महादेव की तीसरी आँख की पौराणिक कथा ~ Lord Shiva – Third Eye Mythological Tale

Lord Shiva - Third Eye Mythological Tale

Lord Shiva – Third Eye Mythological Tale भगवान शिव के तीनों आँखों के विषय में एक रोचक कथा है। यह कथा शिवजी एवं माता पार्वती के साथ एक मनोहारी विवाद पर आधारित है।

महादेव की तीसरी आँख की पौराणिक कथा ~ Lord Shiva – Third Eye Mythological Tale

एक दिन, माता पार्वती ने अपने पति, भगवान शिव से पूछा, “हे महेश्वर! आपकी तीन आँखें क्यों हैं? क्या उनका कोई विशेष महत्व है?”

शिव ने मुस्कुराते हुए कहा, “देवी, मेरे प्रत्येक आंख का एक विशेष अर्थ है।”

पार्वती ने उत्सुकता से पूछा, “कृपया, मुझे वह विशेष अर्थ बताएं।”

शिव ने उत्तर देते हुए कहा, “पहली आंख से मैं सम्पूर्ण ब्रह्मांड की सृष्टि, स्थिति और संहार को देखता हूँ। इससे मुझे सबकुछ दिखाई देता है और मैं सभी जीवों के साथ-साथ यहां के ब्रह्मांडिक कार्यों को निरंतर नियंत्रित करता हूँ।”

पार्वती आश्चर्य से बोली, “अच्छा, लेकिन दूसरी आंख का क्या महत्व है?”

शिव ने उन्हें देखते हुए कहा, “प्रिया, दूसरी आंख से मैं मनुष्यों के अन्तरंग कल्याण को देखता हूँ। मैं जानता हूँ कि हर मनुष्य का मन और भावनाएं अलग-अलग होती हैं। इस आंख से मैं उनके कर्मों और मन की गहराई को समझता हूँ और उनके अंतरंग कल्याण के लिए उन्हें मार्गदर्शन करता हूँ।”

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पार्वती आदर से बोली, “वाह! यह बहुत उत्तम है। और तीसरी आंख का महत्व क्या है प्रभु ?”

शिव ने गंभीरता से कहा, “प्रिया, तीसरी आंख से मैं सभी जीवों की पीड़ा और दुःख को देखता हूँ। जब कोई जीव दुखी होता है, तब मैं उसे समझता हूँ और उसके दुख को कम करने के लिए उसका साथ देता हूँ। मेरी तीसरी आंख मुझे संसार की सभी समस्याओं का अनुभव कराती है और मुझे जीवों के दुख को दूर करने के लिए प्रेरित करती है।”

पार्वती अभिमान से बोली, “हे ईश्वर! आप बेहद विशेष हो, आपकी आंखें अनंत जगत की ओर निरंतर देखती हैं और जीवों का कल्याण करती हैं।”

शिव ने प्यार से हंसते हुए कहा, “प्रिया, यही मेरी तीनों आंखों की विशेषता है। यह विशेष शक्ति द्वारा मैं विश्वास दिलाता हूँ कि मैं सभी जीवों के कल्याण एवं उनके भाग्य का विधाता हूँ और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए उनके पास हमेशा रहूँगा।”

इस पौराणिक कथा से हमें यह ज्ञान होता है कि भगवान शिव की तीनों आंखें विश्वास, करुणा और सादगी का प्रतीक हैं। यह हमें याद दिलाती है कि जीवन में हमें परमेश्वर पर विश्वास रखना चाहिए, दूसरों के प्रति करुणा रखनी चाहिए और सादगी से जीवन जीना चाहिए।

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