बीरबल की चतुराई ~ Birbal Cleverness | Akbar Birbal Hindi Short Story

Birbal Cleverness

अकबर-बीरबल की कहानियों की श्रृंखला में Akbar Birbal Short Story In Hindi Series में हम लेकर आये हैं एक और रोचक अकबर-बीरबल की कहानी बीरबल की चतुराई ~ Birbal Cleverness | Akbar Birbal Hindi Short Story आइये जानते हैं ;

बीरबल की चतुराई ~ Birbal Cleverness | Akbar Birbal Hindi Short Story

एक बार की बात है बीरबल बीमार पड़ गया, जिसके कारण वो कई दिन तक दरवार में नहीं आया। जब ज्यादा दिन हो गये तो बादशाह को उससे मिलने की चाह होने लगी। उसे देखने की इच्छा लिए एक दिन बादशाह अपने दो कर्मचारियों के साथ उसके घर पर आ गये।

बीरबल ने जब बादशाह को देखा तो वह बड़ा प्रसन्न हुआ और उसका चेहरा
कमल की तरह खिल गया। अकबर बादशाह और बीरबल आपस में बड़ी देर तक
वार्तालाप करते रहे। न बीरबल बादशाह को छोड़ना चाहता था और न बादशाह बीरबल को ही ।

इस तरह बातचीत में कई घंटों का समय व्यतीत हो गया तो इसी बीच बीरबल को पाखाना (toilet) मालूम हुआ। ऐसी विवशता के कारण वह बादशाह से कुछ देर की मुहलत लेकर निव्रत होने हेतु चले गये।

इसी बीच बादशाह के मन में बीरबल के बुद्धि लो परीक्षा की बात समाई, उसने ख्याल किया कि बीरबल महीनों से बीमार है, शायद उसकी चतुरता में कुछ कमी पड़ गयी हो। जानना चाहिये कि अब यह कितना चतुर रह गया है।

नौकरों द्वारा उसके पलंग के चारो पायों तले चार कागज के टुकड़े रखवा दिये और उसके आने तक सब खामोश रहे।

थोड़ी देर बाद बीरबल पाखाने ((toilet)) से लौटकर आया और अपनी पलँग पर लेट गया। बादशाह उसकी परीक्षा के अभिप्राय से इधर उधर की बाते छेड़कर उसे उलझाने लगे।

बीरबल एक तरफ तो बादशाह की बातें सुनता जाता था दूसरी तरफ किसी चीज की खोज में व्यस्त था। वह ऊपर नीचे इस प्रकार से देख रहा था मानो किसी चीज का अनुसंधान कर रहा हो।

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बादशाह ने उसकी उत्सुकता का कारण पूछा।

बीरबल ने कहा-‘‘हुजूर! जान पड़ता है कि यहाँ पर कुछ न कुछ बदल हो गया है ?

बादशाह अनजान सा मुह बनाकर बोले-‘‘क्या कुछ बदला हुआ है?’’

बीरबल ने उत्तर दिया-मुझे मालूम होता है कि या तो इस मकान की दीवार कागज भर नीचे को दव गई वा मेरी पलँग एक कागज ऊँची हो गई है।

बादशाह ने कहा-‘‘हाँ हाँ अक्सर देखा जाता है कि बीमारी की दशा में निर्बलता के
कारण लोगों के दिमाग में तुम्हारे समान ही फितूर आ जाता है परन्तु वह बात ठीक नहीं रहती।’’

बीरबल ने उत्तर दिया-‘‘हुजूर! ऐसा नहीं हो सकता, मैं बीमार हूँ तो मेरी बुद्धि बीमार नहीं है।’’

बादशाह बीरबल की पहले ही सी चतुरता देखकर बड़ा प्रसन्न हुए और उससे असली भेद प्रकट कर दिया।

वनस्पति का बीज !

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