव होंगा और वो भविष्य में फिर किसी भी दूसरे व्यक्ति के साथ ऐसा करने की नही सोंचेगा और एक प्रकार से ये आपकी उस व्यक्ति पर भावनात्मक जीत का प्रतीक भी होंगा |

6. अपने परिवार के संग समय बिताये

सभी के जीवन का मूल आधार उसका परिवार होता है। व्यक्ति काम भी अपने परिवार की सुख सुविधा के लिए करता है। पर कुछ लोग अपने परिवार की सुख सुविधा का ध्यान तो रखते हैं पर परिवार के साथ ज्यादा समय (Quality Time) नहीं बिता पाते। अपने परिवार के संग बिताया हुआ समय न सिर्फ आपको बल्कि आपके परिवार के जीवन को भी  खुशहाल और सुखी बनाता है | परिवार के संग बिताया हुआ हर एक पल और समय आपको अंदर से एक ख़ास ख़ुशी का एहसास कराता है और आपकी Sad Life को Happy Life बनाता है। अपने परिवार के संग बिताया हुआ ये समय आपके जीवन के बहुत ही अनमोल और स्वर्णिम पल होते है और साथ ही सुखी जीवन का मूल मंत्र भी | ये वो कीमती समय होता है जिनका कोई भी मोल नही होता और यदि आपने अपने अपने परिवार के साथ इन खूबसूरत पलो को नही जिया तो चाहे आप पूरी दुनिया के सबसे धनवान और प्रतिष्ठित व्यक्ति भले ही बन जाए लेकिन कभी भी एक सुखी व्यक्ति नही बन पायेंगे इसीलिए हमेशा अपने परिवार, मित्रों के संग समय बिताये |

7. भगवान को जरुर याद करे 

अपने व्यस्त जीवन से कुछ समय निकालकर भगवान को याद और उनकी भक्ति जरुर करनी चाहिये | ऐसा करने से आपको अपने अंदर से आत्मशांति का अनुभव होता है और ख़ुशी भी महसूस होंगी जो कि सुखी जीवन के लिए बहुत जरुरी है | वैसे भी आज तक हम ये बात अपने सभी बुजुर्गो, गुरुओ और बड़ी-बड़ी ग्रंथो में सुनते और पढ़ते आये है कि अपने जीवन को सुखी बनाने के लिए भगवान की भक्ति से बड़ा कोई मार्ग नही होता | इसीलिए जब भी समय मिले अपने धर्म और प्रथाओ के अनुसार अपने प्रभु को जरुर याद करे, जिस किसी भी रूप में उसे मानते है माने जरुर, उनका आदर और सम्मान करे और उनसे अपने द्वारा जाने और अनजाने हुई किसी भी भूल और गलती के लिए क्षमा मांगे और हमेशा ही सत्य के मार्ग पर चलने की शक्ति भी |

8. सुबह योग और ध्यान करना सीखे 

योग और ध्यान न सिर्फ शारारिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए लिए भी परम लाभदायक है बल्कि  सुबह योग और ध्यान करना भी सुखी जीवन जीने के लिए बहुत आवश्यक नियम होते है | रोज योग और ध्यान करने से आपके मन को शांति और एक अनजाने बहुत भारी बोझ से भी मुक्ति का अनुभव होता है और आप हमेशा प्रसन्न रहते है और सुख का एहसास प्राप्त करते है | बस इसके लिए रोज अपने जीवन का एक नियम बना ले कि प्रत्येक दिन सुबह –सुबह उठकर आपको सबसे पहले अपने घर, किसी भी पार्क या बगीचे और कोई भी शांति वाले स्थान पर कम से कम आधा घंटा योग और ध्यान करना है | योग और ध्यान आपको अपने भीतर से आत्मबल, मन की शांति और सुख का अनुभव कराता है |

9. हमेशा हंसमुख और खुश रहना सीखें

यदि आप छोटी छोटी बातों पर दुखी हो जाते हैं इसी तरह छोटी छोटी बातों में खुशियां ढूढें। हालाँकि खुशियां आपके चारों और हैं लेकिन कई कारणों से हम दुखी होना आसान समझते हैं और खुश रहना मुश्किल। यदि आप एक Happy Life चाहते है तो हमेशा हँसमुख और खुश रहना सीखे | हँसमुख रहने के लिए जीवन की हर छोटी-छोटी बातो और पलो को जीना सीखे | वो बाते और पल जो आपको सुख का अनुभव कराती है उनको हमेशा याद रखे और जो बाते दुःख का एहसास कराये उन्हें अपने जीवन से बाहर कर दे | अपने जीवन की किसी भी घटना पर यदि आप उसके सकारात्मक पहलू पर ध्यान देंगें तो खुशियाँ आपकी तरफ आकर्षित होंगी। दूसरो की खुशियों को भी अपना माने | कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति की कोई भी बात का बुरा ना माने, किसी से भी इर्ष्या ना करे, कोई आपको कितना भी बुरा-भला कहे जब तक जरूरी न हो उसको कोई भी जवाब ना दे, दूसरो से अकारण या किसी भी परिस्तिथि में मत उलझे | अपने जीवन इन इन सब बातो को अपनाकर आपको हमेशा एक आत्म सुकून मिलेंगा और ख़ुशी की भी प्राप्त होगी |

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10. दूसरो से अपने आप की तुलना बंद करे 

कभी भी दूसरो से अपने आप की तुलना नही करनी चाहिये | ये मत सोचे कि यदि दूसरे व्यक्ति पर वो चीज़ और साधन है तो मुझ पर क्यों नही, मै उसके जैसा क्यों नही | इन सब बातो से आपको सिर्फ दुःख और ईर्ष्या का एहसास मिलेंगा, कोई ख़ुशी नही | बस ये सोचे कि जितना और जो भी आपको मिला है वो उस ऊपर वाले की असीम कृपा का आशीर्वाद है | हमेशा अपनी सोच ऐसी रखे कि आपको अपने व्यक्तित्व को किसी भी दूसरे के जैसा नही अपितु उससे बेहतर बनाना है | क्या पता कोई दूसरा भी हमसे अपनी तुला कर रहा हो इसलिए जिस दिन से आप दूसरो से अपनी तुलना बंद कर देंगे और पूरा ध्यान अपने व्यक्तित्व को सुधारने में लगायेंगे उस दिन से आपका जीवन भी खुशहाल और सुखी हो जायेंगा |

11. सच्चे और ईमानदार बने 

जीवन में एक सच्चा और ईमानदार इंसान बनना भी सुखी जीवन जीने के लिए बहुत ही जरुरी होता है | जीवन में सच्चाई और ईमानदारी आपको हमेशा एक आज़ादी का अनुभव कराती है जिससे आपको सुकून मिलता है और जीवन भी सुख से भरा रहता है | यदि आप सच्चे और ईमानदार व्यक्तित्व के है तो आप स्वयं को अंदर से बहुत हल्का और तनावमुक्त महसूस करेंगे क्योंकि आप अभी तक जीवन में अपनी इसी सच्चाई और ईमानदारी की बदौलत हर तरह के झूठ या पाप से मुक्त रहे है | एक बात और जीवन में सच्चाई और ईमानदारी ही प्रभु की भक्ति का सच्चा मार्ग होते है | यदि आपने जीवन भर प्रभु की भक्ति भी की हो लेकिन सदैव झूठ और पाप का साथ दिया हो तो वो सारी भक्ति का आपको अपने पूरे जीवनकाल में कोई फल नही मिलता है और ना ही जीवन के अंतिम पलो में कोई आत्मशांति | इसलिए सदैव हमेशा ही सच्चाई और ईमानदारी का साथ दे और अपने व्यक्तित्व को ऐसा ही बनाये |

12. धैर्य रखना सीखें 

कहते हैं कर्म, धैर्य और सहनशीलता ऐसी चाबियाँ है जिससे सफलता के ताले खुल जाते हैं। एक धैर्यवान व्यक्ति हमेशा मन से शांत, प्रसन्न और ऊर्जावान रहता है। हर परिस्थिति में धैर्य रखना सीखें क्योंकि समय बदल जाता है। आज बुरा तो कल अच्छा समय आएगा ही। धैर्य न रखने वाला व्यक्ति हर परिथिति में विचलित हो जाता है और सदैव दुखी रहता है। जब भी दुःख का सामना हो यानि आपका मन अप्रसन्न हो तो गहरी सांस लें और अपने अंदर की शक्ति को महसूस करें दुखी रहने के कारण को समझे और समस्या पर नहीं बल्कि उसके उपाए के बारे में सकारात्मक रूप से सोचें। यकीन माने आपका धैर्य रखना आपको जीवन में आने वाली समस्यायों से सामना करना सिखाएगा बल्कि आपको सुखी और खुशहाल जीवन जीने के लिए भी प्रेरित करेगा। 

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