अंतरराष्ट्रीय योग पर अनमोल विचार
“कोई भी सांस ले सकता है, इसलिए कोई भी योग का अभ्यास कर सकता है”- टी.के.वी. देसिकाचारी
“योग वहीं से शुरू होता है जहां मैं हूं-वह नहीं जहां मैं कल था या जहां मैं रहना चाहता हूं” – लिंडा स्पैरो
“अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने पर ध्यान दीजिये। ये रीढ़ की हड्डी का काम है कि वो मस्तिष्क को सतर्क रखे।” – बी.के.एस आयंगर
“योग हमारे देखने के तरीके को नहीं बदलता, यह देखने वाले को बदल देता है” – बी.के.एस. आयंगर
“योग युवाओं का फव्वारा है। आप उतने ही युवा हैं जितने आपकी रीढ़ लचीली है” – बॉब हार्पर
“आपको क्या लगता है आप कया बनेंगे।” – बुद्ध
“योग सोने की वो चाभी है जो अमन, शांति और ख़ुशी के दरवाजे खोलती है।” – बी.के.एस आयंगर
“योग की प्रकृति शरीर के सबसे अंधेरे कोनों में जागरूकता के प्रकाश को चमकाना है” – जेसन क्रैंडेल
“व्यायाम गद्य की तरह है, जबकि योग आंदोलनों की कविता है। एक बार जब आप योग के व्याकरण को समझ लेते हैं, तो आप आंदोलनों की अपनी कविता खुद लिख सकते हैं।” – अमित राय
“योग अनिवार्य रूप से आपकी आत्मा के लिए एक अभ्यास है, जो आपके शरीर के माध्यम से काम कर रहा है” – तारा फ्रेजर
“आपका शरीर आत्मा की संतान है। आपको उस संतान का पोषण करना और उसे प्रशिक्षित करना चाहिए।” – बी.के.एस आयंगर ️
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