नमस्कार मित्रो आज हम आपके साथ इस पोस्ट में Jyothi Reddy नामक महिला की Real Life Inspirational Story / Jyothi Reddy Success Story बताने जा रहे है जिसमे कैसे एक जूझारू महिला ने आंध्र प्रदेश के छोटे से गावं मे जन्म लेकर 5 Rupees की मजदूरी से शुरू करके $5 million टर्नओवर की कंपनी तक का सफर किया |
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Jyothi Reddy Success Story- जाने ज्योति रेड्डी की Real Life Inspirational Story के बारे में
ज्योति रेड्डी ने अपने जीवन में इस सफलता को पाने के लिए एक बड़ी लड़ाई लड़ी है और आज वो अमेरिका की एक बड़ी कंपनी KEY सॉफ्टवेयर सलूशन में CEO है | तो चलिए पढ़ते है उनकी इस पूरी Real Life Inspirational Story / Jyoti Reddy Success Story के बारे में :-
ज्योति रेड्डी की बचपन की कहानी
ज्योति रेड्डी का जन्म 1970 में तेलंगाना के वारंगल जिले में हुआ |उनके परिवार में चार और उनसे बड़ी बहने थी | परिवार की आर्थिक स्थिति सही ना होने के कारण मां ने उन्हें अनाथालय भेज दिया | यहाँ परज्योति ने अपनी मेहनत से अनाथालय की सुपरिटेंडेंट का दिल जीत लिया और सुपरिटेंडेंट ने उन्हें अपने घर बर्तन साफ करने और सफाई करने के काम पर लगा लिया इसके बाद उन्होंने रात-दिन महनत करके सरकारी स्कूल से दसवीं पास की और टाइपराइटिंग भी सीखी।
ज्योति रेड्डी का वैवाहिक जीवन
अनाथालय से लौटने के बाद परिवार वालो ने जबरन उनकी शादी 16 वर्ष की आयु में ही कर दी और 18 वर्ष की आयु में ही उनकी दो बेटियाँ भी हो गई | शादी के बाद अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के और बच्चों का पेट भरने के लिए ज्योति ने गांव में ही खेतिहर मजदूरी करनी शुरू की जिसके लिए उन्हें रोज पांच रुपए प्रतिदिन मिलते थे | इसके साथ ही ज्योति ने एक रुपए प्रति पेटीकोट के हिसाब से सिलाई करने का काम भी शुरू किया | ये दौर उनके लिए बहुत ही कठनाई वाला था | इस दौरान ज्योति केंद्र सरकार की एक स्कीम के तहत नेहरू युवा केंद्र से जुडीं और इस संस्थान का मेंबर बनकर फिर से अपनी पढ़ाई शुरू की और थोड़ी टाइपिंग भी सीख ली। थोड़े समय के पश्चात् वर्ष 1992 में उन्होंने अपनी BA पूरी की और एक स्कूल में भी फिक्स सैलरी पर पढ़ाना शुरू कर दिया | बाद में उन्होंने ने अन्ना यूनिवर्सिटी से बीएड की डिग्री प्राप्त की और सरकारी शिक्षक बन गई।
ज्योति रेड्डी का अमेरिका में उतार –चढ़ाव वाले दिन
जब वो टीचिंग कर रही थी तो इसी दौरान वर्ष 2000 में अमेरिका में रहने वाली एक रिश्तेदार गांव आई और फिर दोनों की मुलाकात हुई और उनसे बातचीत के बाद उन्होंने बच्चियों की बेहतर परवरिश और विदेश में तरक्की की ज्यादा संभावनाओ को ध्यान में रखते हुए अपने दोनों बच्चों का एडमिशन मिशनरी स्कूल में करा दिया और खुद अमेरिका जाने का निश्चय कर लिया और अमेरिका के लिए वीजा पासपोर्ट की कोशिश करने लगी। आखिरकार साल भर बाद ज्योति अमेरिका पहुंच गई, किन्तु यहाँ भी किस्मत ने उनकी बहुत परीक्षा ली और अमेरिका पहुंचते ही उनके हर परिचित ने ज्योति को अपने घर पर शरण देने से इनकार कर दिया. जिसके बाद ज्योति को एक गुजराती परिवार ने पेइंग गेस्ट के रूप में शरण दी। अमेरिका में उन्होंने शुरू में वीडियो शॉप में सेल्सगर्ल की नौकरी की और फिर csamerica नामक कंपनी में रिक्रूटर की जॉब भी की |और फिर ICSA नामक कंपनी से उसे बेहतर पैकेज पर जॉब ऑफर मिली जो उन्होंने तुरंत ज्वाइन कर ली पर अमेरिका में वर्किंग वीजा ना होने के कारण उन्हें ये नौकरी छोड़नी पड़ी तब कुछ समय उन्हें अमेरिका में Gas स्टेशन मे ,मोटल्स मे बाथरूम क्लीनिंग तक का काम करना पड़ा|
ज्योति रेड्डी का अपनी कंपनी खोलने का निर्णय
वर्किंग वीजा पाने के लिए ज्योति मैक्सिको गई लेकिन वहां भी वीजा पाने में कई तरह के पापड़ बेलने पड़े। इसके बाद jyoti को ये महसूस हुआ कि वर्किंग वीजा पाने के लिए वो इतना पेपरवर्क कर चुकी है कि वीसा के प्रोसेस को बहुत अच्छी तरह से समझ झुकी है तब उन्होंने अपनी कंसलटेंसी फर्म खोलकर बिज़नेस में भाग्य आजमाने की सोची | फिर वर्ष 2001 में उन्होंने $4000 की सेविंग से अमेरिका के फोनिक्स में अपनी कंसल्टिंग फर्म खोली जो उनकी मेहनत से खूब चलने लगी और फिर उन्होंने KEY सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन नामक सॉफ्टवेयर कंपनी स्थापित की जो कि आज के समय अमेरिका की बड़ी बड़ी कंपनियों को आईटी सपोर्ट दे रही है और वो खुद उस कंपनी की CEO है । आज Jyoti Reddy की कंपनी की ब्रांचेस अमेरिका के कई शहरों में है | वो समय- समय पर भारत भी आती रहती है और हैदराबाद, दिल्ली और चेन्नई आदि शहरों में कई अनाथालयों को आर्थिक मदद करती हैं।
तो देखा आपने कि कैसे एक महिला ने अपनी खुद की लड़ाई लड़ते हुए अपनी किस्मत बनाई और आगे बढ़ती चली गई |आज के समय ज्योति रेड्डी जैसी महान व्यक्तियों से हमे प्रेरणा मिलती है कि हम किसी भी परिस्थिति में अपनी मेहनत और लगन से ज़िन्दगी में नये आयाम प्राप्त कर सकते है |
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