!! या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: !!
नवरात्रि पर्व (जिसे नवदुर्गा (Navdurga) के नाम से भी जाना जाता है 9 दिन तक मनाया जाता है जिसमे आदिशक्ति दुर्गा माँ के विभिन्न स्वरूपों की साधना व पूजा की जाती है। Navdurga Maa Durga Ke 9 Roop – शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है। माँ के इन्हीं 9 रूपों में स्त्री का सम्पूर्ण जीवनचक्र समाया है।
Navdurga Maa Durga Ke 9 Roop
9 दिनों तक माता के जिन 9 रूपों का पूजन किया जाता है –
पहला दिन : शैलपुत्री
दूसरा दिन : ब्रह्मचारिणी
तीसरा दिन : चन्द्रघंटा
चौथा दिन : कूष्मांडा
पांचवा दिन : स्कंदमाता
छठा दिन : कात्यायनी
सातवां दिन : कालरात्रि
आंठवा दिन : महागौरी
नौवां दिन : सिद्धिदात्री
नवदुर्गा ; माँ दुर्गा के 9 रूपों में समाया है स्त्री का जीवनचक्र
माँ के यह 9 रूप स्त्री के जीवन चक्र का संकेत देते हैं। जहाँ हमारे समाज के विभिन्न वर्गों में आज भी स्त्री को दोयम दर्जे का माना जाता है, वहीं हमारे शास्त्रों में पौराणिक काल से ही देवी के यह 9 रूप स्त्री के जीवन चक्र का संकेत देते हैं।
इन संकेतों में स्त्री के पैदा होने से लेकर उसकी मृत्यु तक उसके कौमार्य, विवाह पूर्व, गर्वधारण करने, बच्चे को जन्म देने, पति की रक्षा करने और घर परिवार में सुख समृद्धि लाने वाली के रूप में देवी के समान मान सम्मान दिया गया है। अतः एक स्त्री के पूरे जीवन चक्र को मां अंबे के 9 रूपों से समझा जा सकता है।
देवी के 9 रूप जो बताते हैं स्त्री के जीवन चक्र का मतलब –
1 – जब कन्या का जन्म होता है तो कन्या के इस रूप को शैलपुत्री कहा जाता है।
2 – स्त्री की कौमार्य अवस्था को ब्रह्मचारिणी का रूप दिया गया है।
3 – स्त्री अपने विवाह से पूर्व तक चन्द्रमा के समान निर्मल होने से वह चन्द्रघंटा समान कहलाती है।
4 – नए जीव को जन्म देने के लिए गर्व धारण करने पर वह कूष्मांडा स्वरुप में होती है।
5 – संतान को जन्म देने पर वह स्त्री स्कंदमाता कहलाने लगती है।
6 – सयम व साधना को धारण करने वाली स्त्री कात्यायनी का रूप होती है।
7 – अपने संकल्प से अपने पति की अकाल मृत्यु को भी जीत लेने से वह कालरात्रि का रूप होती है।
8 – एक स्त्री के लिए उसका घर परिवाह ही उसका संसार होता है और उस संसार के लिए वो जो भी करती है वो उसका उपकार होता है। इसीलिए वो महागौरी कहलाती है।
9 – धरती को छोड़कर स्वर्ग प्रयाण करने से पहले संसार में अपनी संतान को सिद्धि (समस्त सुख संपदा) का आशीर्वाद देने वाली सिद्धिदात्री कही जाती है।
यह भी पढ़ें ;
जानिए भगवान श्री कृष्ण की 16 कलाओं का रहस्य
यह लेख “नवदुर्गा माँ दुर्गा के 9 रूपों में समाया है स्त्री का जीवनचक्र ~ Navdurga ; Maa Durga Ke 9 Roop ” आपको कैसा लगा. अवश्य बतायें, आपके किसी भी प्रश्न एवं सुझावों का स्वागत है। शेयर करें, जुड़े रहने की लिए Subscribe करें . धन्यवाद
यदि इसके आलावा आप कोई और जानकारी देना चाहते हैं तो कमेंट के माध्यम से अवश्य बताएं जिससे हम सभी लाभ ले सकें।
यदि आप किसी भी बात के बारे में, किसी भी प्रॉब्लम के बारे में कुछ जानना चाहते हैं तो कृपया कमेंट करके बतायें मैं उस बारे में आर्टिकल जरूर लिखूंगा।
यदि आप इस ब्लॉग पर हिंदी में अपना कोई आर्टिकल या जो भी जानकारी देना चाहते है तो कृपया अपनी एक फोटो के साथ E-mail करें. Id है – ‘[email protected]’ पसंद आने पर आपके नाम और आपकी फोटो के साथ प्रकाशित की जाएगी। धन्यवाद