महान व्यक्तियों के प्रेरणादायक अनमोल विचार ~ Great Thoughts In Hindi

Great Thoughts In Hindi

विश्व के महान व्यक्तियों के अनमोल प्रेरणादायक विचार जो अच्छे एवं शांत जीवन के लिए प्रत्येक व्यक्ति को जरूर व्यवहार में लाना चाहियें। ज्ञानियों के यह विचार Great Thoughts In Hindi – Thoughts & Quotes in Hindi आपको जीवन के प्रति सच्चाई और अच्छाई का सन्देश देंगे। आइये जानते हैं ;

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महान व्यक्तियों के प्रेरणादायक अनमोल विचार ~ Great Thoughts In Hindi

Great People Thoughts & Quotes in Hindi

1- निराशा में प्रतीक्षा अन्धे की लाठी के समान है। – प्रेमचन्द

2- जिन्दगी जुए का एक खेल है। इसकी प्रत्येक घटना एक बाजी है। शादी, ब्याह, जन्म, मरण सब किस्मत की बात है। कब बाजी किधर पलटेगी, दाँव कैसा पड़ेगा, कोई नहीं जानता। – कमल कान्त

3- बिगड़ी हुई जनता वह जल-प्रवाह है जो किसी के रोके नहीं रुकता। – प्रेमचन्द

4- जीवन रोने के लिए नहीं है, जीने के लिए तो हँसना ही चाहिए। रोना पाप है, कोई क्यों रोये। जीवन का प्रवाह जैसे बहता है बहने देना चाहिए। – पं. सिद्ध विनायक

5- दरिद्रता प्रकट करना दरिद्र होने से अधिक लय होता है। – प्रेमचन्द

6- दरिद्र वह जिसके मन में संतोष नहीं . – प्रेमचंद

7- दुनिया में जो इतनी बुराई फैली हुई है उसका दोष केवल बुरा काम करने वालों पर ही नहीं है बल्कि दोष उन अच्छे आदमियों का भी है जो बुरे काम करने वालों की खुशामद करने और उन्हें खुश करने के लिए सदा तैयार रहते हैं। – लुई फिशर

8- मनुष्य अकेले-अकेले काम करके सन्तोष और हर्ष को तो प्राप्त कर सकता है परन्तु काम से आनन्द तभी हाथ लग सकता है जब उसको दूसरों के सहयोग से किया जाय। – वृन्दावन

9- नीच पुरुष बकवास कर करता है, कुछ करता नहीं है। सज्जन कहता नहीं है करता ही है। – विविध

10- उत्तम कर्मों का करना ही सुखकारी है, उत्तम कर्मों को न करना ही पश्चाताप को बढ़ाने वाला है। -महाभारत

11- अपने घर में ही बैठे कोई ऊँचे पद पर नहीं पहुँच सकता। – रूसी कहावत

12- तन तोड़ परिश्रम करने वाला कभी भूखा नहीं रह सकता। – विविध

13- बहुत बड़ा पंडित होने से या व्याख्यान देने से अच्छा, वस्त्र रंग देना या जूता सीं लेना कहीं बड़ा है। – विविध

14- बुद्धि और ज्ञान के कर्म सहायक हैं । कोरी बुद्धि वाला धूर्त तथा कोरे ज्ञान वाला अभिमानी हो जाता है। इन दोनों की सहायता से कर्म मार्ग में प्रवृत्त होने वाला ही सफल कहा जा सकता है। – अनाम

15- मनुष्य की परीक्षा उसके कार्यों से होती है, शब्दों से नहीं। – अनाम

Great Thoughts Quotes In Hindi

16- जो कुत्ता घूमता रहता है उसे कहीं न कहीं हड्डी मिल ही जाती है। – एक यायावरी कहावत

17- सुकर्म विद्या का अन्तिम लक्ष्य होना चाहिए। – सर पी0 सिडनी

18- कर्तव्य के आगे प्रेम का बलिदान देना चाहिए। -अज्ञात

19- यह धरती ही हमारे कर्मों की भूमि है। – महाभारत

20- ईश्वर सत्य और नित्य है, शेष सब असत्य और अनित्य है। यह समझते हुए अपने कर्त्तव्य को पूरा करना ही वास्तविक ‘यज्ञ’ है। – गीता

21- जो गुणी होते हैं वे अपनी जिम्मेदारियों की बात सोचते हैं, जो गुणहीन होते हैं वे अपने अधिकारों का नाम रटा करते है। – कवीन्द्र रवीन्द्र

22- बदमाश जितना ही बड़ा होता है उतने ही उत्तरदायित्व से हीन उसके तर्क होते हैं। सदा कोई न कोई उसका विश्वास कर ही लेता है। – लुई फिशर

23- जहाँ पवित्रता है, वहीं निर्भवता रह सकती है। – महात्मा गाँधी

24- अध्यात्म के लिए पहली आवश्यक वस्तु है -निर्भयता। -महात्मा गाँधी

25- परिस्थितियाँ बदलने से चरित्र का दोष दुरुस्त नहीं हो जाता। – एमर्सन

26- अपनी बुराई को अपने से पहले मर जाने दो। – फ्रेंकलिन

27- बुद्धि से चरित्र बढ़कर है। – एमर्सन

28- अच्छी दवा चाहे वह कड़वी ही क्यों न हो, रोग को दूर कर देती है। सहृदयतापूर्ण सलाह चाहे वह कटु ही क्यों न हो हमारा पथ प्रदर्शन करती है। – लुई फिशर

29- जिस समाज में बूढ़े गुरु न हों, उस समाज में गुरु होते ही नहीं हैं। विद्यार्थी व गुरु के बीच उम्र व ज्ञान का अधिक अन्तर होना चाहिए तभी मधुर सम्बन्ध स्थापित हो सकते हैं। – रजनीश

30- विवेक के स्थान पर विश्वास की शिक्षा देना इस भेड़ तन्त्र को मजबूत करने की घृणित चाल है। – रजनीश

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31- शिक्षा मानवात्मा में अन्तर्निहित है उसे अभिव्यक्त करने का माध्यम व उपाय है। – रजनीश

32- लोग बुरे को देखते हैं तभी उन्हें पता लगता है कि क्या अच्छा है। बुरा नहीं हो तो क्या पता लगे कि अच्छा क्या है ? – अज्ञेय

33- विश्वास बच्चों की चीज है। दिखावट और सच्चाई में भेद करना यह बड़ों का अधिकार है। – अज्ञेय

34- उन्नयन के लिए प्रयत्न करना पड़ेगा, जड़ता अपने आप आ जाती है। जीवन लाना पड़ता है, मृत्यु अपने आप आती है। मनुष्य यदि कुछ न करे तो वह पशु से भी पतित हो जाता है। – रजनीश

35- स्वस्थ आदमी को शराब पागल कर देती है, किन्तु बेहोशआदमी को स्वस्थ करने के लिए उसकी जरूरत पड़ती है। अज्ञेय

36- विचार संग्रह ज्ञान नहीं, स्मृति है। स्मृति ज्ञान नहीं है। – रजनीश

37- किसी पक्ष में बंधने से विचार नष्ट हो जाते हैं। वह कोल्हू के बैल की भाँति अपने ही घेरे में सोचेगा। इससे स्वतन्त्रता नहीं रहेगी। कूप मंडूकता आएगी। स्वयं का झूठा भी सत्य प्रतीत होगा। दूसरों का सत्य भी झूठा दिखाई देगा। इससे सत्य की खोज नहीं हो सकती। – रजनीश

38- मनुष्य की महानता उसके कपड़ों से नहीं, अपितु उसके चरित्र से आँकी जाती है। – महात्मा याँधी

39- चरित्र सम्बन्धी उन्नति के माने हैं खुदी से खुदी को मिटाने की ओर बढ़ना। – हार्टले

40- महत्वाकांक्षा रोग है जो हीन ग्रंथी वालों को ही पकड़ता है। – रजनीश

41- साहसी व्यक्ति कभी बुरा काम नहीं करता। – विष्णु प्रभाकर

42- बच्चे प्रेम से बदलते हैं, जबरदस्ती से नहीं। बच्चों को अच्छे के लिए शिक्षित किया जाए, बुरा अपने आप चला जाएगा। – रजनीश

43- गलत आदमी गलत शिक्षा के परिणाम का फल है। – रजनीश

44- महत्वाकांक्षा का विष पिलाने से कभी स्वस्थ मस्तिष्क नहीं बन सकता। यह धुन एक पागलपन है जिसे रोके बिना स्वस्थ व्यक्तित्व का निर्माण असम्भव है। – रजनीश

45- काम सोचा नहीं जाता किया जाता है। -विष्णु प्रभाव

Great Thoughts In Hindi by Great People

46- विजय उसी की होती है जो विजयी होने का साहस करता है। – जवाहर लाल नेहरू

47- शिक्षा ईंट और चूने से बने मकान की भाँति नहीं है जिसका नक्शा मिस्त्री पहले से ही तैयार रखता है। शिक्षा ही वृक्ष की भाँति है जो अपने जीवन की लय के साथ ताल मिला कर उसके अनुरूप विकसित होता है। -रवीन्द्र नाथ टैगोर

48- श्रम के अभाव में कोई भी कार्य सफल नहीं होता। ज्ञान, कर्म व भक्ति की कुंजी श्रम है। – अनाम

49- सबसे असाध्य रोग मूर्खता है। – पुर्तगाली कहावत

50- विद्वता अच्छे दिनों में आभूषण है, विपत्ति में सहायक एवं बुढ़ापे में संचित सामग्री है। – अरस्तू

51- बिना विवेक का अनुशासन विष है। – रजनीश

52- माता के समान दूसरा कोई गुरु नहीं है। – महाभारत

53- पवित्रता के लिए एकाग्रता का कोई मूल्य नहीं होता। – स्वामी शिवानंद

54- पवित्रता की भावना ही त्याग का स्वरूप है। – स्वामी रामतीर्थ

55- आदमी का मन इस तरह बना हुआ है कि वह शक्ति का प्रतिरोध करता है और कोमलता से झुक जाता है। – अज्ञात

56- विचार का चिराग बुझ जाने से आचार अन्धा हो जाता है। – विनोबा भावे

57- वे कभी विफल नहीं होते, जिनकी मृत्यु महान उद्देश्य के लिए होती है। – वायरन

58- अन्धा वह नहीं है जो देख नहीं सकता। अन्धा वह है जो देखकर भी अपने दोषों पर पर्दा डालने का प्रयास करता है। – महात्मा गाँधी

59- अध्ययन आनन्द का, अलंकरण का और योग्यता का काम करता है। – बेकन

60- चरित्र दो वस्तुओं से बनता है, अपनी विचारधारा से और आपके समय बिताने के ढंग से। – हर्बर्ट

61- मानव का चरित्र कितना रहस्यमय है। हम दूसरों का अहित करते जरा भी नहीं झिझकते । किन्तु जब दूसरों के हाथों हमें कोई हानि पहुँचती है तो हमारा खून खौलने लगता है। -प्रेमचन्द

62- अपनी सफाई बहुत कम पेश करनी चाहिए। यदि आपका चरित्र स्वयं अपना बचाव नहीं कर सकता तो यह बचाने लायक है भी नहीं। – एफ0 रोबर्टसन

63- दुर्बल चरित्र व्यक्ति उस सरकंडे के समान है जो हवा के हर झोंके पर झुक जाता है। – माघ

64- प्रसिद्ध होने के बजाय ईमानदार होना अधिक अच्छा है। – अनाम

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