वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन से जुड़ी कुछ दिलचस्प और रोचक बातें | Albert Einstein Facts in Hindi

Albert Einstein Facts

Albert Einstein Facts in Hindi ; अल्बर्ट आइंस्टीन का नाम कौन नहीं जनता, दुनिया के महान और अपने समय के सबसे बड़े एवं प्रतिभाशाली वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन  का जन्म 14 मार्च 1879 में जर्मनी में हुआ था। अल्बर्ट आइंस्टीन एक सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी थे उन्होंने ऐसे सिद्धांत दिए थे, जिसने विज्ञान जगत को पलट कर रख दिया।

अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में आप सभी बहुत कुछ जानते होंगे, पर वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन से जुड़ी कुछ रोचक, कुछ दिलचस्प बातें और कुछ किस्से जो शायद ही आप जानते होंगे। तो आइये जानते हैं अल्बर्ट आइंस्टीन से जुड़ी खास बातों को।

 अल्बर्ट आइंस्टीन से जुड़ी 40 रोचक, कुछ दिलचस्प बातें और कुछ किस्से Albert Einstein Facts in Hindi

Albert Einstein Childhood Facts

1- “दोस्तों हम सभी जानते हैं की अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च को मनाया जाता है। पर क्या आप जानते हैं की अल्बर्ट आइंस्टीन के जन्म दिन को ‘जीनियस डे’ के नाम से भी मनाया जाता है।”

2- “अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म जर्मनी के उल्म शहर में यहूदी परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता ने पहले उनका नाम उनके दादा के नाम पर ‘अब्राहम’ रखा था, लेकिन यह नाम कुछ ज़्यादा ही यहूदी जैसा था, तब उन्होंने उनका नाम ‘अल्बर्ट’ रख दिया।”

3- “हम सभी जानते हैं कि अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग काफी तेज़ था, पर क्या आप जानते कि बचपन में उनका दिमाग सामान्य बच्चों के दिमाग से काफी बड़ा था। जब पहली बार उनके परिवार ने देखा, तो वो चकित रह गए। हालांकि बढ़ती उम्र के साथ ही एल्बर्ट का दिमाग भी सही शेप में ढलने लगा।”

4- “आइंस्टीन के दिमाग में एक औसत इंसान के दिमाग में मौजूद सेल से कई ज्यादा सेल थे इसी वजह से वो इतने बुद्धिमान थे ! दरअसल आइंस्टाइन की मृत्यु के बाद उनके परिवार की अनुमति के बिना उनका दिमाग निकाल लिया गया था। यह अनैतिक कार्य Dr. Thomas Harvey द्वारा उनके दिमाग पर रिसर्च करने के लिए किया गया था। 1975 में उनके बेटे Hans की आज्ञा से उनके दिमाग के 240 सैंपल कई वैज्ञानिकों के पास भेजे जिन्हें देखने के बाद उन्होने पाया कि उन्के दिमाग में आम इन्सान से ज्यादा cells की गिनती है।”

5- “एक बार अल्बर्ट आइंस्टाइन को उनके गणित के प्रोफेसर ने उन्हें ‘लेजी डॉग’ तक कह दिया था क्योंकि वह पढ़ाई में बहुत ही ज्यादा कमजोर थे।”

6- “अल्बर्ट आइंस्टीन की शिक्षा से सम्बंधित एक रोचक कहानी है “एक बार उन्होने अपनी मां को एक पत्र देते हुए कहा, माँ अध्यापक ने यह पत्र आपको देने के लिए कहा है। उसकी मां ने जैसे ही वह पत्र पढ़ा वह मन ही मन मुस्कुराने लगी। मां को मुस्कुराता देख आइंस्टीन ने कारण पूछा, जिस पर मां ने बड़े प्यार से कहा, बेटा इसमें लिखा है कि आपका बेटा कक्षा में सबसे होशियार है। हमारे पास ऐसे अध्यापक नहीं हैं, जो आपके बच्चे को पढ़ा सकें। इसलिए आप इसका एडमिशन किसी और स्कूल में करो दो। यह सुन आइंस्टीन बहुत खुश होगए और पूरी लग्न से साथ पढाई में जुट गए। और बड़े होकर एक महान वैज्ञानिक बन गए। जब उनकी मां का भी निधन हो गया। तो एक दिन आइंस्टीन ने मां की अलमारी खोली तो पाया उसमें उनके टीचर का लिखा हुआ वहीं पत्र था, जो उन्होंने कभी उस छोटे से बच्चे को उसकी मां को देने के लिए कहा था। आइंस्टीन ने वह पत्र खोला और पढ़ने लगे, आपको ये बताते हुए हमे बहुत दुख है कि आपका बेटा पढ़ाई-लिखाई में बहुत ही कमजोर है। जिस तरह से इसकी उम्र बढ़ रही है, उस तरह से इसकी बुद्धि का विकास नहीं हो रहा है। इसलिए हम इसे स्कूल से निकाल रहे हैं। आप इसका एडमिशन किसी दूसरे स्कूल में करवा दीजिये। नहीं तो घर में इसे पढ़ाइए।”

7- “अल्बर्ट आइंस्टीन 10 घण्टे से भी ज्यादा समय तक सोया करते थे। इसके अलावा उन्हें कार चलाना भी पसन्द नही था, इसके बजाय उन्हें पैदल चलना और बाइक दौड़ाना ज़्यादा भाता था।”

8- “आइंस्टीन की व्यस्तता के चलते उनका तलाक हो गया था। जब उन्हें नोबेल प्राइज मिला तो उस पैसे को तलाक के बाद अपनी पत्नी को दे दिया था।”

9- “आइंस्टीन को सिगार पीने का भी बहुत शौक था। कहा जाता है कि वो अपनी बुद्धि का श्रेय अपनी धूम्रपान की लत को दिया करते थे।”

10- “गैलीलियो गैलिली उनके सबसे पसंदीदा वैज्ञानिक थे। और रोचक बात यह है कि जिस वर्ष आइजक न्यूटन का जन्म हुआ उसी वर्ष गैलीलियो की मृत्यू हुई और जिस वर्ष आइंस्टीन का जन्म हुआ उसी वर्ष मैक्सवेल का स्वर्गावास हुआ।”

Best Facts Albert Einstein In Hindi

11- “क्या आप जानते हैं की चार साल की उम्र तक अल्बर्ट ठीक ठीक तरह से बोल भी नहीं पाते थे । तभी एक दिन खाना खाते हुए वह अचानक से बोल उठे – “सूप बहुत गरम है!” इस बात पर माता-पिता ने जब हैरानी से पूछा कि – “आज तक तुमने कुछ बोला क्यों नहीं?” तो उन्होंने बड़ी सरलता से उत्तर दिया “क्योंकि आज से पहले मुझे इस घर में कोई दिक्कत ही नहीं हुई।”

12- “दोस्तों क्या आप जानते हैं की अल्बर्ट आइंस्टीन ने कभी मोज़े नहीं पहने क्योंकि उन्हें इनसे काफी तकलीफ होती थी। साथ ही साथ उनमे जल्दी से छेद भी हो जाते थे और न ही कभी शेविंग क्रीम का उपयोग किया, और और तो और उन्होंने अपने बाल को कंघी करना भी बिलकुल पसंद नहीं था, इसलिए वे अपने बाल को कभी कंघी नहीं करते थे। लेकिन आज उनका बिना कंघी किया हुआ हेयर स्टाइल जीनियस हेयर स्टाइल के नाम से जाना जाता है।”

13- “आइंस्टीन को संगीत में खासी रूचि थी। उनकी माँ वायलिन बजाया करती थी, जिससे उन्हें अंदर से काफी सुकून मिलता था। अल्बर्ट ने एक बार यह तक कह दिया था कि “यदि वे एक वैज्ञानिक न होते तो जरूर एक संगीतज्ञ होते !” हालांकि वह बहुत ही अयोग्य संगीतकार थे। कई बार तो धुरंधरों के बीच में बैठकर भी बेसुरा संगीत आत्मविश्वास के साथ बजाते थे और लोगों की ओर दाद देने के लिए देखते। बाकी लोग हंसते, लेकिन उनकी पत्नी हमेशा उनकी हौसलाअफजाई करतीं। इसके अलावा उन्हें पक्षियों की आवाज़े सुनना भी बहुत पसन्द था।”

14- “दोस्तों, अल्बर्ट आइंस्टीन बड़ी बड़ी बातों को याद रख लेते थे. पर क्या आप जानते हैं अक्सर छोटी छोटी बाते वो भूल जाया करते थे। वो अक्सर तारीखें, फोन नंबर और नाम भूल जाया करते थे।”

15- “अल्बर्ट आइंस्टीन को अपनी स्कूली शिक्षा व्यवस्था से बहुत घृणा थी। उनके कुछ विषयों के शिक्षक उन्हें एक आदर्श छात्र जबकि कुछ अन्य विषयों के शिक्षक उन्हें एक मूर्ख छात्र समझा करते थे।”

16- “एक बार अल्बर्ट आइंस्टाइन ट्रेन में सफर कर रहे थे। जब टिकट चेकर उनके पास आया तो वह अपनी टिकट दिखाने के लिए अपना हाथ जेब में डालें। जेब में टिकट ना मिलने पर उन्होंने अपने सूटकेस को चेक किया वहां भी टिकट को ना पाकर वह टिकट को अपनी सीट के आसपास खोजने लगे। यह देख कर टिकट चेकर ने अलबर्ट आइंस्टाइन से कहा कि तुम्हारा टिकट गुम हो गया हो तो, कोई बात नहीं मैं तुम्हें अच्छी तरह से पहचानता हूँ, मुझे पूरा यकीन है की आपने टिकट जरूर खरीदा होगा। टीटी जब बाकी के लोगों का टिकट चेक करके वापस जा रहा था, तो उसने देखा कि अल्बर्ट आइंस्टाइन अभी भी अपनी सीट के नीचे अपना टिकट को ढूंढ रहे हैं। टीटी ने फिर से कहा कि आपको टिकट के लिए परेशान होने के जरूरत नहीं आपसे टिकट नहीं मांगा जाएगा। यह सुन सुनकर अल्बर्ट आइंस्टाइन ने कहा, वो तो ठीक है पर टिकट के बिना मुझे पता कैसे चलेगा कि मैं कहां जा रहा हूं ?”

17- “एक बार की बात है अल्बर्ट आइंस्टीन लगभग पांच साल के रहे होंगे। उनके पिताजी ने उन्हें खेलने के लिए एक दिशासूचक कंपास दिया। उस कंपास को देख कर आइंस्टीन ये सोचने लगे की इस कम्पास की सुई किस बल से घूमती है, और यहीं से उन्हें विज्ञान में रुचि शुरू हो गयी।”

18- “दोस्तों, अल्बर्ट आइंस्टीन को नोबेल प्राइज उनके थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी के खोज के लिए नहीं बल्कि फोटोइलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट के लिए मिला था !”

19- “अल्बर्ट आइंस्टीन ने केवल 16 वर्ष की उम्र (सन 1895) में ही उन्होंने अपना पहला वैज्ञानिक शोध पत्र निकाला था, जिसका नाम उन्होंने रखा- “चुम्बकीय क्षेत्र में रखे ईथर की अवस्था की जांच (ON THE INVESTIGATION OF THE STATE OF ETHER IN A MAGNETIC FIELD).”

20- “जब आइंस्टाइन एक विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे, तब एक दिन एक छात्र उनके पास आया वह बोला कि सर इस साल परीक्षा में वही प्रश्न आए हैं जो पिछले साल के परीक्षा में आए थे। तो अल्बर्ट आइंस्टाइन का उत्तर था “इस साल उत्तर बदल गए हैं ।”

Scientist Albert Einstein Facts In Hindi 

21- “उन्हें गणित से अधिक रुचि भौतिक विज्ञान में थी, इसीलिए वे एक गणितज्ञ नहीं बल्कि एक वैज्ञानिक बने। उनकी विज्ञान के प्रति रुचि का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 15 साल की उम्र का होने से पहले ही अवकलन व समाकलन (Differential & Integral Calculus) जैसे कठिन चीजों में महारथ हासिल कर ली थी।”

22- “जब वह 17 साल के थे तो कॉलेज एंट्रेंस के सारे एग्जाम में गणित और विज्ञान को छोड़कर सभी विषयों में फेल हो गए थे।”

23- “एक बार आइंस्टाइन के एक सहकर्मी ने उनसे उनका टेलीफोन नंबर पूछा तब आइंस्टाइन अपने पास रखी डायरी में अपना टेलीफोन नंबर ढूंढने लगे। सहकर्मी चकित होकर बोला आपको अपना खुद का टेलीफोन नंबर भी याद नहीं है। अल्बर्ट आइंस्टाइन बोले नहीं मैं किसी ऐसे चीज को भला क्यों याद रखूं, जो मुझे किताब में ढूंढने से मिल जाती है।”

24- “अल्बर्ट आइंस्टीन को विज्ञान के अलावा और किसी चीज़ में दिलचस्पी नहीं थी। कहा जाता है की सन 1952 में उनको इसराइल का राष्ट्रपति बनने का ऑफर भी आया था, लेकिन उन्होंने यह कह कर मना कर दिया की वो राजनीती के लिए नहीं बल्कि विज्ञान के लिए बने हैं।”

25- “अल्बर्ट आइन्स्टीन के प्रेम के किस्सो की एक लम्बी लिस्ट है। अपनी दूसरी पत्नी एल्सा के होते हुए भी उन्होंने 6 अन्य महिलाओं के साथ सम्बन्ध रखे। उनकी मृत्यु के बीस साल बाद उनकी सौतेली बेटी ने उनके 1500 पत्र प्रकाशित किये जिनमें उनके लगभग 6 प्रेम संबंधो का खुलासा हुआ।”

26- “आइन्स्टीन की लोकप्रियता और उनकी विद्वता के चलते महिलाएं खूब उनकी और आकर्षित होती थीं। एक बार जर्मनी की एक महिला जिसे वे M कहते थे, उनसे मिली और उनके प्रेम में डूब गई। उसने आइंस्टीन पर तोहफो की बौछार कर दी। वे कुछ समय जर्मनी में साथ रहे और फिर आइंस्टीन लंदन आ गये। वह उनके पीछे लंदन आ गई। उसके बाद आइंस्टीन अमरीका चले गये। वह वहां भी पहुँच गई। उनकी ऐसी ही रूसी प्रेमिका भी थी, जिसे वह जासूस कहते थे। उसने भी आइंस्टीन के पीछे लगभग आधी दुनियां का चक्कर लगा लिया था।”

27- “टाइम मशीन की कल्पना भी सबसे पहले आइंस्टीन ने ही की है और इस विषय पर उन्होंने कई शोध भी किये थे।”

28- “आइंस्टीन को नई भाषाएं सीखने में काफी दिक्कत होती थी। तभी तो जर्मन ही केवल एकमात्र भाषा थी, जिसे वह ठीक से बोल-समझ पाते थे।”

29- “अल्बर्ट आइंस्टीन अपने पूरे जीवन एक मानसिक रोग ‘Psychiatric Disorder’ से पीडित रहे, जिसके कारण वे हर चीज़ को दो से तीन बार दोहराया करते थे। उन्हें चीजों को टेक्स्ट के बजाय पिक्चर्स के रूप में याद रखना ज़्यादा पसन्द था। वो कहते थे कि वह कोई भी ऐसी चीज याद नहीं रखते जिसे 2 मिनट में ढूंढा जा सकता हो।”

30- “अल्बर्ट आइंस्टीन कहते थे कि उनका दिमाग उनकी प्रयोगशाला थी और फाउंटन पेन उनका उपकरण। जब लोग आइंस्टाइन से उनकी प्रयोगशाला के बारे में पूछते थे तो वे केवल अपने सर की ओर इशारा करके मुस्कुरा देते थे। एक वैज्ञानिक ने उनसे उनके सबसे प्रिय उपकरण के बारे में पूछा तो आइन्स्टीन ने उसे अपना फाउंटन पेन दिखाया।”

Facts of Albert Einstein in Hindi

31- “दोस्तों हम सभी जानते हैं की अलबर्ट आइंस्टाइन कि सभी खोजें विश्व प्रसिद्ध है, लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा प्रसिद्धि तब मिली जब उन्होंने सबसे प्रशिद्ध खोज सापेक्षतावाद का सिद्धांत अर्थात E = mc2 की खोज की। जापान में गिरा बम इसी फार्मूले पर आधारित थे, जिससे बाद में आइंस्टीन को बहुत अफ़सोस हुआ की उनके द्वारा दिए गए सूत्र का इस्तेमाल पूरी मानवता को ख़त्म करने के लिए किया जा सकता है ! अलबर्ट आइंस्टाइन जिंदगी भर अपने इस गलत प्रयोग के विरुद्ध थे।”

32- “अल्बर्ट आइंस्टीन दोनों हाथों से लिख सकते थे। हालाँकि ज्यादातर वे दाएं हाथ से लिखा करते थे।”

33- “अल्बर्ट आइंस्टीन लोगों को हमेशा प्रेरित रखने के लिए अपने ऑटोग्राफ दिया करते थे, वो अपनी कमाई दान में दे दिया करते थे। वो अपने सिग्नेचर के लिए 5 डॉलर लेते थे और एक स्पीच के लिए 1000 डॉलर लेते थे और बाद में इन पैसो को वे चैरिटी में दान कर देते थे !”

34- “दोस्तों उनकी याद्दाश्त को लेकर काफी किस्से प्रचलित हैं। उनमें से एक किस्सा है जब आइंस्टाइन प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में कार्यरत थे, तो एक दिन वो यूनिवर्सिटी से घर वापस आते समय अपने घर का पता ही भूल गए। यद्यपि प्रिंसटन के अधिकतर लोग आइंस्टाइन को पहचानते थे किंतु वह जिस टैक्सी में बैठे थे, उस टैक्सी का ड्राइवर उन्हें नहीं पहचानता था। आइंस्टाइन ने ड्राइवर से कहा कि क्या तुम्हें आइंस्टाइन का पता मालूम है? तो ड्राइवर ने जवाब दिया प्रिंसटन में भला कौन उनका पता नहीं जानेगा। यदि आप उनसे मिलना चाहते हो तो मैं आपको उनके घर तक पहुंचा सकता हूं। तब आइंस्टाइन ने ड्राइवर को बताया की वही अल्बर्ट आइंस्टाइन है, और अपने घर का पता भूल गए हैं। यह जानकर टैक्सी ड्राइवर ने उन्हें उनको घर तक पहुंचाया और आइंस्टाइन के बार-बार आग्रह करने के बावजूद भी टैक्सी का भाड़ा नहीं लिया।”

35- “अल्बर्ट आइंस्टीन की दो पत्नियां थीं ‘मिलवा मैरिक तथा एल्सा आइंस्टीन’ आइंस्टीन के अपनी जीनियस पत्नी मिलेवा से तीन बच्चे हुए।”

Albert Einstein Hindi Facts

36- “अल्बर्ट आइंस्टीन की दो पत्नियां थीं ‘मिलवा मैरिक तथा एल्सा आइंस्टीन’ आइंस्टीन के अपनी जीनियस पत्नी मिलेवा से तीन बच्चे हुए।”

37- “आइंस्टीन चाहते तो और भी जी सकते थे उनके अंतिम समय में डॉक्टर्स ने उनका ऑपरेशन करना चाहा, लेकिन उन्होंने यह कह कर मना कर दिया की आर्टिफीसियल तरीके से जीने में कुछ मजा नहीं है, मुझे जितना जीना थे मैंने जी लिया है।”

38- “अल्बर्ट आइंस्टीन दुनिया के 3 देशों नागरिक रहे. वे जन्म से 1901 तक जर्मनी के; 1901 से 1932 तक स्विट्ज़रलैंड के तथा 1932 से 1955 यानी मृत्यू तक अमेरिका के नागरिक रहे।”

39- “अपने जीवन के अंतिम दिनों में अल्बर्ट पूरे ब्रह्मांड को एक साथ व्यक्त करने वाले सिद्धान्त (UNIFIED THEORY) पर काम कर रहे थे, किन्तु उनके निधन के कारण इस थ्योरी पर आगे काम नहीं हो पाया।”

40- “दोस्तों आइंस्टीन ने मरने से पहले अपने अंतिम क्षणों में उनके कमरे में मौजूद नर्स को जर्मन भाषा में कुछ कहा था, लेकिन उस नर्स को जर्मन भाषा नहीं आती थी, तो इसी के साथ आइंस्टीन के कहे अंतिम शब्द एक राज की तरह दफ़न हो गए।”

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