अब निगेटिव विचार नहीं रहेंगे ! नकारात्मक विचार ख़तम करें ! How to Remove Negative Thoughts

How to Remove Negative Thoughts in Hindi

नकारात्मक विचारों से छुटकारा : How to Remove Negative Thoughts ; Negative और Positive Thoughts हमारे Brain में आते जाते रहते हैं पर कभी भी अपने Negative Thoughts को अपने Positive Thoughts पर हावी मत होने दें।

विचार तो सिर्फ विचार हैं – फर्क तो पड़ता है आपके देखने के नज़रिये से।

हमारे दिमाग के Thoughts चलते रहते हैं ; रिसर्च की माने तो औसतम एक दिन में हमारे दिमाग में 60 हज़ार विचार आते हैं कुछ हमें उत्साहित करते हैं और कुछ हमें निराश।

जो विचार हमें उत्साहित करते हैं उनपर फोकस करो और जो विचार हमें निराश करते हैं हमें हतोऊत्साहित करते हैं उनसे डरो नहीं बल्कि उनका सामना करो।

नकारात्मक विचार उस कुत्तें की तरह होते हैं जो हम पर भोकते हैं, जब हम उनसे डरते हैं या बचकर भागने लगते हैं तो वो हमें और डराते हैं और हमारा पीछा करते हैं ,

यदि हम उन कुत्तों से डरें नहीं, वहीँ खड़े तो जाएं और उन्हें घूर कर देखें तो वो कुत्ते भाग जायेंगे।

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बस हमारेNegative Thoughts भी ऐसे ही होते हैं; हम उनसे जितना डरेंगे – वो हमें उतना डराएंगे, हम उनसे जितना हताश होंगे वो हमें उतना परेशान करेंगे और हम जितना भागेंगे वो हमारा पीछा नहीं छोडेगें।

इसलिए नकारात्मक विचारों से बचना या डरना नहीं है बल्कि उनका सामना करना है उन्हें डरना है।

यदि हम अपने जीवन में कुछ छोटे – छोटे बदलाव कर लें तो हम अपने Negative Thoughts को भी सकारात्मक विचारों में बदल सकते हैं।

बातों बातों में मुझे कुछ समय पहले की बात याद आ गई ; मैं घर से ऑफिस के लिए निकला, लेकिन कुछ दूर जाने के बाद अचानक तेज़ बारिश शुरू हो गई ; सचमुच बहुत बुरा लगा एक तो ऑफिस जाने के लेट और मेरे कपडे भी भीग गए,  बस फिर क्या था नकारात्मक विचार हावी होने लगे ;

अरे यार अब घर जाकर चेंज करना पड़ेगा,देर हो गई तो क्लाइंट चला जायेगा। मेरे जूते भी ख़राब हो जायेगें, अरे मैं बीमार हो गया तो ; ये बारिश भी हमेशा गलत वक्त पर पड़ती है।

मेरे नकारात्मक विचार मुझे पूरी तरह डरा रहे थे। बस भीगते भीगते मैंने अपने नकारात्मक विचारों पर ध्यान दिया और अपने सकारात्मक विचार उनपर हावी किये ; मेरे सकारात्मक विचार थे ;

वाह क्या मौसम है, बचपन की याद आ गई, अरे ऑफिस तो रोज का है, लेकिन ऐसा मौसम कहाँ रोज़ आता है; सचमुच भीगने का; मज़ा आ रहा था, अब न देर होने का डर था और न बीमार होने की परवाह।

आज भी मैं वो दिन याद करता हूँ तो अच्छा लगता है, मुझे सकारात्मकता महसूस होती है।

दोस्तों हमारे जीवन में यही कुछ छोटे छोटे बदलाव हैं जिसके चलते हम अपने नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में बदल लेते हैं।

दोस्तों नकारात्मक विचार आपकी जड़ों को कमज़ोर करते हैं और सकारात्मक विचार मज़बूत। सफलता के फल उसी पेड़ पर लगेंगे जिसके जड़ें मज़बूत होंगी।

Short Story on Remove Negative Thoughts

एक लड़का अपने ज़िन्दगी से बहुत परेशान था, उसे लगता था मैं कुछ भी कर लू पर मेरा कुछ नहीं हो पाता। समस्या का हल ढूढ़ने को वो एक महात्मा के पास गया और बोला कि मेरा कोई काम नहीं बनता, जिसमें भी हाथ डालता हूँ असफल हो जाता हूँ। क्या करूँ, आप ही कोई राह दिखायें।

महात्मा ने उसे दो पौधे दिए – एक बांस का और एक कैक्टस का । और कहा कि रोज़ इन दोनों को पानी देना चाहे कोई कितना भी हंसे या मना करे पर तुम अपनी दिनचर्या ना बदलना।

वो युवक दोनों पौधे लाकर आँगन में लगा देता है। रोज़ पानी भी देता । दिन बीतते जाते हैं और कैक्टस का पौधा बड़ा होने लगता है, फूल भी आ जाते हैं। लेकिन बांस का पौधा वैसे का वैसा ही रहता है।

अब तो लोग कहना शुरू करते हैं कि इसे तो बेकार ही पानी दे रहे हो, मेहनत ज़ाया कर रहे हो । ये तो बड़ा ही नहीं हो रहा और कैक्टस को देखो कैसे बढ़ रहा है। पर वो युवक महात्मा की बात मानकर दोनों को ही पानी देता रहता है।

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एक दिन देखता है कि बांस का पौधा रातों रात बढ़ना आरम्भ हो गया। वो लड़का भागा- भागा ये ख़बर देने महात्मा के पास गया तो महात्मा ने मुस्कुराते हुए समझाया कि जैसे बाँस का पौधा पहले अपनी जड़ें मज़बूत करता है और फिर पनपता है उसी तरह संघर्ष के समय इंसान को अपने उत्साह और सकारात्मकता को बनाए रखना चाहिए। और अनुकूल समय आने पर दुगुने परिश्रम से जुट जाना चाहिए। ऐसे लोग ही जीवन में आगे बढ़ते हैं। हर कामयाब व्यक्ति की यही कहानी है।

जब भी आप के विचारों में नकारात्मकता आने लगे तो अपने आप को यह विश्वास दिलाएं की नकारात्मक विचार आपकी सफलता, आपके सुखी जीवन के सबसे बड़े विलन हैं। बस तुरंत अपने नकारात्मक विचारों पर अपने सकारात्मक विचार हावी कर दीजिये।

पहली विकलांग पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा ने पाँव गँवाने के बावजूद हौंसला नहीं गँवाया और एवरेस्ट पर अपने देश का परचम लहरा दिया । यदि वो भी अपनी विकलांगता को लेकर नकारात्मक रहती तो क्या वो ऐसा कर सकती थीं।

इस संसार में कोई भी ऐसी समस्या नहीं है जिसका समाधान न हो लेकिन सकारत्मक होकर हल खोजिये तो सही। यदि हल है तो ठीक है और यदि नहीं हों तो नकारात्मक बातें सोचने से क्या फायदा।

हमें बीते हुए कल को लेकर पछतावा नहीं करना चाहिए और न ही भविष्य को लेकर चिंता करनी चाहिए। जो सकारात्मक सोच वाले होते हैं वो सिर्फ आज में जीते हैं।

गलतियां इंसान से होती हैं और इंसान हमेशा अपनी गलतियों से सीखता है। प्रेरणा लेता है और आगे बढ़ता है।

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दोस्तों उम्मीद करता हूँ यह आर्टिकल “अब निगेटिव विचार नहीं रहेंगे ! नकारात्मक विचार ख़तम करें ! How to Remove Negative Thoughts” आपको पसंद आया होगा। Please Comment के द्वारा बतायें। आपके किसी भी प्रश्न एवं सुझावों का स्वागत है। कृपया Share करें और जुड़े रहने की लिए Subscribe करें. धन्यवाद

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