इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति की सफलता की कहानी ~ Infosys Co-founder Narayana Murthy Success Story

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एन.आर. नारायण मूर्ति भारत के सबसे सफल व्यवसायियों में से एक हैं। उन्होंने 1981 में अपने छह दोस्तों के साथ इंफोसिस की स्थापना की, और आज यह भारत की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों में से एक है। आइये जानते हैं   Infosys Co-founder Narayana Murthy Success Story :

Infosys Co-founder Narayana Murthy Success Story

नारायण मूर्ति का जन्म 20 अगस्त, 1946 को मैसूर, भारत में हुआ था। उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और फिर आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री प्राप्त की।

नारायण मूर्ति ने अपने करियर की शुरुआत पाटनी कंप्यूटर सिस्टम्स में की, जहां उन्होंने छह साल तक काम किया। 1979 में, उन्होंने पाटनी कंप्यूटर सिस्टम्स को छोड़ दिया और अपने स्वयं के सॉफ्टवेयर कंपनी की स्थापना करने का फैसला किया।

1981 में, नारायण मूर्ति और उनके छह दोस्तों ने इंफोसिस की स्थापना 10,000 रुपये की पूंजी से शुरू। कंपनी का पहला कार्यालय एक छोटे से अपार्टमेंट में था, और कंपनी में केवल छह कर्मचारी थे। 1987 में इंफोसिस ने अपना पहला बड़ा अनुबंध, डेटा जनरल से $1 मिलियन का सौदा हासिल किया। 1992 में इंफोसिस NASDAQ स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय आईटी कंपनी बनी। 1996 में इंफोसिस ने अपना ग्लोबल डिलीवरी मॉडल लॉन्च किया, जिसने आईटी सेवाओं को वितरित करने के तरीके में क्रांति ला दी।हालांकि, कंपनी जल्दी से बढ़ी, और 1999 में यह NASDAQ में सूचीबद्ध हो गई।

2002 में इंफोसिस 1 अरब डॉलर के राजस्व का आंकड़ा पार करने वाली पहली भारतीय आईटी कंपनी बनी और 2008 में इन्फोसिस ने इन्फोसिस फाउंडेशन लॉन्च किया, जो एक गैर-लाभकारी संगठन है जो भारत में सामाजिक विकास परियोजनाओं पर काम करता है।

2011 में मूर्ति ने इंफोसिस के सीईओ पद से इस्तीफा दिया, लेकिन बोर्ड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं। उन्होंने कंपनी को एक वैश्विक नेता बनने में मदद की है, और इंफोसिस आज दुनिया भर में 250,000 से अधिक कर्मचारियों को रोजगार देती है।

2014 में परिवर्तन के दौर में कंपनी की मदद करने के लिए मूर्ति इंफोसिस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में लौटे। 2017 में मूर्ति दूसरी बार इंफोसिस से सेवानिवृत्त हुए।

नारायण मूर्ति को उनकी उपलब्धियों के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। उन्हें 1999 में पद्म श्री और 2000 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। उन्हें 2004 में दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।

नारायण मूर्ति एक प्रेरणादायक उद्यमी हैं जिन्होंने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी सफलता की कहानी भारत और दुनिया भर के लोगों के लिए एक प्रेरणा है।

नारायण मूर्ति की सफलता की कहानी के कुछ प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:

एक मजबूत विजन और दृढ़ संकल्प: नारायण मूर्ति को हमेशा से भारत में एक मजबूत सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग बनाने का सपना था। उन्होंने अपने सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत की और कभी हार नहीं मानी।

एक मजबूत टीम: नारायण मूर्ति ने अपने दोस्तों और परिवार के समर्थन से इंफोसिस की स्थापना की। उन्होंने एक मजबूत टीम का निर्माण किया जो कंपनी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नवाचार और अनुकूलन: नारायण मूर्ति हमेशा नई तकनीकों और अवसरों को अपनाने के लिए तैयार रहे हैं। उन्होंने इंफोसिस को एक नवाचार-उन्मुख कंपनी के रूप में विकसित किया है जो लगातार बदलते बाजार की मांगों को पूरा करने में सक्षम है।

मूर्ति दुनिया भर के उद्यमियों और व्यापारिक नेताओं के लिए एक आदर्श हैं। वह अपनी विनम्रता, सत्यनिष्ठा और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। उनकी सफलता की कहानी हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। नारायण मूर्ति की सफलता की कहानी हमें यह सिखाती है कि कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और नवाचार के माध्यम से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।

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