पैसे कमाने के 4 पाठ जो आप Rich Dad Poor Dad से सीख सकते हैं ! 4 Lessons to Make Money By ‘Rich Dad, Poor Dad’! (Book Summary In Hindi)

Rich Dad-Poor Dad Book Summary In Hindi

Robert T. Kiyosaki द्वारा लिखी “Book – Rich Dad Poor Dad – Lessons to Make Money (Book Summary In Hindi) में दी सभी बातें आपको वित्तीय स्वतंत्रता दिलाने और पैसे कमाने के बारे में कैसे सोचना है के एक बड़े खाके का एक हिस्सा है। इस किताब को पढ़ने के बाद इसकी प्रभावित करने वाली बातों में वो 4 अहम् बातें या कहें तो 4 ख़ास पॉइंट हैं जो हर उस व्यक्ति को जरूर पता होने चाहिए जो अमीर बनना चाहता है, अपने परिवार को सुख सुविधा देना चाहता है।

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Lessons to Make Money By ‘Rich Dad Poor Dad’! (Book Summary In Hindi)

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‘रिच डैड, पुअर डैड’ किताब से 4 महत्वपूर्ण सबक ((Book Summary In Hindi)) जो आपके पैसे के बारे में सोचने का तरीका बदल देंगे।

1- पैसे के बारे सोचने का तरीका –

इसकी  Book Summary In Hindi यहां प्रस्तुत हैं ;

रॉबर्ट कियोसकी ने अपने दो पिता गरीब पिता और अमीर पिता का उल्लेख किया है। उनके पहले पिता (Poor Dad) जो मानते थे की कोई चीज खरीदना इतना आसान नहीं होता। दूसरी तरफ उनके दूसरे पिता (Rich Dad) को हमेशा इस बात से चिढ होती थी। उनका मानना था की कोई चीज़ आप कैसे खरीद सकते हो इसके बारे में सोचें !

उन दोनों पिता की बातों में सोच कर फर्क है। पहले पिता के पैसे के बारे में नकारात्मक विचार थे. जबकि दूसरे पिता पैसे के बारे में सकारात्मक रूस से सोचने के बारे में बताते हैं।

“याद रखें, आपका दिमाग आपकी सबसे बड़ी संपत्ति है, इसलिए इस बात की सावधानी रखें कि आप इसमें क्या (विचार) डालते हैं।”

पहले पिता सिर्फ ‘न’ करके बात को ख़त्म कर देते थे। पैसे को लेकर वो अपनी सोच को न सिर्फ सीमित रखते थे बल्कि नकारात्मक भी रखते थे। इसके विपरीत दूसरे पिता पैसे को लेकर सकारात्मक रहते थे। पैसे को लेकर वो प्रश्न करते थे की कैसे हम उस चीज़ को हांसिल कर सकते हैं।

हमारा दिमाग ऐसे ही काम करता है। जब कोई व्यक्ति किसी बस्तु के बारे में सोचता है की वो उसे नहीं खरीद सकता तो उसका दिमाग भी सोचना बंद कर देता है। लेकिन जब कोई व्यक्ति खुद से यह प्रश्न करता है की किसी चीज़ को कैसे खरीद सकते हैं तो दिमाग भी सोचना शुरू कर देता है और उस चीज़ को पाने के लिए काम करना शुरू कर देता है।

2- ज्यादातर लोग पैसे के लिए काम करते हैं – अमीर लोग पैसे से अपना काम कराते हैं !

इसकी  Book Summary In Hindi यहां प्रस्तुत हैं ;

“एक मध्यम वर्ग का व्यक्ति जीवन भर पैसे के लिए काम करता है जबकि एक अमीर व्यक्ति सारी उम्र पैसे से अपने लिए काम करवाता है।”

रॉबर्ट कियोसकी (Writer ‘Rich Dad-Poor Dad’) के गरीब पिता अनिवार्य रूप से नौकरी करके पैसे कमाने को महत्त्व देते थे। हालाँकि यह गलत सोच भी नहीं है, कम से कम अपने जीवन की शुरुआत में तो नहीं। धन के निर्माण की दिशा में पहला कदम एक बुनियादी आय पैदा करना है जो नौकरी करके ही संभव है। निश्चित रूप से नौकरी पैसे कमाने का सबसे सुविधाजनक तरीका है।

लेकिन बहुत से लोग नौकरी से चिपक जाते हैं। उनके अमीर पिता का कहना था कि  जिन लोगों में अमीर बनने और बहुत पैसा कमाने का गुण होता है उन्हें जल्दी ही एहसास हो जाता है कि अमीर बनने के लिए उन्हें ऐसा व्यक्ति बनने की ज़रूरत है जो दूसरों को नौकरी पर रखते हैं। “अमीर बनने के गुण वाले लोग पैसे से पैसा कमाने का काम करते हैं।”

पैसे कमाने वाले लोग व्यवसाय के स्वामी के रूप में काम करते हैं। वो अनुभवी और कौशल और क्षमताओं वाले लोगों को नौकरी पर रखते हैं। उदाहर के लिए आप या तो दूसरों को कर्मचारियों के रूप में रख सकते हैं या उप-ठेकेदारों का उपयोग उस काम को करने के लिए कर सकते हैं जो आय उत्पन्न करता है। अनिवार्य रूप से, आप फ्रंट-लाइन कार्यकर्ता के बजाय व्यवसाय के ओवरसियर बन जाते हैं।

जैसे-जैसे व्यवसाय अधिक लाभदायक होता जाता है, पैसे वाले लोग अपने व्यवसाय को बड़ा करते जाते हैं। पैसे वाले लोग अपने पैसे का इस्तेमाल करते हैं। “पैसे वाले लोग अपने पैसे से काम कराते हैं” उन लाभों (पैसे) में से कुछ को अपना व्यवसाय बनाने और अपनी आय बढ़ाने में निवेश करते हैं।

3- यह मायने नहीं रखता कि आप कितना पैसा कमाते हैं – यह मायने रखता है कि आप कितना पैसा बचाते हैं !

इसकी  Book Summary In Hindi यहां प्रस्तुत हैं ;

रॉबर्ट कियोसकी के अमीर पिता पैसे को बचाने पर ज़ोर देते थे। पैसे बचाने की आदत उन व्यवहारों में से एक है जो अमीरों को सबसे अलग करता है। इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि आप कितना पैसा कमा रहे हैं बल्कि इस बात से फर्क पड़ता है कि आप उन पैसों को कहा और कैसे खर्च करते हैं।

“अपने खर्चों में कटौती करने की तुलना में अपनी आय बढ़ाना अधिक महत्वपूर्ण है।”

वैसे तो सभी लोग पैसे की बचत करते हैं लेकिन अमीर लोग उन पैसों को अलमारी या गुल्लक में नहीं रखते हैं बल्कि अपने पैसे को ऐसी जगह invest करते हैं जिससे उनकी आय हो। इसमें कोई संदेह नहीं है कि पैसे की बचत केवल तभी की जा सकती है जब आप फ़ुज़ूल खर्ची रोक सकें।

आप बचत करके और उसे निवेश करके लगातार अपनी आय बढ़ा सकते हैं लेकिन जब आप उस चीज़ पर खर्चा करते हैं जो आपको कोई आय न दे पाय तो आप अपने उस पैसे को ब्लॉक कर देते हैं। इसके विपरीत आपकी आय और उसकी बचत और निवेश योगदान कुछ वर्षों में बढ़ सकते हैं। अतः आप कितना पैसा रखते हैं, और उसे निवेश करते हैं तो समय-समय पर आपके द्वारा किए गए निवेश धन बढ़ता जाता है।

4- संपत्तियां खरीदें, देनदारियां नहीं !

इसकी  Book Summary In Hindi यहां प्रस्तुत हैं

“अमीर लोग संपत्ति बनाते हैं और बहुत से लोग देनदारियां, जो उन्हें लगता है कि संपत्ति हैं।”

कोई भी अमीर आदमी या तो उसे पैसा विरासत में मिला है या स्व-निर्मित अमीर, वो हमेशा अपनी आय और सम्पति को बढ़ाता है। आप किसी भी अमीर व्यक्ति को देखें और इस बात की एक उत्कृष्ट संभावना है कि उसने अपना अधिकांश जीवन ऐसी संपत्ति अर्जित करने में बिताया है जो आय उत्पन्न करती है।

“कियोसाकी एक संपत्ति को ऐसी चीज के रूप में परिभाषित करते हैं जो आपकी जेब में पैसा डालती है। एक दायित्व वह है जो आपकी जेब से पैसा निकालता है।”

गरीब पिता उपर्युक्त विचारधार से बिलकुल वपरीत थे, वे अपने पैसे को व्यक्तिगत संपत्ति में “निवेश” करते हैं, जिसे वे संपत्ति मानते हैं। जैसे की अपना घर। अधिकांश लोग इसे अपनी सबसे बड़ी संपत्ति के रूप में समझते हैं, और यहां तक ​​कि अपनी आय का एक अनुपातहीन प्रतिशत भी इसे प्राप्त करने और बनाए रखने के लिए समर्पित करते हैं।

भले ही आप अपने घर के मालिक हैं लेकिन यह आय पैदा करने वाली संपत्ति नहीं है। इसके आलावा इसे दुरुस्त रखने के लिए भी खर्चा करना पड़ता हैं। जो की वास्तव में एक निवेश नहीं है।

घर के आलावा इस तरह की सम्पत्तियों में कार, मनोरंजन उपकरण, फर्नीचर आदि शामिल हैं। आप इन सब चीज़ों के होने पर अच्छा महसूस कर सकते हैं, लेकिन कोई आय उत्पन्न नहीं कर सकते।

कियोसाकी के अनुसार, गरीब और मध्यम वर्ग के लोग जो बड़ी गलती करते हैं, वह संपत्ति के बजाय देनदारियों को खरीदने में अपना जीवन व्यतीत करना है। वह सिखाते हैं कि अगर आप अमीर बनना चाहते हैं तो आपको बस अपना जीवन संपत्ति खरीदने में खर्च करने की जरूरत है।

“अक्सर, जितना अधिक पैसे आप कमाते हैं उतना अधिक खर्च कर देते हैं; इसीलिए अधिक पैसे आपको अमीर नहीं बनाते- संपत्ति आपको अमीर बनाती है।”

उपर्युक्त बातें पढ़ कर आपके मन में यह ख्याल आ सकता है की क्या हम घर, गाड़ी या फिर सुख सुविधा की कोई चीज न ख़रीदे ? तो इसका जबाब देते हुए रिच डेड, पुअर डेड के लेखक रोबर्ट कियोसाकि कहते है की आप इन चीजों को खरीदों, लेकिन शुरुआत में नहीं बल्कि बाद में, जब आपकी सम्पतियों से पैसा मिलने लग जाए।

पैसे और सम्पति का फर्क बताते हुए लेखक कहते हैं की ;

अधिकतर लोग अपनी नौकरी को संपत्ति मान लेते हैं और वे सोचते हैं कि इससे हमें इनकम मिल रही है तो यह हमारे लिए एक संपत्ति का साधन है। जबकि संपत्ति वह होती है जिसमें आपको बिना काम करें भी इनकम मिलती रहे।

जब किसी गरीब या मिडिल क्लास व्यक्ति को पैसा मिलता है तो वे सबसे पहले अपने सुख सुविधा की चीजें खरीदते हैं। जबकि दूसरी तरफ एक अमीर व्यक्ति उस पैसे से और अधिक संपत्ति खरीदता है ताकि उसके पास और अधिक पैसा आ सके।

Conclusion :

हर कोई पैसे कमाने के लिए काम करता है। एक कर्मचारी के रूप में आप हमेशा पैसे के लिए काम करते हैं। चूंकि आपके पास अपने नियोक्ता को देने के लिए केवल इतना ही समय है, यह इस बात की एक पूर्ण सीमा बनाता है कि आप कितना कमा सकते हैं।

इसके विपरीत, यदि आपने अपने कौशल को व्यवसाय का रूप दे देते हैं या किसी प्रोडक्ट को बेचना शुरू करने का निर्णय कर लेते हैं तो आप अपनी आय को कई गुना तक बढ़ाते जाते हैं। जब आप स्व-रोज़गार होते हैं, तो आप जो कमा सकते हैं उसकी कोई सीमा नहीं होती है। जितना अधिक आप कमा सकते हैं, उतना ही आप वास्तविक धन प्राप्त करने के लिए बचत और निवेश कर सकते हैं।

पैसे को लेकर अपनी सोच को सीमित न रखें। आप ‘किसी चीज़ को नहीं खरीद सकते’ की बजाए सोचें की आप किसी चीज़ को कैसे खरीद सकते हैं और आपका दिमाग उस चीज़ को पाने के लिए काम करना शुरू कर देता है।

पैसे के लिए काम करके आप सीमित काम कर सकते हैं और सीमित आये कमा सकते हैं जबकि अपने पैसे को काम पर लगाकर आप असीमित पैसा कमा सकते हैं जब आप सो रहें हो तब भी।

केवल कामना ही पर्याप्त नहीं हैं; खर्च करने से पहले बचाना सीखें और अपनी बचत को निवेश करें जिससे आप और अधिक बचत कर सकें और निरंतर अपनी सम्पति में बढ़ोत्तरी करते रहें।

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