दिल कुछ और कहता है दिमाग कुछ और किसकी सुनें ! Dil ki Sune Ya Dimag Ki | Heart vs Mind in hindi

Heart vs Mind

Dil ki Sune Ya Dimag Ki – Heart vs Mind – हमेशा यह युद्ध चलता है कि दिल कुछ और कहता है दिमाग कुछ और पर सुने तो सुने किसकी !

फैसला नहीं ले पा रहा हूँ ! कुछ लोग कहते हैं की दिल की सुनों और कुछ लोग कहते हैं दिमाग की सुनों।

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किसकी सुने ! दिल की या दिमाग की ?

Dil ki Sune Ya Dimag Ki | Heart vs Mind in hindi

दिल और दिमाग का खेल भी निराला है – बहुत सोचना पड़ता है अब मुँह खोलने से पहले क्योंकि … लोग दिल में भी दिमाग लिए फिरते हैं !

अब करें भी तो क्या करें किसकी सुनने दिल की सुनें या दिमाग की सुनें। यदि आपके लिए भी यह सवाल परेशानी का सबब बनता जा रहा है तो हम के लेख के माध्यम से आपकी परेशानी ख़त्म करने के प्रयास करेंगें।

दोस्तों कही बार ऐसा होता है की फैसला अहम् होता है. ऊपर से दिल कुछ और कहता है पर दिमाग उसका विरोध करता है और कई बार दिमाग तो फैसला करना चाहता है, पर दिल है कि मानता ही नहीं। पर दिल और दिमाग की लड़ाई में पिसते तो आप ही हैं। पर निर्णय तो लेना ही है, एक सही निर्णय !

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कुछ लोग इसी कश्मकश में रहते हैं की किसकी सुनें – दिल की या दिमाग की ! लेकिन यह केवल एक उपमा है !

अब इस सवाल से हटकर हम दिल और दिमाग के काम को जानते हैं।

दिमाग का क्या काम है और दिल का क्या काम है। 

इस पैराग्राफ में दिल और दिमाग के कामों को जानेंगे ; यह तो हम सभी जानते है की दिल का काम धड़कना होता है और दिमाग का काम सोचना होता है। पर इन दोनों का रिश्ता गहरा है। आज चिकित्सा जगत ने भी वैज्ञानिक आधार पर यह स्वीकार कर लिया है कि दिल को स्वस्थ रखने के लिए दिमाग की सेहत अच्छी रखनी बहुत जरूरी है। और दिमाग अच्छा काम करे इसके लिए दिल को स्वस्थ्य रखना जरूरी है। दिल दिमाग को एनर्जी देता है।

दिमाग से सुनों !

आप जो भी सोचते हैं, देखते हैं, सीखते हैं, सिखाते हैं वो सब दिमाग से ही करते हैं। यही दिमाग न हो तो आप कुछ सोच ही नहीं पाएंगे। सही गलत का निर्णय भी आप अपनी दिमाग से ही लेते हैं।

दिल की सुनो !

सही बताएं तो दिल कुछ भी नहीं सुनाता, कुछ भी नहीं सोचता, कुछ भी नहीं सीखता और न ही कुछ सिखाता है। दिल तो बस धड़कता है और दिमाग में भावनाएं डालता है।

सही मायने में सोचना तो दिमाग का ही काम है। पर कुछ लोग कहते हैं की दिल की सुनों, पर क्या दिल सोच सकता है ? नहीं ! दिल का काम तो धड़कना है, सोचना तो दिमाग का काम है।

दिल और दिमाग का मिलन !

एक सही फैसला तभी लिया जा सकता है जब दिमाग एकाग्र हो, शांत हो, विचलित न हो, किसी का अहित न सोच रहा हो, और ऐसा फैसला दिल और दिमाग के संयोग से ही लिया जा सकता है। जब दिल तेज़ी से धड़कता है तो दिमाग भी अशांत हो जाता है। इसलिए फैसला लेते समय दिल और दिमाग अपनी पूरी क्षमता में हों।

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दिल बनाम दिमाग ! Dil ki Sune Ya Dimag Ki

दोस्तों सबसे पहली बात आती है फैसला लेने की ‘किसकी सुनें दिल की जिसका काम धड़कना होता है या दिमाग की जिसका काम सोचना होता है। दूसरी बात आती है भावनाओं की ; दिल फीलिंग देता है, भावनाएं देता है। हालाँकि सही मायने में हम सोचते तो दिमाग से ही हैं पर दिल से दिमाग का एक खास रिश्ता होता है।

लेकिन फैसला आपको अपने दिमाग से ही लेना होगा। भावनाएं भी आपको अपने दिमाग में ही निर्धारित करनी होंगी। दिल तो आपके ह्रदय को एनर्जी देगा।

स्वामी विवेकानंद कहते हैं ;

जब भी फैसला लेने में दुविधा हो तो हमेशा दिल की सुनों। लेकिन दूसरी और स्वामी विवेकानंद यह भी कहते हैं की जो सिर्फ दिल से फैसला लेते हैं उसे कई बार विपरीत परिणाम या अपने लिए कष्टदाई साबित होता है। इसलिए हर फैसला दिल और दिमाग से लेना ही सही है। यानि आप दिमाग से फैसला ले पर वो फैसला भावना से भी परिपूर्ण हों। सही हो – जिसमे तार्किकता भी हो और भावनाएं भी।

स्वामी विवेकानंद के अनुसार भी सोचना तो दिमाग का ही काम है दिल का नहीं, बस दिल आपको भावनाएं प्रकट करने में मदद करता है। इसलिय फैसला सही हो तार्किक तो बुद्धिमता (दिमाग) से लिए जाये और जिसमे आपकी भावनाएं (दिल) की भी मंज़ूरी हो।

निष्कर्ष

जो भी हो एक सभी फैसला तो आपको पूरी बुद्धिमत्ता यानि अपनी दिमाग से ही लेना होगा, जिसमे दिल यानि आपकी भावनाओं का अहित न हो। यह दोनों चीज़ें “बुद्धिमत्ता और भावनाएं” आपके अंदर ही हैं, और असीमित हैं। आपको फैसला लेते समय बहुत स्पष्ट तरीके से सोचना चाहियें। यह एक सही फैसला के लिए बहुत जरूरी है।

दोस्तों उम्मीद करता हूँ यह आर्टिकल “दिल कुछ और कहता है दिमाग कुछ और किसकी सुनें ! Dil ki Sune Ya Dimag Ki | Heart vs Mind in hindi” आपको पसंद आया होगा। आपके लिए हेल्पफुल भी होगा। Please Comment के द्वारा जरूर बतायें। आपके किसी भी प्रश्न एवं सुझावों का स्वागत है। कृपया Share करें और जुड़े रहने की लिए Subscribe जरूर करें. धन्यवाद

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