जाने “श्री लाल बहादुर शास्त्री जी” और उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य Lal Bahadur Shastri Facts In Hindi, Amazing Facts about Lal Bahadur Shastri in Hindi – लाल बहादुर शास्त्री के बारे में यह बातें जो शायद आप नहीं जानते होंगे।
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Lal Bahadur Shastri Facts In Hindi
नमस्कार मित्रो, आज का हमारा यह अंक भारत के पूर्व दिवंगत प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन से जुड़े रोचक तथ्यों से सम्बन्धित है |
सबसे पहले हम Shri Lal Bahadur Shastri Ji को उनकी 2 अक्टूबर 2020 को आने वाली Lal Bahadur Shastri Jayanti के उपलक्ष्य में भावपूर्ण श्रध्दांजलि देते है और अपना यह अंक हम Shri Lal Bahadur Shastri Ji द्वारा जीवनभर देश के लिए समर्पित भाव से की गई सेवा को समर्पित करते है |
जाने Shri Lal Bahadur Shastri Ji के जीवन के बारे में थोड़ा संक्षेप में
Shri Lal Bahadur Shastri Ji का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश में स्थित मुगलसराय, वाराणसी में एक सामान्य परिवार में हुआ था |
उनके पिताजी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव पहले बतौर शिक्षक और बाद में भारत सरकार के राजस्व विभाग में क्लर्क के पद पर कार्यरत रहे थे | परिवार में माताजी रामदुलारी और 2 अन्य बहने और थी |
उनके पिताजी का निधन तभी हो गया था जब वो मात्र डेढ़ वर्ष के थे | उनकी शुरू की शिक्षा मध्य रेलवे इंटर कॉलेज मुगलसराय और वाराणसी में हुई और इसके बाद वर्ष 1926 में उन्होंने काशी विद्यापीठ से स्नातक की शिक्षा पूर्ण की |
उन्होंने देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी के नेतृत्व में भारत को अंग्रेजो के शासन से मुक्ति दिलाने के लिए रात-दिन संघर्ष किया और अपना योगदान प्रदान किया |
वर्ष 1927 में उनका विवाह Lalita Devi जी से हो गया और उन दोनों के 6 बच्चे थे जिसमे 4 बेटे और 2 बेटे थे |
15 अगस्त 1947 में देश आजाद होने के बाद उन्होंने कई वर्षो तक भारत के प्रथम प्रधनामंत्री श्री जवाहर लाल नेहरु जी के नेतृत्व में भारत सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों का भार संभाला और देश की सेवा की |
इसके बाद श्री जवाहर लाल नेहरु जी के निधन के बाद वो 9 जून, 1964 को भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने | आख़िरकार 11 जनवरी 1966 को उनकी उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में आकस्मिक देहांत हो गया |
जाने श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे Lal Bahadur Shastri Facts In Hindi
1- श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के पिताजी के निधन के बाद नाना-नानी के यहाँ रहने लगे और बचपन में विषम परिस्थिति में भी पैसे ना होने के कारण दिन में दो बार अपने सिर पर किताबें बांध कर गंगा तैरकर अपने स्कूल में शिक्षा लेने जाते थे |
2- श्री लाल बहादुर शास्त्री जी का असली नाम लाल बहादुर श्रीवास्तव था | शास्त्री की उपाधि उन्हें काशी विद्यापीठ से स्नातक की शिक्षा पूर्ण करने के बाद मिली जिसके बाद वह अपने नाम के आगे शास्त्री लगाने लगे |
3- श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने अपने विवाह के समय दहेज प्रथा के विरुद्ध जाकर मात्र खादी का कपड़ा और चरखा ही स्वीकार किया |
4- श्री लाल बहादुर शास्त्री जी बचपन से ही देश के लिए कुछ करना चाहते थे इसीलिए उन्होंने मात्र 16 वर्ष की आयुं में ही अपनी पढाई छोड़ दी और घरवालो के लाख समझाने के बावजूद राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी के साथ अंग्रेजो के विरुद्ध आंदोलनों में हिस्सा लेने लगे और कई बार जेल भी गये |
5- लाल बहादुर शास्त्री जी असहयोग आंदोलन के लिए पहली बार जब जेल गए तो उनकी उम्र 17 साल थी। बालिग न होने की वजह से उनको छोड़ दिया गया।
6- हम सब जानते हैं ‘जय जवान जय किसान’ का नारा हमें श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने दिया पर क्या आप जानते हैं इस नारे के पीछे की क्या कहानी है। बात 1964 की है जब वह प्रधानमंत्री बने थे तब देश खाने की चीजें आयात करता था और उस वक्त देश PL-480 स्कीम के तहत नॉर्थ अमेरिका पर अनाज के लिए निर्भर था। 1965 में पाकिस्तान से जंग के दौरान देश में भयंकर सूखा पड़ा तब के हालात देखते हुए उन्होंने देशवासियों से एक दिन का उपवास रखने की अपील की और इन्हीं हालात से उन्होंने भारतवासियों को ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया।
7- श्री लाल बहादुर शास्त्री जी लाला लाजपत राय द्वारा स्थापित लोक सेवक मंडल के भी आजीवन सदस्य रहे थे सर्वेंट्स ऑफ़ द पीपुल सोसाइटी के रूप में भी जाना जाता था |
8- जब वह ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर बने तो सबसे पहले उन्होंने ही इस इंडस्ट्री में महिलाओं को बतौर कंडक्टर लाने की शुरुआत की।
9- श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने ही देश की आजादी के बाद अपने कई मंत्रालयों में कार्यकाल के दौरान परिवहन में महिला कंडक्टर और महिला सीट का प्रावधान, भ्रष्टाचार निरोधक समिति का प्रावधान, रेलवे में थर्ड क्लास का प्रावधान जैसे कई प्रावधान बनाये थे |
10- श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने अपने प्रधानमन्त्री कार्यकाल के दौरान उन्होंने हरित और श्वेत क्रांति को प्रोत्साहित और बढ़ावा देने का कार्य किया और गुजरात के आनंद में स्थित अमूल दूध सहकारी के साथ मिलकर राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की स्थापना की |
11- श्री लाल बहादुर शास्त्री जी बहुत सुलझे हुए और भावनात्मक व्यक्तित्व के मालिक थे। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए उन्होंने लाठीचार्ज की बजाय पानी की बौछार का सुझाव दिया जिसे बहुत पसंद किया गया।
12- श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरांन ही वर्ष 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय सेना के जवानों और किसानों का मनोबल बढ़ाने के लिए जय जवान जय किसान का नारा दिया और उनका ये नारा आज भी बहुत प्रचलित है |
13- श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की सूझबूझ से ही पाकिस्तान भारत से वर्ष 1965 में युद्ध हार गया था जो कि सोचता था कि वर्ष 1962 में मिली चीन की हार से भारत कमजोर हो गया होगा |
14- श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने पाकिस्तान से युद्ध के बाद देश में हो रही अनाज की कमी और अमेरिका द्वारा भारत को अनाज ना देने की धमकी के बाद सभी देशवासियों से हफ्ते में 1 दिन का खाना 1 वक्त के लिए छोड़ने की अपील की थी |
15- श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में हुई आकस्मिक मृत्यु आजतक एक रहस्य है जहाँ वो पाकिस्तान के राष्ट्रपति मुहम्मद अयूब खान के साथ ताशकंद शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने गये थे | जहाँ एक ओर उनकी मृत्यु का कारण दिल का दौरा बताया गया वही उनके परिवार वाले उनकी जहर देकर हत्या करने की बात कहते है जो कि आज तक अनसुलझा है |
16- श्री लाल बहादुर शास्त्री जी अपने जीवन में बहुत सरल, ईमानदार और साधारण व्यक्तित्व के व्यक्ति थे | वे फटे कपड़ों से बाद में रूमाल बनवाते थे औऱ फटे कुर्तों को कोट के नीचे पहनते थे। किसी भी प्रोग्राम में VVIP की तरह नहीं, बल्कि आम आदमी की तरह जाना पसंद करते थे और दोपहर के खाने में वो अक्सर सब्जी-रोटी खाते थे। उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद भी कभी अपने लिए कार नहीं रखी थी |
Unknown Facts of Lal Bahadur Shastri
जब शास्त्री जी अपनी पत्नी के लिए साड़ी लेने गए
बात उस समय की है जब भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री हुआ करते थे। एक दिन लाल बहादुर शास्त्री जी एक साड़ी के शोरूम पर पहुंचे और बोले मुझे अपनी पत्नी के लिए साड़ी चाहिए, यह देख शौरूम का मालिक बहुत खुश हो गया की उसके शोरूम पर भारत के प्रधानमंत्री आये हैं और वो एक से एक बेहतरीन साड़ी शास्त्री जी को दिखाने लगा।
जब शास्त्री जी ने उन साड़ियों का कीमत सुनी तो वो बोले यह बहुत महँगी है, कृपया इससे कम कीमत की साड़ी दिखाओ। दुकान के मालिक ने उन्हें और साड़ियां दिखाई लेकिन शास्त्री जी ने उनकी कीमत भी ज्यादा लगी।
शोरूम का मालिक बोला, सर आप इस देश के प्रधान मंत्री हैं ; आप महँगी से महँगी साड़ी पसंद कर ले – यह हमारी तरफ से आपके लिए एक छोटा सा उपहार होगा।
शोरूम के मालिक की बात सुन कर लाल बहादुर शास्त्री जी बोले ‘भले ही मैं इस देश का प्रधानमंत्री हूँ, पर में उतनी ही कीमत का सामान लूंगा, जितनी कीमत में चुका सकूँ।
अपने जीवन काल में 9 वर्ष तक जेल में रहे शास्त्री जी
भारत की आजादी के दौरान चल रहे असहयोग आंदोलन में उनको जेल भी हुई जबकि उस समय वो 17 वर्ष के थे। हालाँकि नाबालिग होने के कारण उन्हें छोड़ दिया गया था। लेकिन उसके बाद उन्होने भी वो आज़ादी के लिए कई बार जेल गए। वो अपने जीवन काल में कुल मिलकर 9 वर्ष तक जेल में रहे।
जब आम देखकर नाराज हुए शास्त्री जी
शास्त्री जी जब जेल में थे तब उनकी पत्नी उसके मिलने गई और छुपकर उनके लिए आम ले आईं। यह देख शास्त्री जी बहुत नाराज़ हुए। क्योंकि वो जानते थे जेल में बाहर की चीज़े लगा कानून के खिलाफ है और वो किसी भी तरह कानून का नियमों का उलंघन नहीं करता चाहते थे।
हमे आशा है कि आपको हमारा ये Shri Lal Bahadur shastri Ji और उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों पर लेख पसंद आयेगा |
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