आयु अवस्था (Age Stage)The Seven Stages of Human Life – मानव जीवन के सात चरण जानिए कौन सी उम्र में कौन सी अवस्था ! मनुष्य के जीवन में चार अवस्थाएं क्रमशः गर्भावस्था, शैशवावस्था, बाल्यावस्था, किशोरावस्था, युवावस्था, प्रौढ़ावस्था एवं वृद्धावस्था होती हैं। हर अवस्था में शरीर का विकास, मानसिक विकास, सीखने, सोचने – समझने, दिखने के अलग अलग तरीके होते हैं। हर चरण का विकास एक विशेष तरीके से होता है। हर अवस्था में मनुष्य के अलग नियम, कर्तव्य और सावधानियां होती हैं। शारारिक और मानसिक विकास के लिए इन सभी का पालन करना भी जरूरी होता है, वरना परेशानियां होती हैं।
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किस आयु में कौन से अस्वस्था !
1- गर्भावस्था : गरवधान से जन्म तक की अवस्था को गर्भावस्था कहते हैं। यह अवस्था कोख में पल रहे बच्चे की होती है।
2- शैशवावस्था : जन्म से लेकर 5 वर्ष तक की आयु को शैशवावस्था कहते हैं।
3- बाल्यावस्था : 5 वर्ष से 12 वर्ष तक की अवस्था को बाल्यावस्था कहते हैं।
4- किशोरावस्था : 12 वर्ष से 18 वर्ष तक की अवस्था को किशोरावस्था में रखा जाता है।
5- युवावस्था :18 वर्ष से 25 वर्ष को उम्र को युवावस्था के श्रेणी में रखा जाता है।
6- प्रौढ़ावस्था : 25 वर्ष से 55 वर्ष की अवस्था को प्रौढ़ावस्था कहा जाता है।
7- वृद्धावस्था : 55 वर्ष की आयु से मृत्यु तक वृद्धावस्था होती है।
The Seven Stages of Human Life
जैसे हाथ की सभी उंगलियां मायने रखती हैं उसी तरह मानव जीवन की हर अवस्था विशेष और महत्वपूर्ण होती हैं। बाल्यावस्था (बचपन) में बुद्धि का विकास होता है और किशोरावस्था में बुद्धि विकसित हो चुकी होती हैं। हालाँकि सीखते रहना व्यक्ति को कभी भी बंद नहीं करना चाहियें। अन्यथा भविष्य चिंताजनक हो सकता है।
Human Activity in Seven Stages
गर्भावस्था –
गर्भावस्था का चरण – शिशु के विकास का पहला चरण तीन महीनों में पूरा हो जाता है . चौथे महीने में आँखें, भौंहे, नाखुन और जनजांग बन जाते हैं। दाँत और हड्डियाँ मजबूत होने लगती हैं। पाँचवे महीने में बच्चा हलचल शुरू कर देता है.
सातवें महीने तक शिशु विकसित हो चुका होता है। अठवा महीना आते आता दिमाग का विकास तेजी से होता है और वह सुनने के साथ देख भी सकता है। और नौवें महीने तक सामान्यतः बचा इस दुनियां में जन्म ले लेता है। –
शैशवावस्था –
शैशवावस्था का चरण – इस अवस्था में शरीर और बुद्धि का तेज़ी से विकास शुरू हो जाता है।
बच्चा हर चीज़ को नोटिस करना, सीखना और दोहराना शुरू कर देता है। इस अवस्था में बच्चे को चीज़ों को जानने की जिज्ञासा होती है।
बाल्यावस्था –
इस अवस्था में विभिन्न प्रकार के शारीरिक, मानसिक सामाजिक व नैतिक परिवर्तन होते हैं इसलिए इस अवस्था को विकास का अनोखा काल कहा जाता है।
बाल्यावस्था में विकास की यह सम्पूर्णता गति प्राप्त करती है और एक ओर परिपक्व व्यक्ति के निर्माण की ओर अग्रसर होती है। शारीरिक व मानसिक स्थिरता आती है। बालक की मानसिक योग्यताओं में वृद्धि होती है। इस अवस्था में चीज़ों को जानने की इच्छा बढ़ती है। क्रिएटिविटी भी इस अवस्था से शुरू हो जाती है।
किशोरावस्था –
12 से 18 वर्ष की अवस्था को किशोरावस्था कहा जाता है। यह मानव विकास की अत्यंत महत्वपूर्ण अवस्था है।
किशोरावस्था में खुद पर भरोसा बढ़ता है। इसके आलावा बालक एवं बालिका हैं मैं इतनी ज्यादा परिवर्तन होते हैं कि उनके मानसिक शक्ति को प्रभावित करता है जिसके कारण उनमें चिड़चिड़ापन उत्पन्न हो जाता है और वे आक्रोश एवं हिंसक हो जाते हैं। दोस्तों को ज्यादा इम्पोर्टेंस देना, कम्पीटशन की भावना, एकता एवं सहयोग की भावना, अपने शरीर का ख्याल रखना आदि भावनाएं विकसित होने लगती हैं। बालक में काम भावना का विकास भी इसी अवस्था से होने लगता है।
युवावस्था –
युवावस्था हर किसी के लिए बहुत महत्वपूर्ण अवस्था होती हैं। मानव पूरी तरह जोश में रहता है।
यह अवस्था विशेष ध्यान देने वाली होती है क्योंकि व्यक्ति के सही और गलत मार्ग पर जाने की यह मुख्य अवस्था होती हैं। इस अवस्था में अक्सर कहा जाता है ; बच्चे नहीं रह बच्चे नहीं, बल्कि एक वयस्क हो गए हैं।
प्रौढ़ावस्था –
प्रौढ़ावस्था (जीवन की परिपक्वता अवस्था) सबसे स्थायी अवस्था होती है। इस अवस्था में व्यक्ति में समझदारी, परिपक्वता,सहनशीलता, पायी जाती है।
इस अवस्था में जिम्मेदारियों को समझना, निभाना आने लगता है। व्यक्ति अपनी बुद्धि क्षमता से निर्णय लेने के सक्षम होता है। अच्छे बुरे का ज्ञान इस अवस्था में विशेष रूप से पाया जाता है। व्यक्ति सुलझा हुआ होता है पर किसी न किसी कारण वशं चिंता भी इसी अवस्था में बनी रहती है।
वृद्धावस्था –
वृद्ध का शाब्दिक अर्थ है बढ़ा हुआ, पका हुआ, परिपक्व। वृद्धावस्था मानव की आखिरी अवस्था है।
इस उम्र में मानव जीवन की औसत काल के समीप या उससे अधिक हो जाती है। इस अवस्था में हमें अत्यन्त देखभाल की आवश्यकता होती है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग ध्यान जरूर करें।
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Bahut acha laga aur mujhe kuch sikhne ko mila