चार मूर्ख की कहानी – अकबर बीरबल कहानियां | Story of Four fools in Hindi

Story of Four fools

अकबर-बीरबल की कहानियों की श्रृंखला में Akbar Birbal Story In Hindi Series में हम लेकर आये हैं अकबर बीरबल की पांच लघु कहानियां | चार मूर्ख की कहानी – अकबर बीरबल कहानियां | Story of Four fools in Hindi आइये जानते हैं ;

चार मूर्ख की कहानी  Story of Four fools in Hindi

एक दिन मनोरंजन के समय बादशाह के मन में यह बात आई-‘‘संसार में मूर्खों की संख्या तो अमित है, परन्तु मैं ऐसे चार मूर्ख देखना चाहता हूँ जिनकी जोड़ के दूसरे
न हों।’’ उसने बीरबल से कहा-‘‘बीरबल! चार मूर्ख इस ढंग के तलाश करो कि जिनकी जोड़ के दूसरे न मिलें।’’

बीरबल बादशाह की आज्ञा मानकर नगर से बाहर निकला। ढूढ़ने वालों को क्या नहीं मिल सकता, केवल सच्ची लगन होनी चाहिये। कुछ दूर जाकर बीरबल को एक आदमी दिखाई पड़ा जो थाली में पान का एक जोड़ा बीड़ा और मिठाई लिये हुये बड़े उत्साह से नगर की तरफ जल्दी जल्दी भागा जा रहा था।

बीरबल ने उस आदमी से पूछा-‘‘क्यों साहब! यह सब सामान कहाँ लिये जा रहे हो, जो आपका पैर खुशीके कारण जमीन पर नही पड़ता, आपके मर्म को जानने की मुझे बड़ी इच्छा है अत एवं थोड़ा कष्ट कर बतलाते जाइये।’’

उस आदमी ने पहले तो बीरबल की बातों पर ध्यान नही दिया कि कहीं उचित समय पर पहुँचने में देर न हो जाय। परन्तु जब बीरबल ने उसे छेड़कर कई बार पूछा तो वह मटक कर बोला-‘‘यद्यपि मुझे विलम्ब हो रहा है परन्तु आपके इतना आग्रह करने पर बतला देना भी जरूरी है।

‘‘मेरी औरत ने एक दूसरा पति कर लिया है उससे उसे लड़का पैदा हुआ है, आज बरही है। मैं उसीका बधावा लिये हुए न्योते में जा रहा हूँ। बीरबल ने उसे अपना नाम बतला कर रोक लिया और बोला ‘‘तुझे मेरे साथ बादशाह के पास चलना पड़ेगा, जब मैं छुट्टी दूँगा तब जाना। वह बीरबल का नाम सुनकर डर गया और लाचार होकर उसके साथ चल दिया।

वह उसको साथ में लेकर आगे बढ़ा, दैवयोग से रास्ते में एक घोड़ी सवार मिला। वह आप तो घोड़ी पर सवार था परन्तु अपने सिर पर घास का बंडल ढो रहा था। बीरबल ने उससे पूछा-‘‘क्यों भाई! यह क्या मामला है, आप अपने सिर का बोझ घोडी पर लादकर क्यों नहीं ले जाते?’’

उसने कहा- ‘‘गरीबपरवर! इसका कारण यह है कि मेरी घोड़ी बीमार है ऐसी दशा में उसपर इतना बोझ नहीं लादा जा सकता, मुझे ले जा रही है यही क्या कम गनीमत है।

बीरबल इस घोड़ी सवार को भी अपने साथ ले लिया और दोनों को लिये दिये बादशाह के पास पहुँचा।

तब बीरबल बोला-‘‘पृथ्विीनाथ! चारों मूर्ख आपके सामने उपस्थित हैं।’’ बादशाह तो दो को ही देख रहा था अतएवं बोला-‘‘तीसरा मूर्ख कहाँ है?’’

बीरबल ने कहा-‘‘तीसरा नम्बर हुजूर का है जो आपको ऐसे ऐसे मूर्खों के देखने की
इच्छा होती है। और चौथा मूर्ख मैं हूँ जो उन्हें ढूढ़कर आपके पास लाता हूँ।’’

बादशाह को बीरबल के ऐसे उत्तर से बड़ी हंसी आई और जब उन्हें उनकी मूर्खता का परिचय मिला तो और जोर से खिलखिलाकर हँस पडे़।

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