सब्र रखो…वक्त आएगा ! Hindi Story About Power of Patience – धैर्य की शक्ति

Power of Patience

Patience रखकर पूरे dedication के साथ हम जीवन में कुछ भी हांसिल कर सकते हैं। इसे ही कहते हैं ‘Power of Patience’ – धैर्य की शक्ति

एक पुरानी कहावत आपने सुनी होगी ; सब्र का फल मीठा होता है। और यही सच है। इसकी Importance वही जानते हैं जो इसका Use करते हैं। धैर्य एक भरोसा है खुद पर। जो धैर्य रख सकता है वही जीवन के प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रख सकता है।

सब्र रखो…वक्त आएगा ! Power of Patience – धैर्य की शक्ति

पर क्या धैर्य रखना आसन होता है ?

धैर्य रखना हमेशा आसान नहीं होता है। लेकिन आसान होने से पहले सभी चीजें मुश्किल होती हैं।

इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता की परिस्थितियां और समय हमेशा एक जैसा नहीं होता। हर व्यक्ति के जीवन में कभी अच्छा समय आता है, तो कभी बुरे दौर से उसे गुजरना पड़ता है। लेकिन यह भी उतना ही सही है की एक व्यक्ति के साहस की पहचान उसके बुरे दौर में ही होती है।

यह कहना इसलिए सही है की कि जीवन के अच्छे दौर में तो सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी सही फैसला करने में सक्षम होता है लेकिन जब स्थिति प्रतिकूल हो, तो उस समय व्यक्ति की सही प्रतिभा का आकलन किया जाता है।

बुरा वक्त सबका आता है पर जो प्रतिकूल परिस्थितियों में सही निर्णय लेता है वही जीवन में सफल होता है और जो व्यक्ति ऐसे समय में अपने को नहीं संभाल पाता उसके हाथो सिर्फ विफलता लगती है।

आखिरकार प्रतिकूल समय में सही निर्णय लेने के लिए सबसे महत्वपूर्ण गुण क्या हो सकता है ?

इस सवाल का जबाब सिर्फ और सिर्फ है, ‘धैर्य’ !

क्योंकि जब भी संकट का समय आता है, जब भी समय विपरीत होता है व्यक्ति के अंदर सबसे पहले घबराहट उत्पन्न होती है। मन में अजीबो गरीब ख्याल आते हैं, उसकी उम्मीदें कमजोर पड़ती जाती है और जल्दवाजी में वो या तो कोई निर्णय नहीं ले पाता या फिर गलत निर्णय ले लेता है। जिस व्यक्ति के पास धैर्य नहीं, वह छोटी से छोटी समस्याओं का सामना भी सही तरीके से नहीं कर पाता है।

इसलिए प्रतिकूल समय में धैर्य को बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है। धैर्य रखकर कठिन से कठिन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। क्योंकि जिस व्यक्ति के पास धैर्य है वो हार कर भी नहीं हारता !

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Hindi Story About Power of Patience – धैर्य की शक्ति

एक दिन एक राजा अकेले जंगल में शिकार के लिए निकला। लेकिन वह रास्ता भटक गया।

उसने एक पहाड़ की ऊंची छोटी पर चढ़कर देखा लेकिन उसे दूर दूर तक कोई भी व्यक्ति या गांव नहीं दिखा। निराश होकर वो पहाड़ी से नीचे उतरा और आगे बढ़ा। अंधेरा होता जा रहा था और कोई भी मार्ग नहीं दिख रहा था।

कुछ दूर चलने के बाद अँधेरा पूरी तरह घिर गया। कुछ देर बाद काफी दूर से रोशनी चमकी। फिर वह उस दिशा में चलने लगा और शीघ्र ही एक झोंपड़ी पर पहुँच गया।

राजा ने देखा की झोपड़ी के बाहर एक बूढ़ी औरत अपनी बकरी को चारा खिला रही है।

राजा को देखकर बूढी औरत सोचने लगी की शायद यह कोई सेना का सिपाही है और वो उसका स्वागत करने लगी।

उसने राजा को पीने के लिए पानी दिया और आराम करने के लिए एक चटाई बिछा दी। कुछ देर बाद उसने गरमा गरम चावल और करी की थाली राजा के सामने रख दी।

राजा को जोरों की भूख लगी थी सो उसने जल्दी से गरम खाने में अपनी उंगलिया डाल दीं। गर्म भोजन ने उसकी उँगलियों को जला दिया, और उसने कुछ चावल फर्श पर गिरा दिए।

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बुढ़िया ने यह देखा और बोली, “ओह, तुम अपने राजा की तरह बहुत अधीर और उतावले लगते हो। इसलिए तुमने अपनी उंगलियां जला ली हैं और ज़मीन पर भी चावल गिरा दिए।

बूढी औरत की बातें सुनकर राजा हैरानी में पड़ गया और पूछा, “आपको ऐसा क्यों लगता है की राजा अधीर और जल्दबाज़ है।

बुढ़िया मुस्कुराई और बोली, “बेटा गलत मत समझना, हमारे राजा अपने सभी दुश्मन किलों पर कब्जा करने का एक बड़ा सपना देख रहे हैं। लेकिन सभी छोटे किलों की अनदेखी कर रहे हैं।

राजा ने बूढी औरत को टोकते हुए कहा, “यह तो अच्छी बात है। इसमें दिक्कत क्या है?”

वह मुस्कुराई और जवाब दिया, “रुको, मेरे बेटे। जैसे खाना खाने में आपकी अधीरता थी, वैसे ही आपने अपनी उंगलियां जला दीं और कुछ खाना बर्बाद कर दिया।

उसी तरह, दुश्मनों को जल्दी से हराने के चक्कर में राजा की अधीरता और जल्दवाजी के परिणामस्वरूप उसकी सेना में सैनिकों का नुकसान होता है।

इसके बजाय, यदि आप पहले किनारे पर और फिर बीच में कम गर्म खाना खाते हैं, तो आप अपनी उंगलियां नहीं जलाते और अपना खाना बर्बाद भी नहीं करते।

ऐसे ही राजा को छोटे किलों को निशाना बनाकर अपनी स्थिति मजबूत करनी चाहिए। यह उसे सेना में अपने जवानों को खोए बिना विशाल किलों पर कब्जा करने में मदद करता है। ”

यह सुनकर राजा को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने महसूस किया कि धैर्य रखना चाहिए और किसी भी स्थिति में जल्दबाजी करने से बचना चाहिए।

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दोस्तों यदि जीवन में हमें कुछ भी हांसिल करना है तो हमें धैर्य रखना जरूरी है। हमें पहले प्रक्रिया को समझना चाहिए और फिर उस पर काम करना चाहिए। यदि हम तुरंत परिणामों की तलाश में जुट जायेंगे, तो हम अधीर हो जाएंगे और अपने जीवन में हम जो चाहते हैं, उस तक कभी नहीं पहुंच पाएंगे।

दुनिया में कई तरह के महान आविष्कार हुए अगर अविष्कारक धैर्य खो देते तो वे कभी आविष्कार नहीं कर पाते। देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जब पहली बार उन्हें दक्षिण अफ्रीका में रंग भेद की नीति के कारण ट्रेन से उतारा गया था, तो उन्होंने तुरंत ही उसकी प्रतिक्रिया नहीं की। उन्होंने इसके लिए योजना बनाई और फिर संघर्ष शुरू किया। हालांकि, उन्हें लम्बा संघर्ष करना पड़ा लेकिन उन्होंने धैर्य नहीं खोया और उसी धैर्य ने उन्हें सफलता दिलाई।

भले ही देर लग सकती है पर Patience रखकर पूरे dedication के साथ हम जीवन में कुछ भी हांसिल कर सकते हैं। इसे ही कहते हैं ‘Power of Patience’ – धैर्य की शक्ति

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