अधर (बादलों पर) महल ~ Badalon Par Mahal | Akbar Birbal Hindi Story

Badalon Par Mahal Akbar Birbal Hindi Story

अकबर-बीरबल की कहानियों की श्रृंखला में Akbar Birbal Story In Hindi Series में हम लेकर आये हैं एक और रोचक अकबर-बीरबल की कहानी अधर (बादलों पर) महल ~ Badalon Par Mahal | Akbar Birbal Hindi Story  आइये जानते हैं ;

अधर (बादलों पर) महल ~ Badalon Par Mahal | Akbar Birbal Hindi Story

एक दिन दरबार के काम काजों से निश्चिन्त होकर बादशाह मंत्री बीरबल के साथ गग्पे मार रहा था। गप्प शप के मानी मनोरंजन के है। उसी दिन उसको एक अधर महल ;ऐसा महल जोजमीन पर नहीं बल्कि बादलों पर हो, जो कि मुमकिन न हो बनवाने की इच्छा जागृत हुई।

इस अभिप्राय से प्रेरित होकर बोला-‘‘बीरबल! क्या तुम मेरे लिये एक अधर महल बनवा सकते हो?’’ बनवा देना तुम्हार काम है और रूपया खर्चनामेरा।’’

बीरबल ने सोच विचार कर उत्तर दिया-‘‘नाथ थोड़ा ठहर कर महल बनवाने का कार्यारम्भ करूँगा। इस कार्य के लिये कुछ मुख्य सामानों के संग्रह में समय की आवश्यकता है। बादशाह इश पर राजी हो गया।

फिर बीरबल ने एक दूसरी बात छेड़कर बादशाह का मन दूसरे कामों में उलझा दिया, सायंकाल अवकाश
पाकर घर लौट गया। दूसरे दिन बहेलियों को रूपये देकर जंगल से तोतों को पकड़ लाने की आज्ञा दी।

हुक्म की देर थी बहेलिये उसी दिन सैकड़ों तोते पकड़ लाये। बीरबल ने कुछ तोतों को चुन कर खरीद लिया।
और उनके पढ़ाने का भार अपनी बुद्धिमती कन्या को सौंप खुद दरबार का आवश्यक कार्य करने लगा।

लड़की ने बुद्धिमानी  से पिता के आदेशानुसार तोतों को पढ़ाकर पक्का कर दिया।

Akbar Birbal Hindi Story

जब बीरबल ने उनकी परीक्षा ली तो वे उसके मरजी क माफिक निकले। फिर क्या था बीरबल तोतों को
लिये हुए दरबार में हाजिर हुआ।

उन को दीवान खाने में बन्द कर आप बादशांह के पास गया। तोते पिंजड़ों से बाहर निकाल कर छोड़ दिये गये थे। सब तरफ से किवाड़ बन्द था। तोते भीतर ही भीतर अपनी शिक्षा के अनुसार अलग अलग राग अलाप रहे थे।

बादशाह को सलामकर बीरबल बोला-‘‘नाथ! आपकी मरजी के मुवाफिक अधर महल में काम लगवा दिया है, इस समय उसमे बहुतेरे पेशराज और मिस्त्री काम कर रहे हैं, आप चलकर मुवाइना कर ले।’’

बादशाह महल देखने की इच्छा से बीरबल के साथ हो लिया। जब बीरबल दीवान खाने के पास पहुँचा तो उसका किवाड़
खोलवा दिया।

तोते बाहर निकल कर आकाश में उडते हुये बोलने लगे-ईटा लाओ, चूना लावो, किवाड़ लाओ,चौखट तैयार करो, दीवार चुनो।’’

इस प्रकार आकाश में तोतों ने खूब शोर गुलमचाया। तब बादशाह ने बीरबल से पूछा- ‘‘क्यों बीरबल! ये तोते क्या कह रहे है?’’

बीरबल अदब के साथ उत्तर दिया-‘‘हुजूर आपका अधर महल तैयार हो रहा है, उसमें पेशराज और बढ़ई लोग लगे हुये हैं। सब सामान एकत्रित हो जाने पर महल बनना शुरू होगा।’’

बीरबल की इस बुद्धिमत्ता पर बादशाह हर्षित हुआ और उसको बहुत सा धन देकर बिदा किया।

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