Earthquakes : भूकंप क्यों आते हैं: कारण और निवारण

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भूकंप ( Earthquakes) एक प्राकृतिक आपदा है जो हमारे ग्रह पृथ्वी पर नियमित रूप से आती रहती है। वे गहराई और परिमाण में भिन्न हो सकते हैं, उनकी घटना में कई अलग-अलग कारक योगदान करते हैं। इस लेख में, हम उन कारणों पर चर्चा करेंगे कि भूकंप क्यों आते हैं और उनके प्राथमिक कारणों का पता लगाएंगे।

भूकंप के दौरान, भूमिगत चट्टानों के बीच के जोड़ को “फॉल्ट” कहा जाता है, जिसमें एक बड़ी रिहाई होती है और यह दबाव को बढ़ाव देती है। इसके परिणामस्वरूप, चट्टानें या भूमिगत प्लेटें आपसी गति में हिलने लगती हैं और भूमिगत प्लेट के ऊपर वाले भाग को “सेकंडरी विलिंग” कहा जाता है, जो भूकंप की जड़ के पास होता है। यह गति कारण है कि जगह की जमीन हिल जाती है और हम उसको भूकंप के रूप में अनुभव करते हैं।

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दुनिया में सबसे ज्यादा भूकंप ( Earthquakes) आने वाली जगहें निम्नलिखित हैं:

दुनिया में सबसे ज्यादा भूकंप आने वाली जगहें निम्नलिखित हैं:

  • रिंग ऑफ फायर: प्रशांत महासागर के चारों ओर स्थित एक वृत्ताकार क्षेत्र जो दुनिया में सबसे अधिक भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोटों का घर है। इस क्षेत्र में जापान, इंडोनेशिया, फिलीपींस, न्यूजीलैंड, और चीन सहित कई देश शामिल हैं।
  • भूमध्यसागरीय क्षेत्र: यह क्षेत्र यूरोप, एशिया, और अफ्रीका को जोड़ता है। इस क्षेत्र में तुर्की, इटली, ग्रीस, और मोरक्को सहित कई देश शामिल हैं।
  • पश्चिमी उत्तरी अमेरिका: इस क्षेत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, और मेक्सिको शामिल हैं।
  • हिमालय क्षेत्र: यह क्षेत्र भारत, चीन, और नेपाल सहित कई देशो को जोड़ता है।
  • दक्षिण अमेरिका: इस क्षेत्र में चिली, पेरू, और बोलीविया सहित कई देश शामिल हैं।

इन क्षेत्रों में भूकंप आने का कारण प्लेट टेक्टॉनिक्स है। प्लेट टेक्टॉनिक्स सिद्धांत के अनुसार, पृथ्वी की सतह सात बड़ी प्लेटों में विभाजित है। ये प्लेटें लगातार गतिमान होती हैं, और जब वे एक-दूसरे से टकराते हैं या एक-दूसरे के नीचे खिसकते हैं, तो इससे भूकंप हो सकता है।

इन क्षेत्रों में भूकंप की तीव्रता भी अधिक होती है। रिक्टर पैमाने पर 9 तीव्रता का भूकंप विनाशकारी होता है। इस तरह के भूकंप से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो सकती है और भारी नुकसान हो सकता है।

भारत में सबसे ज्यादा भूकंप ( Earthquakes) आने वाली जगहें

भारत एक भूकंपीय रूप से सक्रिय देश है। यहां हर साल कई भूकंप आते हैं। भारत में सबसे अधिक भूकंप उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में आते हैं।

भारत में सबसे ज्यादा भूकंप आने वाले क्षेत्रों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • हिमालय क्षेत्र: हिमालय क्षेत्र भारत, चीन, और नेपाल के बीच स्थित है। यह क्षेत्र प्लेट टेक्टॉनिक्स के कारण भूकंपीय रूप से सक्रिय है। इस क्षेत्र में 1905 में कांगड़ा भूकंप, 1934 में बिहार भूकंप, और 2005 में कश्मीर भूकंप सहित कई बड़े भूकंप आए हैं।
  • पूर्वी घाट क्षेत्र: पूर्वी घाट क्षेत्र भारत के पूर्वी तट के साथ स्थित है। यह क्षेत्र भी प्लेट टेक्टॉनिक्स के कारण भूकंपीय रूप से सक्रिय है। इस क्षेत्र में 2001 में गुजरात भूकंप और 1991 में कर्नाटक भूकंप सहित कई बड़े भूकंप आए हैं।
  • कच्छ का रण क्षेत्र: कच्छ का रण भारत के पश्चिमी तट पर स्थित एक रेगिस्तानी क्षेत्र है। यह क्षेत्र भी प्लेट टेक्टॉनिक्स के कारण भूकंपीय रूप से सक्रिय है। इस क्षेत्र में 2001 में गुजरात भूकंप सहित कई बड़े भूकंप आए हैं।

भारत में भूकंप के जोखिम को कम करने के लिए, सरकार कई उपाय कर रही है। इन उपायों में भूकंपरोधी इमारतों का निर्माण, भूकंप के बारे में जागरूकता बढ़ाना, और भूकंप से निपटने के लिए योजना बनाना शामिल है।

भूकंप (Earthquakes) क्यों आते हैं?

भूकंप एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें पृथ्वी की ऊपरी परत, जिसे टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है, के भीतर हलचल होती है, जिसके परिणामस्वरूप उपसतह दबाव उत्पन्न होता है। इस प्रक्रिया के पीछे प्रमुख कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं:

टेक्टोनिक प्लेट मूवमेंट:

पृथ्वी की ऊपरी परत कई टुकड़ों में बंटी हुई है जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये प्लेटें लगातार हिल रही हैं, एकत्रित हो रही हैं और एक दूसरे से टकरा रही हैं। जैसे ही वे परस्पर क्रिया करते हैं, वे प्लेट की सीमाओं पर तनाव पैदा करते हैं, और जब यह तनाव बहुत अधिक हो जाता है और प्लेट की चट्टान टूट जाती है या खिसक जाती है, तो यह भूकंप को ट्रिगर करता है। इस घटना को “टेक्टॉनिक प्लेट मूवमेंट” कहा जाता है और यह भूकंप का एक महत्वपूर्ण चालक है।

ज्वालामुखी गतिविधि:

ज्वालामुखी विस्फोट से भी भूकंप आ सकते हैं। ज्वालामुखी से निकलने वाले पिघले लावा की प्रक्रिया से पृथ्वी की परत के भीतर दबाव बढ़ सकता है, जिससे तनाव पैदा हो सकता है और भूकंप आ सकता है। इस प्रकार का भूकंप अक्सर ज्वालामुखीय क्षेत्रों से जुड़ा होता है और इसे “ज्वालामुखीय भूकंप” के रूप में जाना जाता है।

मानवीय गतिविधियाँ:

मानवीय गतिविधियाँ, जैसे खनन, जलाशय-प्रेरित भूकंपीयता (आरआईएस), और हाइड्रोलिक फ्रैक्चरिंग (फ्रैकिंग), भूकंप को प्रेरित कर सकती हैं। इन मानव-प्रेरित भूकंपों को अक्सर “प्रेरित भूकंपीयता” कहा जाता है। उदाहरण के लिए, जब किसी बांध या जलाशय के पीछे बड़ी मात्रा में पानी जमा हो जाता है, तो इससे उपसतह दबाव बढ़ सकता है और भूकंपीय घटनाएं हो सकती हैं।

दोष और दोष क्षेत्र:

पृथ्वी की पपड़ी भ्रंशों, दरारों और भ्रंश क्षेत्रों से भरी हुई है जहां चट्टानें एक-दूसरे के विपरीत चली गई हैं। जब तनाव इन दोष रेखाओं पर बनता है और अंततः निकल जाता है, तो यह भूकंप का कारण बन सकता है। कैलिफ़ोर्निया में सैन एंड्रियास फ़ॉल्ट जैसे ज्ञात फ़ॉल्ट लाइन वाले क्षेत्रों में यह एक सामान्य घटना है।

निष्कर्ष:

निष्कर्ष में, भूकंप को विभिन्न प्राकृतिक और मानव-प्रेरित कारकों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसमें टेक्टोनिक प्लेट की हलचल हमारे ग्रह पर भूकंपीय गतिविधि का प्राथमिक चालक है। भूकंप के प्रभाव को कम करने और भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भूकंप के कारणों को समझना आवश्यक है। भूकंप के जोखिमों पर विचार करने वाली तैयारी, प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली और भवन डिजाइन भूकंप से जुड़े संभावित नुकसान और जीवन की हानि को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

भूकंप ( Earthquakes) से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब !

भूकंप क्या है यह कैसे आते हैं?

भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जिसमें पृथ्वी की सतह अचानक हिलने लगती है। यह हिलना पृथ्वी की आंतरिक संरचना में अचानक ऊर्जा के मुक्त होने से होता है। भूकंप का केंद्र, जिसे हाइपोसेंटर कहा जाता है, आमतौर पर पृथ्वी की सतह से कई किलोमीटर नीचे होता है। भूकंप के कारण होने वाले कंपन को भूकंपीय तरंगों के रूप में जाना जाता है। भूकंपीय तरंगें पृथ्वी के माध्यम से यात्रा करती हैं और इमारतों, सड़कों और अन्य संरचनाओं को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

भूकंप के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे आम कारण प्लेट टेक्टॉनिक्स है। प्लेट टेक्टॉनिक्स सिद्धांत के अनुसार, पृथ्वी की सतह सात बड़ी प्लेटों में विभाजित है। ये प्लेटें लगातार गतिमान होती हैं, और जब वे एक-दूसरे से टकराते हैं या एक-दूसरे के नीचे खिसकते हैं, तो इससे भूकंप हो सकता है।

भूकंप के अन्य संभावित कारणों में शामिल हैं:

ज्वालामुखी विस्फोट
भूस्खलन
परमाणु विस्फोट
जलाशय का भराव

भूकंप की तीव्रता को रिक्टर पैमाने पर मापा जाता है। रिक्टर पैमाने पर 0 से 9 तक की तीव्रता होती है। 0 तीव्रता का भूकंप महसूस नहीं किया जा सकता है, जबकि 9 तीव्रता का भूकंप विनाशकारी होता है।

भूकंप का पूर्वानुमान लगाना एक कठिन काम है। हालांकि, वैज्ञानिक भूकंप की संभावना का आकलन करने के लिए भूकंपीय गतिविधि के आंकड़ों का उपयोग कर सकते हैं।

भूकंप से बचाव के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

भूकंपरोधी इमारतों का निर्माण
भूकंप के समय सुरक्षित स्थानों की पहचान करना
भूकंप के बारे में जागरूकता बढ़ाना
भारत एक भूकंपीय रूप से सक्रिय देश है। यहां हर साल कई भूकंप आते हैं। भारत में सबसे अधिक भूकंप उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में आते हैं।

सबसे ज्यादा भूकंप ( Earthquakes) कहां पर होते हैं?

दुनिया में सबसे ज्यादा भूकंप रिंग ऑफ फायर में आते हैं। यह प्रशांत महासागर के चारों ओर स्थित एक वृत्ताकार क्षेत्र है। इस क्षेत्र में जापान, इंडोनेशिया, फिलीपींस, न्यूजीलैंड, और चीन सहित कई देश शामिल हैं। रिंग ऑफ फायर में भूकंप आने का कारण प्लेट टेक्टॉनिक्स है। प्लेट टेक्टॉनिक्स सिद्धांत के अनुसार, पृथ्वी की सतह सात बड़ी प्लेटों में विभाजित है। ये प्लेटें लगातार गतिमान होती हैं, और जब वे एक-दूसरे से टकराते हैं या एक-दूसरे के नीचे खिसकते हैं, तो इससे भूकंप हो सकता है।

रिंग ऑफ फायर में भूकंप की तीव्रता भी अधिक होती है। रिक्टर पैमाने पर 9 तीव्रता का भूकंप विनाशकारी होता है। इस तरह के भूकंप से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो सकती है और भारी नुकसान हो सकता है।

रिंग ऑफ फायर के अलावा, भूमध्यसागरीय क्षेत्र, पश्चिमी उत्तरी अमेरिका, हिमालय क्षेत्र, और दक्षिण अमेरिका भी भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में भी भूकंप आने का कारण प्लेट टेक्टॉनिक्स है।

भारत में सबसे बड़ा भूकंप ( Earthquakes) कब हुआ था?

भारत में सबसे बड़ा भूकंप 1934 में बिहार-नेपाल भूकंप था। यह भूकंप 15 जनवरी, 1934 को सुबह 2:13 बजे आया था। भूकंप का केंद्र नेपाल के पूर्वी भाग में था, और इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8.0 थी। इस भूकंप से भारत और नेपाल में 10,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और भारी नुकसान हुआ था।

भारत में अन्य बड़े भूकंपों में शामिल हैं:

  • 1905 का कांगड़ा भूकंप, जिसकी तीव्रता 8.7 थी।
  • 2005 का कश्मीर भूकंप, जिसकी तीव्रता 7.6 थी।
  • 2001 का गुजरात भूकंप, जिसकी तीव्रता 7.7 थी।

भारत एक भूकंपीय रूप से सक्रिय देश है। यहां हर साल कई भूकंप आते हैं। भारत में सबसे अधिक भूकंप उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में आते हैं।

भूकंप ( Earthquakes) से बचने के लिए क्या करें?

भूकंप से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • भूकंपरोधी इमारतों में रहें। भूकंपरोधी इमारतें भूकंप के झटकों को सहन करने में सक्षम होती हैं।
  • अपने घर में सुरक्षित स्थानों की पहचान करें। भूकंप के समय, फर्श पर बैठना या लेटना सबसे सुरक्षित होता है।
  • एक इमरजेंसी किट तैयार रखें। इमरजेंसी किट में भोजन, पानी, दवाएं, और अन्य आवश्यक सामान होने चाहिए।
  • भूकंप के बारे में जागरूकता बढ़ाएं। अपने परिवार और दोस्तों को भूकंप से बचाव के बारे में बताएं।

भूकंप ( Earthquakes) के दौरान निम्नलिखित सावधानियां बरतें:

  • यदि आप घर में हैं, तो फर्श पर बैठ जाएं या लेट जाएं और अपने सिर और गर्दन को अपने हाथों से ढक लें।
  • यदि आप बाहर हैं, तो किसी खुली जगह में जाएं और पेड़ों, बिजली के खंभों, और अन्य ऊंची संरचनाओं से दूर रहें।
  • यदि आप कार में हैं, तो कार को किनारे पर रोकें और फर्श पर बैठ जाएं।
  • भूकंप के बाद निम्नलिखित सावधानियां बरतें:
  • आग और बिजली के तारों से दूर रहें।
  • यदि आपकी इमारत क्षतिग्रस्त है, तो अंदर न रहें।
  • अपने आसपास के लोगों की मदद करें।

भूकंप से बचने के लिए हमें इन उपायों को ध्यान में रखना चाहिए। इससे हम अपने और अपने परिवार को भूकंप से बचा सकते हैं।

यहां कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं जो आपको भूकंप ( Earthquakes) से बचने में मदद कर सकते हैं:

  • अपने घर में सभी भारी वस्तुओं को सुरक्षित स्थानों पर रखें, जैसे कि दीवारों के पास या फर्श पर।
  • अपने घर में एक आपातकालीन अलार्म स्थापित करें।
  • अपने परिवार के साथ एक आपातकालीन योजना बनाएं और उसे नियमित रूप से अभ्यास करें।
  • भूकंप के बारे में जानकारी के लिए अपने स्थानीय आपातकालीन प्रबंधन विभाग से संपर्क करें।
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