International Yoga Suvichar In Hindi
“मन पागलपन है। मन के पार जाने पर ही ध्यान होगा” – सद्गुरु
“योग ज्ञान, जुनून और कर्म को एक साथ लाता है” – श्री श्री रविशंकर
“मन की बदलती अवस्थाओं की शांति है योग ।”- पतंजलि
“योग का अर्थ है जोड़ – शरीर, मन और आत्मा में ऊर्जा, शक्ति और सुंदरता का योग।” – अमित राय
“एक ऐसा प्रकाश है योग, जो एक बार जला देने पर कभी मंद नहीं होता। आपका अभ्यास जितना बेहतर होगा, लौ उतनी ही तेज होगी” – बी.के.एस. आयंगर
“योग आत्म-सुधार के बारे में नहीं है, यह आत्म-स्वीकृति के बारे में है” – गुरुमुख कौर खालसा
“कई सालों तक मैंने अनुशासन को महत्वाकांक्षा के रूप में लिया। अब मेरा मानना है कि यह एकरूपता के बारे में अधिक है। चटाई पर जरूर आएं। अभ्यास और जीवन इतने अलग नहीं हैं।” — जूडिथ हैनसन लासेटर
“आपको अंदर से बाहर की ओर बढ़ना है। कोई आपको सिखा नहीं सकता, कोई आपको आध्यात्मिक नहीं बना सकता। आपकी अपनी आत्मा के अलावा कोई दूसरा शिक्षक नहीं है” – स्वामी विवेकानंद
“योग की सफलता आसन करने की क्षमता में नहीं है बल्कि यह हमारे जीवन और हमारे संबंधों को जीने के तरीके को सकारात्मक रूप से कैसे बदलता है के बारे में हैं।” – टी.के.वी. देसिकाचारी
“योग आपको सिखाता है कि आप अपने शरीर को कैसे सुनें” – मारियल हेमिंग्वे
“यदि आप शांति चाहते हैं, तो शांत रहें। यदि आप ज्ञान चाहते हैं, तो चुप रहो। यदि तुम प्रेम चाहते हो, तो स्वयं बनो।” — बेक्का ली
“योग हमें उन चीजों को ठीक करना सिखाता है जिसे सहा नहीं जा सकता और उन चीजों को सहना सिखाता है जिन्हे ठीक नहीं किया जा सकता।” – बी.के.एस आयंगर
“योग और जीवन में संतुलन हमारी आंतरिक स्थिति का प्रतिबिंब है। क्या हम परिवर्तन के साथ नृत्य कर सकते हैं? क्या हम गिर सकते हैं और चंचलता के साथ फिर से कोशिश कर सकते हैं? क्या हमारे पास इस सब के भीतर स्थिर बिंदु खोजने के लिए फोकस, कौशल और अनुकूलन है?” – शिव राय
खुशी (प्रसन्नता) पर अनमोल विचार
अगले पेज पर जाएं …