भाई बहन के प्यार का प्रतीक दिवाली भाई दूज का पर्व Diwali Bhai Dooj 2022 हर साल भारत के लगभग हर राज्य में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। वैसे हर साल रक्षाबंधन भाई बहन के पवित्र प्यार और सम्मान का त्यौहार मनाया जाता है लेकिन इसके अतरिक्त दीपावली के बाद गोवेर्धन पूजा के दूसरे दिन भाई दूज मनाया जाता है, इसके अतरिक्त होली के बाद भी कहीं कही भाई दूज मनाया जाता है।
भैया दूज मनाने को लेकर पौराणिक कथा
Diwali Bhai Dooj 2022 :
भैया दूज त्यौहार का मुख्य उद्देश्य, भाई-बहन के मध्य सद्भावना, तथा एक-दूसरे के प्रति निष्कपट प्रेम को प्रोत्साहित करना है। आज इस लेख में हम आपके लिए लाये हैं भैया दूज के संबंध में पौराणिक कथा। Diwali Bhai Dooj Pauranik Katha जो इस प्रकार है-
यह पौराणिक कथा है एक देवी यमुना या यामी और उनके भाई यमराज की। माना जाता है की सूर्य की पत्नी संज्ञा से 2 संतानें थीं, पुत्र यमराज तथा पुत्री देवी यामी या यमुना। देवी यामी अपने भाई यमराज से बहुत प्यार करती थी। लेकिन वह अक्सर उदास रहती थीं क्योंकि वो अपने भाई यमराज से कई वर्षों तक नहीं मिल पाई थी।
इस दिन ऐसा हुआ की अचानक से यमराज अपनी भाई यामी से मिलने पहुंच गए। अपने भाई यम को देख यामी का ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा और खुशी में यामी ने तमाम तरह के पकवान बनाए और भाई यम के माथे पर तिलक किया। इससे वे बहुत खुश हो गए और उन्होंने यामी से कोई वरदान मांगने को कहा।
इस पर यामी ने अपने भाई से कहा कि वे चाहती हैं कि यम हर साल उनसे मिलने आएं और आज के बाद जो भी बहन अपने भाई के माथे पर तिलक करे उसे यमराज का भय न रहे क्योंकि उसकी बहन का प्यार और प्रार्थना भाई की रक्षा करेगा। यमराज ने यामी को ये वरदान दिया इसी के साथ उन्होंने यह भी वरदान दिया कि यदि इस दिन भाई-बहन यमुना नदी में डुबकी लगाएंगे तो वे यमराज के प्रकोप से बचे रहेंगे।और उस दिन से भाई दूज का त्योहार मनाया जाने लगा। भैया दूज के दिन ही पांच दीनो तक चलने वाले दीपावली उत्सव का समापन भी हो जाता है।
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