100+ महापुरुषों के अनमोल विचार ~ Mahapurushon Ke Vichar | Hindi Quotes By Great People

Mahapurushon Ke Vichar

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महापुरुषों के अनमोल सुविचार Mahapurushon Ke Vichar

हम सारे दिन कितनी बड-बड करते है, थोडे दिन यह ध्यान देकर देखें तब हमे मालूम होगा कि हम अपनी शक्ति को कितना व्यर्थ व्यय करते है। जैसे धनुष से छूटा हुआ वाण वापिस नही आता, उसी तरह एक बार फिजूल गई हुई शक्ति फिर प्राप्त नही होती। – Mahapurushon Ke Vichar
– विवेकानन्द


जिस व्यक्ति में दूसरों की बुराई करने की आदत है, अक्सर वो अपने पडोसी मे वही देखता है जो वह स्वय अपने अदर देखता है। पवित्र के लिये सब चीजे पवित्र है उसी तरह नापाक के लिये सब चीजें नापाक।
– हेश्रर


इन तीन को बुद्धिमान जानना-जिस ने संसार का त्याग कर दिया है, जो मौत आने के पहले सब तैयारियाँ किये बैठा है, और जिसने पहले ही से ईश्वर की प्रसत्रना प्राप्त कर ली है।
– अज्ञात


जो बडी-बडी शक्तियाँ प्राप्त करता है, बहुत सभव है वह मिथ्याभिमान से और झूठी शान से फूल उठे, वो निश्रचय ही अपने परमात्मा पद को एकदम भूल जाता है।
– रामकृष्ण परम हंस


सुन कर ही कल्याण का मार्ग जाना जाता है। सुन कर ही पाप का मार्ग जाना जाता है। दोनो भी मार्ग सुन कर ही जाने जाते है। बुद्धिमान साधक का कर्त्तव्य है कि पहले श्रवण करे और फिर अपने को जो श्रेय मालूम हो, उसका आचरण करे।
– महावीर


मूर्ख कौन है ? ज्यादा बोलने वाला। मुर्ख को चाहिये कि सभा में मुँह न खोले और बुद्धिमान सिर्फ सवाल का जवाव देने के लिये है, बहुत सुनना और थोडा बोलना यही बुद्धिमान का लक्षण है।
– वुजरचिमिहर


शराबी, कामी, कंजूस, मूर्ख, अत्यन्त दरिद्री, बदनाम, बहुत बूढा, सदा रोगी, सतत क्रोधी, ईश-विमुख, श्रुति- सत विरोधी, तन-पोषक, निन्दक और पापी, ये चौदह प्राणी जीते हुए भी मुर्दे के समान हैं।
– रामायण

लोभ की तुष्णा मानव जाति पर इस कदर हावी हो गई है कि बजाय इसके कि दौलत उनके कब्जे मे हो यह प्रतीत होता है कि दौलत ने उन पर कब्जा कर रखा है।
– प्लिनी


अगर किसी आदमी के मन मे बुरे विचार है, तो उस पर दुख इस तरह आता है जैसे बैल के पीछे पहिया, अगर कोई पवित्र विचारो मे लीन रहता है तो उस के पीछे आनन्द ठीक उसी प्रकार आता है जैसे उस का साया।
– अज्ञात


यदि आप जीवन में जो कुछ भी है उसे देखें, तो आपके पास हमेशा अधिक होगा। यदि आप जीवन में जो नहीं है उसे देखें, तो आपके पास कभी भी पर्याप्त नहीं होगा।
– ओपरा विनफ्रे

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महापुरुषों के अनमोल विचार

दो मनुष्य मरने पर व्यर्थ शोक करते है, एक तो वह जिसने अपनी सम्पत्ति का भोग न किया, दूसरा वह जिसने अपने ज्ञान के अनुसार व्यवहार नही किया हो।
– अज्ञात


जीने का सबसे बड़ा गौरव कभी न गिरने में नहीं है, बल्कि हर बार गिरकर उठने में है।
-नेल्सन मंडेला


सब कुछ अपनी गति से होता है। माली सौ बाल्टी पानी दे सकता है; पर फल अपने मौसम में ही आता है।
– कबीर

झूठ से घृणा करो, परन्तु झूठे मनुष्य से नही। अगर तुम मनुष्य से घृणा करते हो तो मानो तुम उसे बुरे पथ पर अग्रसर होने की प्रेरणा दे रहे हो।
– अज्ञात


हर दिन का आकलन उस फसल से न करें जो आप काटते हैं बल्कि उन बीजों से करते हैं जो आप बोते हैं।
– रॉबर्ट लुई स्टीवेन्सन


शिक्षा का मुख्य उद्देश्य दिमाग को एक बहता झरना बनाना है, तालब बनाना नही, जो नल से भरा जाता है, और नल द्वारा खाली भी जाता है।
– जात मेसन


चरित्र दो चीज़ो से बनता है – आप की विचार धारा से और आप के अपना समय बिताने के ढग से।
– हवेर्ड


हमे अपने आप को लोगो मे वैसा ही जाहिर करना चाहिए, जैसे कि हम वास्तव मे हो, कोरी नुमाइश करना ठीक नही है।
– जवाहर लाल नेहरू


हम दुर्बल हैं-इस कारण गलती करते है और हम अज्ञानी है, इसलिए दुर्बल हैं। हमे अज्ञानी कौन बनाता है? हम स्वय ही। हम अपनी आँखो को अपने हाथो से ढक लेते हैं और अँधेरा है- कहकर रोते है।
– स्वामी विवेकानन्द


हमारा शरीर क्षण भगुर है। इस पर स्थिर शरीर से हम जितना शुभ कार्य करें, उतना अच्छा हैै। जिस प्राणी के जीवन का ध्येय ही सेवा है उस के लिए अभिशाप कुछ भी नही, सब वरदान है।
-अज्ञात

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Mahapurushon Ke Vichar In Hindi


नम्रता, प्रेम पूर्ण व्यवहार तथा सहनशीता से मनुष्य तो क्या देवता भी तुम्हारे वश मे हो जाते है।
– तिलक


आपत्ति में मनुष्य स्वयं को पहचान लेता है। व्यक्ति जिसको प्रेम करता है उस के द्वारा सरलता से धोखा खा जाता है।
– मोलियर


नदी अपने जल को, वृक्ष अपने फल को, आप स्वय को भक्षण नही करते, खेती को उत्पन्न करने वाले मेघ स्वय उस को नही खाते वैसे ही सज्जनो की विभूति केवल दूसरो के लिये होती है।
– अज्ञात


जब आदमी अपनी खूबिया और अपने अहसान अपने मुह से स्वय जताने लगता है तो वह अपनी ही आखो मे उन वत्तळ हल्का-हल्का सा पड जाता है, अपनी खूबियो का बखान तो दूसरो की जबान से ही भला लगता है।
– अज्ञात


तुम उस व्यत्तिळ को भूल सकते हो, जिस के साथ तुम हँसे हो, किन्तु उस व्यत्तिळ को कदापि नही, जिसके साथ तुम रोये हो।
– संत विनोवा


जो अपनी गरीबी में भी संतुष्ट है वह वास्तव में धनवान है।
– प्रसाद


निर्धन मनुष्य प्रसन्न हो सकता है, पर प्रसन्न मनुष्य निर्धन नही। सफलता का मत्र है – खुली आखे, बन्द मुह।
– अज्ञात


अगर जीवन की महत्त को खोजना है तो किसी धनिक के रग महल मे नही, बल्कि निर्जन श्मशान मे बिखरी किसी अनामी आत्मा की राख मे खोजना।
– चित्र भानु


आत्मा स्वय ही अपने सुखो और दुखो का कर्ता है, भोत्तळा है। मित्र-शत्रु भी यह स्वय ही है। अच्छे मार्ग पर चलने वाला आत्मा अपना मित्र बन जाता है और बुरे मार्ग पर चलने वाला आत्मा अपना शत्रु बन जाता है।
– जिन वाणी


इस मनुष्य लोक मे एक मनुष्य के द्वारा किए गए कर्मो का फल दूसरा नही भोगता है। जिसने जैसे शुभाशुभ कर्मों का उपार्जन किया है उन का उपभोक्ता भी वही होता है।कारण कि बिना फल भोगे स्वकृत कर्मो से छुटकारा नही हो सकता।
– महाभारत

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विश्व के महान विचारकों के विचार


भगवान् सिर्फ प्रेम के भूखे है। भोग और प्रसाद भी उन्हें सिर्फ प्रेम स्वरुप चढ़ाया जाता है। क्युकी जब भी हम किसी के घर जाते है तो कुछ न कुछ प्रेम स्वरुप ले जाते है, जैसे सुदामा जब अपने मित्र से मिलने गए थे तो अपने साथ चावल की पोटरी लेकर गए थे। पुराणों के अनुसार प्रेम ही इस जीवन का आधार है।
– अज्ञात


अनेक प्रकार के बहुमूल्य पदार्थों से परिपूर्ण यह विश्व भी यदि किसी , एक मनुष्य को दे दिया जाये, तब भी वह सन्तुष्ट नही होगा।
– महावीर स्वामी


जो समाने तो मीठी-मीठी बातें करता है, लेकिन पीठ पीछे बुरा सोचता है और दिल मे कुटिलता रखता है ऐसे कुमित्र को छोडने मे ही भलाई है।
– रामायण


जो पुरुष अपने भोग-सुख के लिए, अन्याय से गरीबो को लूट कर धन एकत्रित करता है वह पापी है। और जो मनुष्य प्राप्त वस्तुओ का यथा योग्य उपभोग करता हुआ अवशिष्ट धन को प्रसाद रूप मे ग्रहण करता है और उसी मे सतुष्ट रहता है, तो वह मानव जीवन का कर्तव्य पालन करता है।
– श्री शप्रराचार्य


कभी हाथ पर हाथ रख कर, सुस्त न बैठो। कोई काम केवल विचार करने से ही नही बल्कि परिश्रम करने से होता है। परिश्रम के बिना कोई फल प्राप्त नही होता।
– अज्ञात


भविष्य उनका है जो अपने सपनों की सुंदरता में विश्वास करते हैं।
– एलेनोर रोसवैल्ट


असतुष्ट व्यत्तिळ के लिए सभी कर्तव्य नीरस होते है। उसे तो कभी भी किसी वस्तु से संतोष नही होता। फलस्वरूप उसका जीवन असफल होना स्वाभाविक है।
– विवेकानन्द


वहाँ मत जाओ जहाँ रास्ता ले जाए, बल्कि वहाँ जाओ जहाँ कोई रास्ता नहीं है और एक निशान छोड़ दो।
– राल्फ वाल्डो इमर्सन


हमने विषयो को भोगा नही उल्टे विषयो ने ही न हम को भोग भोग लिया, हम तप न तपे पर तप ने हमे तपा दिया और समय नही बीता परन्तु हमारी आयु अवश्य हो गई। परन्तु इतने होने पर भी तृष्णा कम नही हुई।
– भतृ हरि


अहकारी व्यत्तिळ अपने आप को इस तरह रखता है जैसे बिना नीव की दीवार खडी हो। जो दिन रात दूसरो की बुराई करता है वास्तव मे वही सब से बुरा है।
– अज्ञात

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महान प्रेरक विचार Mahapurushon Ke Vichar


जीवन में कई असफलताएं ऐसे लोग होते हैं जिन्हें इस बात का अहसास ही नहीं होता कि जब उन्होंने हार मान ली तो वे सफलता के कितने करीब थे।
– थॉमस ए. एडिसन


जीवन में आपको कई हार का सामना करना पड़ेगा, लेकिन खुद को कभी हारने नहीं देना चाहिए।
– माया एंजेलो


इस संसार-रूप समुद्र के परले पार जाने के लिए यह शरीर नौका के समान है जिस में बैठ कर आत्मा नाविक- रूप होकर संसार-समुद्र को पार करता है।
– जिन वाणी


गुरु और मित्र से झूठ बोलने वाला व्यक्ति या तो गरीब हो जाता है या उसे कोढ़ की बीमारी हो जाती है।
– अज्ञात


प्यार की भूख को दूर करना रोटी की भूख से कहीं अधिक कठिन है।
– मदर टेरेसा


एकमात्र असंभव यात्रा वह है जिसे आप कभी शुरू नहीं करते हैं।
– टोनी रॉबिंस


जो सेवा बिना आनंद के की जाती है, वह न तो सेवक की मदद करती है और न ही सेवा करने वाले की।
– महात्मा गांधी


जो दूसरों का आदर करता है उसका भी आदर होता है।
– अज्ञात


आपका समय सीमित है, इसलिए इसे किसी और की जिंदगी जीने में बर्बाद न करें। हठधर्मिता में मत फंसो – जो दूसरे लोगों की सोच के परिणामों के साथ जी रही है।
-स्टीव जॉब्स


आप केवल एक बार जीते हैं, लेकिन यदि आप इसे सही करते हैं, तो एक बार पर्याप्त है।
– मै वेस्ट

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महान दार्शनिकों के विचार


मनुष्यों के प्रति मित्रता, दुखी के लिए करुणा, सदाचारियों में प्रसन्नता और दुष्टों के प्रति उदासीनता से मन की शांति प्राप्त होती है।
– पतंजलि


पहनना चाहते हो, तो नेकी का जामा पहनो। लेना चाहते हो केवल आर्शीर्वाद लो। बोलना चाहते हो तो मीठे वचन बोलो। छोडना चाहते हो, तो पाप तथा अत्याचार को छोडो।
– अज्ञात

किसी अन्य व्यक्ति से श्रेष्ठ होने में कुछ भी महान नहीं है। सच्चा बड़प्पन अपने पिछले स्व से श्रेष्ठ होने में है।
– कहावत


कोई भी जन्म से बुद्धिमान नहीं होता, क्योंकि ज्ञान अपने प्रयासों से ही प्राप्त होता है।
– टी. कृष्णमाचार्य

अपने सपनों की दिशा में आत्मविश्वास से आगे बढ़ें! वह जीवन जिएं जिसकी आपने कल्पना की है।
– हेनरी डेविड थॉरो


प्रत्येक स्थान पर ईश्वर को विद्यमान समझो, पाप से बचोगे। सच्चा सुख हमारे अन्दर है, बाहर ढूढना व्यर्थ है।
– अज्ञात


जिसक पास स्वास्थ्य है उसके पास आशा है, और जिसके पास आशा है उसके पास सब कुछ है। समय मूल्यवान है, किन्तु सत्य समय से भी अधिक मूल्यवान है।
– अज्ञात


उसकी पंखुड़ियाँ तोड़कर, तुम फूल की सुंदरता नहीं बटोर सकते।
– रविंद्रनाथ टैगोर


जीवन वास्तव में सरल है, लेकिन हम इसे जटिल बनाने पर जोर देते हैं।
– कन्फ्यूशियस


घर मे यदि दीपक न जले तो वह दरिद्रता का चिन्ह है। हृदय मे ज्ञान का दीपक जलाना चाहिए। हृदय मे ज्ञान दीपक जला कर उस को देखो।
– श्री रामकृष्ण परमहम

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Great People Quotes in Hindi


सत्य बोलने वाला व्यक्ति हमेशा विश्वास का पात्र बना रहता है। अगर आप सत्य नहीं बोलते है तो आप पर समाज की तो छोडो आपके घर और परिवार के लोग ही आपकी बातो पर विश्वास नहीं करेंगे।
– अज्ञात


हम अपने गुस्से पर काबू क्यों नहीं रख पाते? क्योंकि हम पूर्णता से प्यार करते हैं। हमारे जीवन में अपूर्णता के लिए थोड़ी जगह बनाओ।
– श्री श्री रविशंकर


याद रखना, अंधेरी रात में आपको दीया जलाने से कोई नहीं रोक सकता।
– हरिवंश राय बच्चन


यदि आप धनवान हैं, तो विनम्र बनें। फल लगने पर पौधे झुक जाते हैं।
– साईं बाबा


मुस्कुराते रहो, क्योंकि जीवन एक खूबसूरत चीज है और इसमें मुस्कुराने के लिए बहुत कुछ है।
-मैरिलिन मुनरो


ज्ञान के बिना किया कार्य व्यर्थ है और कार्य के बिना ज्ञान व्यर्थ है। इसलिये ज्ञान और कार्य के मेल से ही कार्य सिद्ध होता है।
– गोतमगीता / Mahapurushon Ke Vichar


संसार के प्रवाह को स्वीकार करने से इंकार करना ही सभी दुखों की जड़ है।
— देवदत्त पटनायक


बकरे के जीवन का मूल्य मनुष्य के जीवन से कम नही है। जो जीव जितना अधिक अपग है, उतना ही उसे मनुष्य की कूरता से बचने के लिये मनुष्य का आश्रय पाने का अधिकार है।
– महात्मा गाधी / Mahapurushon Ke Vichar


बोलो कम, सुनो अधिक। शायद इसीलिए भगवान ने तुम्हें कान दो व जीभ एक ही दी है।
– हर्ष


मनुष्य-जीवन का अधिकाँश भाग यही विचारते – विचारते निकाल देता है कि मैं अब जीवन को नाश से बचाऊगा। फलत जीवन नष्ट हो जाता है और हम जीवित रहने के उपक्रम मे व्यस्त रह जाते हैं।
– इमसन

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महापुरुषों के विचार


अत्याचार करने वाला भी उतना ही अपराधी है जितना कि अत्याचार सहने वाला।
– अज्ञात


अपने मन और प्रकृति को अशुद्धियों से शुद्ध रखने के लिए, अपने आलोचकों के लिए अपने पिछवाड़े में एक झोपड़ी बनाएं और उन्हें पास रखें।
– कबीर


तुम्हारे सिर में मस्तिष्क है। अपनी मर्यादा में रहो। आप खुद को अपनी पसंद की दिशा में ले जा सकते हैं।
-डॉ। सिअस


अच्छा चरित्र एक ऐसा श्रस्त्र है जो मुसीबतो की चट्टान को तोड देता है।
– हर्ष


मौन ही मूर्खो का आवरण है और बुद्धिमानों का एक सद्गुण है, मौन के वृक्ष पर शान्ति के फल लगते हैं। मोन रखो, अपनी सुरक्षा करो। मौन कभी तुम्हारे साथ विश्वास घात नही करेगा।
– अज्ञात


मेहनत शरीर को स्वास्थ्य, मस्तिष्क को साफ, हृदय को उदार और जेब को भरपूर रखती है।
– अज्ञात


यदि आप नदी पर रहते हैं, तो मगरमच्छ से मित्रता करें।
– भारतीय कहावत


सिर मुडा लेने से कोई साधु नही होता, ओम् का जाप करने से कोई ब्राह्मण नही होता, जगल मे वास करने से कोई मुनि नही कहलाता और कुशा के बने वस्त्र पहनने से कोई तपस्वी नही होता, समता धारण करने से साधु मुनि, तपस्वी होता है। कर्म से क्षत्रिय होता है, और कर्म से शूद्र होता है, ब्रह्मचर्य से ब्राह्मण होता है।
– जिनवाणी


दुर्बल चरित्र वाला मनुष्य उस सरकण्डे की भाति है जो हवा के हर भळोंके पर भळुक जाता है।
– महात्मा गाँधी


श्रम ही आज का सब से बडा देवता है और आलस्य सब से बडा शत्रु। इच्छा शक्ति क्रियात्मक चरित्र है।
– अज्ञात

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Mahapurushon Ke Suvichar


भक्ति वह है जो ज्ञान उत्पन्न करती है; ज्ञान वह है जो स्वतंत्रता को गढ़ता है।
– तुलसीदास


अन्धा वह नही है जिस की ऑख फूट गई है। अन्धा तो वह है जो कि अपने दोषो को नहीं देख पाता।
– राजेन्द्र बाबू


अपने मित्रो के दोषो को देखने की अपेक्षा अपने शत्रुओ के गुणो को देखना हितकर है।
– एवेवरी


पशु मनुष्य से बोलना नही सीख सकता, लेकिन मनुष्य पशु से चुप रहना तो सीख सकता है।
– हर्ष


सावधानी और सोच समझ कर किया हर काम डर से छुटकारा दिला देता है।
हर्ष


स्वपन मे राजा भिखारी हो जाता है और कगाल इन्द्र हो जाता है। परन्तु जागने पर लाभ या हानि कुछ भी नही होती। वैसे ही इस विषय रूप संसार को भी हृदय से (स्वपन) देखो।
– दोहावली / Mahapurushon Ke Vichar


ही इस विषय रूप संसार को भी हृदय से (स्वपन) देखो।
– दोहावली


मनुष्य स्वय ही अपना मित्र तथा शत्रु है। जब उसकी इन्द्रियाँ मन के अनुकूल होती है तभी वह मित्र बन जाता हैं, और प्रतिकूल होने पर वही शत्रु बन जाता है।
– अज्ञात


जब आप काम करते हैं, तो काम करें जैसे कि सब कुछ आप पर निर्भर करता है। जब आप प्रार्थना करें तो ऐसे प्रार्थना करें जैसे कि सब कुछ ईश्वर पर निर्भर है।
– जे.आर.डी. टाटा


मनुष्य को अपनी कठिनाइयों की आवश्यकता होती है क्योंकि वे सफलता का आनंद लेने के लिए आवश्यक हैं।
– ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

अनमोल वचन – महापुरुषों के महान प्रेरक वाक्य

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अगर तुम्हे अपने जीवन से प्रेम है तो समय को मत बरबाद करो। क्योकि जीवन समय से ही बना है। जिस परिश्रम में हमे आनन्द आता है, वह रोगो के लिए अमृत है।
– सैक्सपीयर


पेट भर खाओ पेटी भर न रखो। दान वही है जो किसी दीन नही बनाता। आहार शुद्धि का चित्त शुद्धि से निकट सम्बन्ध है इस लिये आहार सात्विक रखना चाहिए।
– विनोवा


अगर आत्मा एक है ईश्वर एक है तो अछूत कोई नही हैं। जो खुद मेहनत न करे उसे खाने का हक ही क्या ? खादी का मतलब है, देश के सभी लोगो की आर्थिक स्वतन्त्रता और समानता का आरम्भ।
– बापू


मैं किसी को भी अपने गंदे पैरों से अपने दिमाग से नहीं चलने दूंगा।
– बापू


अहिंसा कायरो का धर्म नही बल्कि वह वीर व साहसी पुरूषो का धर्म है।
– बाल गगाघर तिलक


तथ्य तथ्य हैं और आपकी पसंद के कारण गायब नहीं होंगे।
– जवाहर लाल नेहरू / Mahapurushon Ke Vichar


प्रेम और मोह दोनो दो अलग-अलग चीजे हैं। दोनो को एक समझना भारी भूल है। प्रेम आत्मा को विकसित करता है, विराट बनाता है और मोह आत्मा को सकुचित करता हैं, क्षुद्र बनाता है। प्रेम निष्काम भावना की शुद्ध स्नेहानुभूति है, तो मोह स्वार्थ की दूषित अनुरत्तिळ।
– अमर वाणी


कठोर वचन तुम्हारे शरीर को भेद नहीं सकते। अगर कोई आपके बारे में बुरा बोलता है, तो बस बेफिक्र होकर चलते रहें।
– साईं बाबा


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