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These failure stories will set you up for success
हर एक Success Story आपको Success के लिए Inspire करती है, पर Failure Stories आपको यह बताती हैं की किसी भी महान सफलता से पहले कई चुनौतियों आती हैं, कई असफलताओं का सामने करना पढता है। असफलताओं से सीख लेकर ही सफलता प्राप्त की जा सकती हैं।
हर सफलता के पीछे एक महान असफलता होती है।
आज मैं आपके साथ ऐसी दस Real Life Failure Stories शेयर करने जा रहा हूँ जिन लोगों की महान सफलता के पीछे एक बड़ी असफलता थी।
यह असफलता से सफलता की सच्ची कहानियां आपको आपकी सफलता पाने की राह में न सिर्फ मार्गदर्शन करेंगी बल्कि प्रेरणा देने के साथ साथ जोश भी भर देंगी। आइये जानते हैं असफलता से सफलता की कहानियाँ हिंदी में
सफलता के लिए प्रेरित करती दस अत्यधिक सफल लोगों की असफलता की कहानियां Failure Stories in Hindi of Highly Successful People
चाहे कितनी भी आएं कठिनाइयां पर जो रुकता नहीं,
सफल होता है वही इंसान जो असफलता से शर्मिंदा नहीं।
आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ महान लोगों की असफलता की कहानियां जिन्होंने अपने failures से सीखा और उसको पीछे छोड़ सफलता का वो मुकाम हांसिल कर लिया की आज लोग उन्हें अपनी प्रेरणा मानते हैं।
1. धीरूभाई अंबानी – Failure Stories in Hindi of Dhirubhai Ambani
गरीबी से लेकर भारत के सबसे अमीर आदमी बनने की कहानी, हम सब जानते हैं की धीरजलाल हीराचंद अंबानी, भारत के सबसे उद्यमशील व्यापारिक दूरदर्शी रहे हैं।
धीरूभाई का जन्म एक गुजराती परिवार में हुआ था। इनके पिता एक स्कूल टीचर थे और ये दूसरे नम्बर के पुत्र थे। धीरू भाई अम्बानी ने अपने करियर की शुरुआत “पकोड़े” बेचने के काम से की थी जो वो बचपन में छुटियों में किया करते थे।
जब वो 16 साल की उम्र के थे तब वो यमन चले गए, जहां उन्होंने ए बेस्स एंड कंपनी के साथ एक डिस्पैच प्रतिनिधि के रूप में काम किया। दुबई में काफी समय तक काम करने के बाद वे बाद में भारत वापस आ गए जहां उन्होंने छोटी पूंजी मात्र 15000 रूपये से रिलायंस कमर्शियल कॉरपोरेशन की स्थापना की, उन्होंने चंपकलाल दमानी के साथ मिलकर व्यवसाय स्थापित किया, जिनसे वे 1965 में अलग हो गए।
इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा और Telecommunications, Information Technology, Energy, Power, Retail, Textiles, Capital Markets and Logistics में भी Business आगे बढ़ाया। उसके कुछ समय बाद ही धीरूभाई अंबानी ने अहमदाबाद के नजदीक नरोदा में अपना पहला भौतिक संयंत्र शुरू किया और “विमल” ब्रांड को आगे बढ़ाया। बाद में उन्होंने दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, बिजली, खुदरा, कपड़ा, पूंजी बाजार और रसद जैसे पेट्रोकेमिकल्स और डिवीजनों में विस्तार किया।
धैर्य और दृंढ संकल्प से वो आगे बढ़ते गए और उन्होंने एक बड़ा कीर्तिमान हासिल किया। उनका नाम Forbes में वर्ड की टॉप 50 billionaires की सूची में शामिल किया। 2002 में ये इतिहासपुरुष हमेशा के लिए दुनियाँ को छोड़कर चला गया और इनके बाद इनके पुत्र मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी कम्पनी को संभाल रहे हैं।
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Best Failure Stories In Hindi
2. थॉमस एडिसन – Failure To Success Story of Thomas Alva Edison
जिस इंसान को हम सभी दुनिया बदलने वाला अविष्कारक कहते हैं, अपने बचपन में उसके शिक्षक रोज उनके माता पिता को बुलाते थे और उनकी शिकायत यह कहकर करते थे की उनका बच्चा कमजोर है और जीवन में कभी सफल नहीं हो सकता। उनके टीचर उन्हें ‘दिमाग नहीं है’ भी कहकर उनके माता पिता से कहते थे।
लेकिन किसी को नहीं पता था कि ये शख्स इतनी सारी चीजों का अविष्कार करेगा कि सदियों बाद भी लोग उसे नहीं भूलेंगे! उन्हें यह सफलता उनके लगातार प्रयास और कभी न हार मानने वाली भूख से मिली है।
थॉमस एडिसन ने कभी हार नहीं मानी उनका अभियान उन्हें आश्चर्यजनक सफलता की ओर ले गया और आज वह दुनिया को सफलता की प्रेरणा देते हैं।
उनकी सफलता की कहानी से हम जो सबसे बड़ी बात सीख सकते हैं वो है अपने आप पर भरोसा। जब पूरी दुनियां कहे की तुम नहीं कर सकते जो दुनियां को बता दो की जो कोई नहीं कर सकता वो आप कर सकते हैं।
असफल होने पर कभी निराश न हों। इससे सीखो। कोशिश करते रहो। सीखना कभी भी बंद न करें।
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Top Failure Stories in Hindi
3. वॉल्ट डिज़्नी – Walt Disney Failure Stories in Hindi
वॉल्ट डिज़्नी जिन्हें आज हम सभी जानते हैं, किसी समय में समाचार पत्र एनीमेशन की नौकरी से यह कहकर निकाल दिया गया था की तुम रचनात्मक नहीं हो । लेकिन उन्होंने कभी अपने को कम नहीं आका। उन्हें मालूम था की वो क्या हैं। नौकरी से निकालने के बाद उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ आया।
अपनी रचनात्मक बुद्धि से उन्होंने पात्रों का निर्माण करना शुरू कर दिया, जिनमें से एक ने उन्हें एक ऐसा भाग्य बना दिया, जिसके बारे में वह उस समय सपने में भी नहीं सोच सकते थे। जी हाँ हम बात कर रहे हैं ‘मिकी माउस’ की।
डिज़्नी ने 22 अकादमी पुरस्कार (अब तक का सबसे अधिक!) और 4 मानद पुरस्कार जीते, जिससे संख्या 26 हो गई। वह कुल 59 के साथ इतिहास में सबसे अधिक ऑस्कर नामांकित व्यक्ति भी हैं।
किसी समय में जब उन्हें यह कहकर निकाल दिया था की वो रचनात्मक नहीं है उनकी यही कमज़ोरी उनकी सबसे बड़ी ताक़त बनी।
दोस्तों, हो सकता है की आज लोग आपकी कला को न समझे और अवहेलमा करें, लेकिन हार न मानना और अपने को साबित करना जारी रखें, सफलता मिलकर रहेगी।
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Failure to Success Stories in Hindi
4. सुपरस्टार रजनीकांत – Superstar RajiniKanth – Indian Failure to Sucess Story in Hindi
एक अवार्ड फंग्शन में रजनीकांत का संबोधन “”बहुत से लोग चमत्कारों में विश्वास नहीं करते हैं, लेकिन चमत्कार होते हैं। कल का एक साधारण बस कंडक्टरआज इतने बड़े लोगों के साथ मंच साझा कर रहा है, यह चमत्कार नहीं तो और क्या है।”
फाइल इंडस्ट्री के सुपर स्टार रजनीकांत जिनका वास्तविक नाम शिवाजी राव गायकवाड़ था का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था।
उन्होंने पाँच साल की उम्र में अपनी माँ को खो दिया और अपने चार भाई-बहनों के साथ वो बड़े हुए। उनके पिता एक पुलिस कांस्टेबल थे।
अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, रजनीकांत ने बैंगलोर और मद्रास शहरों में कुली, बढ़ई और बस कंडक्टर सहित कई जॉब किये।
उनका मानना था की ज़िन्दगी जीनी है तो अपने अंदाज़ से जियो। बस कंडक्टर के रूप में काम करते हुए भी वो कई तरह की एक्टिंग किया करते थे और लोगों का मनोरंजन किया करते थे। अपने काम के दौरान उन्हें एक विज्ञापन दिखा जो एक्टिंग सिखाता है। बस क्या था अपने दोस्तों के साथ वित्तीय सहायता के साथ इसमें दाखिला लिया। अभिनय के अपने पाठ्यक्रम के दौरान, उन्हें तमिल फिल्म निर्देशक के। बालचंदर ने देखा और बाकी तो आप जानते है हैं उनकी सफलता की बुलंदी को।
दोस्तों, आप अपना काम करते रहें, बिना किसी शिकायत के बस मौका मिलते है खुद को साबित करें पूरे जूनून के साथ।
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5. डॉ अब्दुल कलाम – Failure stories of Dr. A.P.J. Abdul Kalam in hindi
एक महान वैज्ञानिक और 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को अपनी सफलता तमाम बाधाओं को पार करते हुए मिली।
डॉ. अब्दुल कलाम का जन्म एक बहुत ही गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था; उनके पिता जैनुलाबदीन एक नाव के मालिक थे और उनकी माँ आशिअम्मा एक गृहिणी थीं।
उन्होंने बहुत ही कम उम्र के काम करना शुरू कर दिया था। अपने पिता की आर्थिक रूप से मदद करने के लिए स्कूल के बाद वो समाचार पत्र वितरित करते थे। जिस कारण पढाई में भी उनके औसत नंबर आते थे। लेकिन उनकी रूचि गणित में काफी थी।
हालाँकि वो एक मेहनती छात्र थे, लेकिन जब वो कॉलेज में थे तब उनकी पढाई को लेकर वहां के डीन असंतुष्ट थे और उनकी छात्रवृत्ति को रद्द करने की धमकी देते थे।
उनके टीचर ने उन्हें एक प्रोजेक्ट दिया जिसे तीन दिन में पूरा करना था नहीं तो उनकी छात्रवृत्ति रोक दी जाएगी। फिर उन्होंने अपने प्रोजेक्ट पर अथक परिश्रम किया और प्रोजेक्ट समय सीमा पर पूरा किया। जिससे उनके टीचर बहुत प्रभावित हुए।
आगे जाकर डॉ कलाम एक वैज्ञानिक के रूप में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान में शामिल हो गए और संगठन के प्रमुख बने। बाकी तो आप सब जानते ही हैं की उन्होंने देश को क्या क्या सौगात दीं।
दोस्तों, सफलता संसाधनों की मोहताज नहीं है। अपनी मेहनत पर विश्वास से आप सफल होते हैं।
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6. महेंद्र सिंह धोनी – Failure stories of Mahendra Singh Dhoni in hindi
महेंद्र सिंह धोनी भारत के महानतम क्रिकेटरों में से एक हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की उनको बचपन से ही क्रिकेट में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी।
धोनी ने शुरुआत में जिला और क्लब स्तर पर बैडमिंटन और फुटबॉल खेला। जब वह गोलकीपर के रूप में फुटबॉल खेल रहे थे, तब उनके कोच ने उन्हें स्थानीय क्रिकेट क्लब में विकेटकीपर के रूप में खेलने के लिए चुना था।
लेकिन जब उन्होंने क्रिकेट का अभ्यास नियमित किया उन्हें इसमें काफी दिलचस्पी आने लगी। वो पूरी मेहनत के साथ अभ्यास करते जिसके कारण उन्हें क्लब क्रिकेट में चुन लिया गया।
धोनी एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उनके पिता पान सिंह मेकॉन में जूनियर स्तर पर कार्यरत थे। इसलिए अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए, धोनी ने भारतीय रेलवे में एक ट्रेन टिकट परीक्षक या टीटीई की नौकरी की।
धोनी ने 2000 से 2003 के दौरान रेलवे टिकट परीक्षक के रूप में काम किया और 2004 में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए चुने गए। वो भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे। और उनके रिकॉर्ड हैं आज तक के सभी भारतीय कप्तानों में से वो सर्वश्रेष्ठ रह हैं।
दोस्तों, भले ही सफलता का रास्ता अलग हो लेकिन चाह आपको सफल बनाकर ही रहेगी बस जो है उसे स्वीकार करना और फिर जी जान से उस काम में लग जाना।
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Successful person Failure stories in hindi
7. अमिताभ बच्चन – Failure To Success Story of Amitabh Bachchan
अमिताभ बच्चन को यह कहकर रिजेक्ट कर दिया जाता था की उनकी आवाज़ बहुत भारी है और वो बहुत लंम्बे हैं। लेकिन मौका मिलने पर उन्होंने अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया। और उनकी भारी आवाज़ उनकी दमदार आवाज़ से पहचाने जाने लगी।
एक समय ऐसा आया जब वो कामियाबी के आसमान में थे लेकिन बुरे वक्त की कुछ ऐसी हवा चली की वर्ष 2000 में, जब पूरी दुनिया नई सदी का जश्न मना रही थी, तब वो गम में डूब चुके थे।
उनके भाग्य ने ऐसे करवट बदली की न तो कोई फिल्म थी उनके पास और न ही पैसा, कोई कंपनी नहीं थी, कई कानूनी मामले थे और कर अधिकारियों ने मेरे घर पर वसूली का नोटिस लगाया था।
वो एक अभूतपूर्व तरलता संकट का सामना कर रहे थे क्योंकि उनकी फिल्मों के निर्माण और वितरण में पर्याप्त धन अवरुद्ध हो गया था। उन पर लेनदारों द्वारा दबाव डाला गया और अमिताभ बच्चन की कंपनी “अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड” को ‘दिवालिया’ कंपनी घोषित कर दिया गया।
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और फिर खड़े हुए और चलते रहे।
उसके बाद, यश चोपड़ा ने तब उन्हें अपनी फिल्म मोहब्बतें में एक भूमिका की पेशकश की। अमिताभ ने विज्ञापन और टेलीविजन कार्यक्रम भी करना शुरू कर दिया। यह इस समय था कि कौन बनेगा करोड़पति के माध्यम से उन्हें एक बड़ा ब्रेक मिला; इसने उन्हें राष्ट्रीय स्टारडम में प्रेरित किया और उनकी किस्मत फिर से चमक गई।
दोस्तों, एक समय ऐसा आता है जब हम हारा हुआ महसूस करते हैं और हमें अपनी किस्मत अपनी सबसे बड़ी दुश्मन लगने लगती है। लेकिन आप हार नहीं मानते और हिम्मत, मेहनत और विश्वास के साथ आगे बढ़ते रहते हैं तो आप पहले से भी कहीं अधिक कामियाब हो जाते हैं।
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8. नवाजउद्दीन सिद्दीकी – Failure To Success Story of Nawazuddin Siddiqui
“सफलता मेहनत से मिलती है शक्ल से नहीं” यह कहना है जाने माने अभिनेता नवाजउद्दीन सिद्दीकी का।
जी हाँ दोस्तों, और नवा जउद्दीन सिद्दीकी ने इस बात को साबित भी कर दिखाया। उत्तर प्रदेश के एक साधारण से परिवार में जन्म लेने वाले नवाजउद्दीन ने काम की शुरुआत एक पेट्रो कैमिकल कंपनी से की थी। लेकिन उनका सपना तो कुछ और बड़ा करने का था, तो वह दिल्ली आ गए। काफी भटकने के बाद उन्हें एक चौकीदार की नौकरी मिली जिसे उन्होंने काफी समय तक किया।
इसके साथ ही दिल्ली में उन्होंने थिएटर भी किया और उसके बाद किस्मत आजमाने के लिए वह मुंबई चले गए।
कई दिन तक मुंबई में उन्होंने स्ट्रगल किया जिससे उन्हें छोटे छोटे रोले मिलने लगे, जिससे उनका जीवन यापन बामुश्किल हो पा रहा था। एक्टिंग वर्कशॉप करके उन्होंने कुछ पैसे कमाए जो उनके संघर्ष का ही हिस्सा है।
अपनी एक्टिंग के बलबूते पर छोटे रोल में भी लोग इन्हें नोटिस करने लगे और जल्दी ही इन्हें ‘पीपली लाइव’ में लोग इन्हें पहचानने लगे। उसके बाद इन्हें लगातार काम मिलने लगा और आज उनकी पहचान किसी से छुपी नहीं है।
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “मुझे कई बार लगता था की मैं अपना समय बर्बाद कर रहा हूँ, क्योंकि चीजें ठीक नहीं चल रही थीं। लेकिन मैं अपने गांव वापित नहीं जा सका। क्योंकि अब मेरे पास कोई रास्ता नहीं। मैं वहां क्या करूंगा? अपना सारा जीवन अभिनय में बिताया, और मैंने कोई और काम नहीं जानता। साथ ही, मुझे डर था कि मेरे दोस्त मुझे चिढ़ाएंगे। अरे हीरो बनने गया था, वापस लौट आया।
दोस्तों, यह बात 100% सही है की ज़िद है तो जीत है। सफलता न किसी सूरत की मोहताज है और न ही पर्स्नालिटी की। बस मेहनत, पक्का इरादा और अपने लक्ष्य को ही सर्वपरि मानना।
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9. शिव खेड़ा – Failure To Success Story of Shiv Khera
शिव खेड़ा एक लेखक और प्रेरक वक्ता के रूप में जाने जाते हैं। लेकिन आज उन्हें जो पहचान मिली है वो आसान नहीं थी। वो कई असफलताओं से गुजरे। लेकिन उन्होने अपनी कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से विफलता को सफलता में बदल ही दिया।
शिव खेरा के पिता का कोयला खदानों का संचालन करने का काम था जो काफी अच्छा चल रहा था। लेकिन दुर्भाग्य से भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीयकृत हो गया।
जिसके कारण उनके परिवार को मुश्किलों से गुज़ारना पड़ा। उन्होंने एक कार वॉशर, एक जीवन बीमा एजेंट और एक फ्रैंचाइज़ी ऑपरेटर के रूप में काम किया। उन्होंने इस चरण के दौरान कई अजीब काम किए लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं खोई।
अलग अलग काम करने के दौरान उन्हें महसूस हुआ की उन्हें लिखने का शोक है। फिर क्या था उन्होंने लेखन में अपना करियर बनाने का फैसला किया। उनके द्वारा लिखी पुस्तके लोगों को काफी प्रेरित करती हैं।
अपनी लेकिन में प्रसिद्धि के कुछ समय बाद मोटिवेशनल किताबों के लेखक शिव पर साहित्यिक चोरी का आरोप लगाया गया। ‘फ्रीडम इज नोट फ्री’ किताब की लॉन्चिंग के बाद सिविल सर्वेंट अमरित लाल ने साहित्यिक चोरी का आरोप लगााया था। उन्हें इस मामले में कोर्ट में भी ले जाया गया मगर शिव खेड़ा ने संघर्श जारी रखा।
बाद में यह केस सेटिलमेंट हो गया और उनकी किताब लॉन्च हुई तो यह मोटिवेशनल बुक बेस्ट सैलर्स बन गई।
दोस्तों, शिव खेड़ा तमाम मुशकिओं के बाद भी हमेशा सकारात्मक रहे और अपनी लेखनी के माध्यम से भी वो हमेशा सकारात्मक रहने की प्रेरणा देते हैं। असफलताएं जीवन का ही एक अंश होती हैं और प्रत्येक व्यक्ति को जीवन के विभिन्न चरणों में इनका सामना करना पड़ता है। कभी हार न मानना। अपने आप को प्रेरित रखें और अपना आत्मविश्वास कभी न खोएं। आप कभी असफल नहीं होंगे जब आपके पास एक अच्छी तरह से निर्धारित लक्ष्य होते हैं और इसके लिए लगातार काम करने के लिए दृढ़ होते हैं।
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10. नरेंद्र मोदी – Failure To Success Story of Narendra Modi
नरेंद्र दामोदरदास मोदी (नरेंद्र मोदी) ने एक चाय विक्रेता से लेकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के प्रधानमंत्री बनने तक के अपने सफर की शुरुआत की।
वह भारत के पहले पीएम हैं जिनका जन्म भारत की आजादी के बाद हुआ था।
नरेंद्र मोदी एक भारतीय राजनेता हैं, और मई 2014 से भारत के 16 वें प्रधान मंत्री हैं।
नरेंद्र मोदी के जीवन में कई असफलतायें और कठिनाइयां आई पर उन्होंने अपने सकारात्मक नज़रिये, दूर दृष्टिता और दृढ़ विश्वास से आज वो यहां हैं।
रेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। वह दामोदरदास मूलचंद मोदी और हीराबेन मोदी से पैदा हुए छह बच्चों में से तीसरे थे।
मोदी जी अपने पिता की मदद करने के लिए अपने भाइयों के साथ चाय बेचते थे। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा गुजरात के एक छोटे से शहर वडनगर में पूरी की।
1971 में, भारत-पाक युद्ध के ठीक बाद मोदी आरएसएस में शामिल हो गए, और आरएसएस के पूर्णकालिक प्रचारक बन गए। उनका वक्तृत्व कौशल काम आया और इस समय, उन्होंने खुद को राजनीति में समर्पित करने का एक सचेत निर्णय लिया।
दोस्तों, किसी काम को शुरू करने से पहले कई कई बाधाओं और असफलताओं का सामना करना पड़ता हैं। कभी कभी लगता है की कुछ नहीं होने वाला लेकिन नाकामी भी बहुत कुछ सीखा देती है। इसलिए कभी हिम्मत मत हारो, क्योंकि एक महान सफलता की पीछे एक बड़ी सफलता छुपी होती है, बस कमी होती है लगातार प्रयास और सकारात्मक दृष्टिकोण की।
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मित्रों ! उम्मीद करता हूँ आपको “असफलता से सफलता की दस कहानियां जो आपको सफलता की प्रेरणा देंगीं। Failure Stories in Hindi” अवश्य पसंद आई होगी और आप Inspired भी हुए होंगे। कृपया कमेंट के माध्यम से अवश्य बतायें, आपके किसी भी प्रश्न एवं सुझावों का स्वागत है। कृपया Share करें और जुड़े रहने की लिए Subscribe करें. धन्यवाद
Bahut Sundar asafalta se safalata ki or motivational story achhi lagi