पापा की सीख – पिता पुत्र की कहानी ! FATHER – SON HINDI STORY ON IMPORTANCE OF MONEY

FATHER - SON HINDI STORY

पापा की सीख – पिता पुत्र की कहानी ! FATHER – SON HINDI STORY ON IMPORTANCE OF MONEY- A short Hindi Story of a Father and a son about Value of Money. Inspirational Story in Hindi on Importance of Money.. Best Emotional Story in Hindi

FATHER – SON HINDI STORY

एक बेटा अपने पिता से बोला, पापा मुझे 5000 चाहिए, पिता अपने बेटे की फ़ुज़ूल खर्ची से बड़ा परेशान था, हलाकि पिता के पास पैसों की कमी तो नहीं थी, लेकिन अपने बेटे को पैसों की इम्पोर्टेन्ट समझाना चाहता था। बोला बेटा में तुम्हें 5000 रूपये नहीं बल्कि 10000 रूपये दूंगा, बेटा खुश।

पिता जी बोले, लेकिन मेरी एक शर्त है, की तुम्हें बारी बारी से 100 – 100 के पांच नोट दूंगा, तुम्हें उन्हें फाड़ना होगा, बेटा बोला, ‘बस इतनी से बात, इसमें कोई बड़ी बात नहीं मैं ऐसा कर दूंगा।

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पिता ने अपनी जेब से कुछ पैसे निकाले और एक 100 रूपये का नोट निकालकर अपने बेटे को दिया, बेटे ने झट से उसके दो टुकड़ें कर दिए, पिता ने दूसरा 100 का नाते दिया, बेटे ने लिया और फाड़ दिया, इस तरह पिता ने तीसरा नोट दिया बेटे ने फाड़ दिया, चौथा नोट दिया बेटे ने उसे भी फाड़ दिया।

बेटे ने पांचवा आखरी नोट माँगा, पिता बोले की आखरी का 100 रूपये मैं तुम्हें नहीं दूंगा, उसे तुम्हें खुद कमाना होगा वो भी एक दिन में, बेटा तुरंत बोला बस इतनी से बात, मैं एक दिन में 100 रूपये कमाऊंगा और उसे फाड़ दूंगा, बस आप 10000 रूपये तैयार रखियें।

पिता बोले, ‘बेटा याद रखना तुम्हें 100 रूपये कमाने है किसी से मांगने नहीं हैं।

दूसरी सुबह बेटा घर से 100 रूपये कमाने के लिए निकला, काफी देर भटकने के बाद उसे एक चाय वाला दिखा। चाय वाले के पास जाकर बेटा बोला, ‘अंकल मुझे 100 रूपये दोगे तो मैं आपके सब बर्तन धो दूंगा।

चाय वाले ने लड़के को देखा, और बोला तू दिखता तो अच्छे घर का है पर मैं तुझे 10 रूपये से ज्यादा नहीं दूंगा। लड़के ने सोचा, कोई बात नहीं शुरुआत तो की जाये। बेटे ने बर्तन धोये और उसे 10 रूपये मिल गए। मन ही मन वो सोच रहा था की जिस 10 रूपये की वो कीमत भी नहीं समझता था, आज उसके लिए कितनी मेहनत करनी पड़ी, उसने सोचा क्यों न अपने किसी दोस्त से 100 रूपये मांग लिए जाएँ, लेकिन पिता की शर्त याद आ गई की पैसे सिर्फ मेहनत से कमाने हैं लेकिन साथ ही उसके दिमाग में यह भी चल रहा था कि 100 रूपये ही तो कमाने है उसके बाद मुझे 10000 मिल जायेंगे।

पूरे दिन कभी बोझा उठाता, कहीं झाड़ू लगाता, कहीं कहीं गलियां भी खानी पडी। 10 – 10 रूपये के लिए उसे बहुत मेहनत करनी पड़ी। उसके कपडे गंदे हो गए और उसके हाथ में गांठें तक पड़ गई,

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पूरी तरह से थक हार कर, शाम तक उसने 100 रूपये पूरे कर घर पंहुचा, घर पर पिता उसका इंतज़ार कर रहे थे। बेटे ने पिता को 10 – 10 के नोट दिखाए और बोला, पापा मैंने 100 रूपये कमा लिए।

पिता बोले, ‘बहुत अच्छा ! अब इन आखिरी 100 रूपये को फाड़ दो और शर्त पूरी करो, बेटा मुस्कुराया और उन नोट्स को फाड़ने के लिए तैयार हो गया। लेकिन जैसे ही वो उन नोट्स को फाड़ने लगा उसके सपने वो पिक्चर आ गई की किस तरह उसने इन पैसों को कमाने के लिए मेहनत की है और गलियां तक सुनी हैं, उसका हाथ रुक गया और उसकी आखों से आंसू आ गए और बोला, ‘पापा जो आप समझाना चाहते थे मैं समझ गया।

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