पहले भीख मांगता था आज है करोड़पति – Renuka Aradhya Success Story

Renuka Aradhya Success Story

Real Life Motivational Stories की इस श्रृंखला में आप जानेंगे  Renuka Aradhya Success Story के बारे में जो पहले घर घर जाकर भीख मांगते थे और आज करोड़पति है। 

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पहले भीख मांगता था आज है करोड़पति – Renuka Aradhya Success Story

नमस्कार मित्रो आज के इस अंक में हम आपके लिए लाये है Renuka Aradhya Real Life Motivational Success Story जिसे पढ़कर आप जानेंगे कि कैसे एक व्यक्ति जो बचपन से ही घर घर जाकर भीख मांगता था, रात-दिन की अपनी पूरी मेहनत और लगन से करोड़ो की कंपनी का मालिक बना | तो जाने  रेणुका आराध्या की सफलता की कहानी Renuka Aradhya Success Story :-

Renuka Aradhya की जन्म और पारिवारिक कहानी के बारे में :-

रेणुका आराध्य का जन्म मैंगलोर के पास अनेकाल ताल्लुक के गोपासंद्र गाँव में हुआ था | उनके पिताजी गाँव में राज्य सरकार द्वारा आबंटित एक छोटे से स्थानीय मंदिर के पुजारी थे जो परिवार के पालन-पोषण के लिए दान –पुण्य में मिले पैसो पर निर्भर थे. किन्तु इतने पैसो से परिवार का लालन-पोषण ना हो पाने की वजह से Renuka Aradhya और उनके पिताजी रोजाना मंदिर में पूजा-पाठ के बाद आसपास के गांवों में घर-घर जाकर अनाज मांगते थे और उस इकठ्ठे किये गये अनाज को बाज़ार में बेच दिया करते थे.

|कुछ समय बाद वो जब रेणुका आराध्य कक्षा 6 में आये तब उनके पिताजी ने परिवार के पालन-पोषण के लिए उनको एक बुजुर्ग चर्मरोगी व्यक्ति के घर पर कार्य करने हेतु लगा दिया जहाँ Renuka Aradhya उस बुजुर्ग के प्रत्येक आवश्यकताओं का ध्यान रखते थे और पुजारी परिवार से ताल्लुक रखने के कारण उसके घर में पूजा-पाठ भी करते थे |

वहां उन्होंने एक वर्ष तक कार्य किया | इसके बाद उनके पिताजी ने उन्हें चिकपेट के एक आश्रम में डाल दिया जहाँ उन्हें वेद और संस्कृत की विद्या लेनी पढ़ती थी और दोनो समय खाना भी भरपेट नही मिलता था | आख़िरकार उन्होंने भर पेट खाना खाने के लिए अपने से सीनियर छात्रों के साथ नामकरण, विवाह और अन्य कार्यक्रमों में पूजा-पाठ हेतु की योजना बनाई पर इसके फलस्वरूप उन्हें अपने सीनियर छात्रों की मनमानी भी सहनी पड़ती थी और उनके सारे व्यतिगत  काम करने पड़ते थे | इससे उनके भोजन की समस्या तो सुलझ गई किन्तु सारा दिन सीनियर छात्रों का कार्य करते रहने से वो पढाई में ज्यादा ध्यान नही दे पाये और 10वीं कक्षा की परीक्षा में फेल हो गये |

Renuka Aradhya की जीवन से लगातार संघर्ष करने की कहानी के बारे में :-

Renuka Aradhya के जीवन में अचानक संघर्ष तब और बढ़ गया जब उनके पिताजी का निधन हो गया | बड़े भाई के घर छोड़ देने के फलस्वरूप माँ और बहन की जिम्मेदारी उनके कंधो पर आ गई | फिर क्या था पढ़ाई छोड़ दी और शुरू की जीवन चलाने के लिए आजीविका कमाने की अंतहिन लड़ाई | सबसे पहले एक छोटी से कंपनी में हेल्पर का कार्य, उसके बाद प्लास्टिक बनाने के कारखाने में कार्य किया, फिर बर्फ बनाने वाली कंपनी में कुछ समय कार्य किया, उसके बाद कैमरा कंपनी एडलेब में स्वीपर का कार्य, उसके बाद श्याम सुन्दर ट्रेडिंग कंपनी में एक मजदूर की हैसियत से कार्य किया और अपनी मेहनत के दम पर उसी कंपनी में सेल्समैन की पोजीशन भी बनाई |

इसके बाद 600 रु प्रतिमाह में  एक सिक्योरिटी गार्ड के रूप में भी कार्य किया और विवाह भी कर लिया | परिवार की आय बढ़ाने के लिए सिक्योरिटी गार्ड  की नौकरी के साथ कुल 15 रूपये प्रति पेड़ के लिए नारियल के पेड़ पर चढ़ने वाले एक माली के रूप में भी कार्य करना शुरू कर दिया |

Renuka Aradhya की जीवन के करवट लेने की कहानी के बारे में:-

Renuka Aradhya के जीवन ने तब करवट ली जब उन्होंने ड्राईवर बनने की ठानी और ड्राइविंग सीखने और लाइसेंस हासिल करने के लिए कुछ पैसे शादी की अंगूठी बेचकर और कुछ पैसे उधार लेकर जुटायें | फिर भी उनकी खराब किस्मत ड्राईवर बनने के बाद पहली नौकरी कुछ ही घंटो में एक्सीडेंट होने के कारण हाथ से चली गई | इसके बाद एक व्यक्ति ने अपनी ट्रेवल एजेंसी में बिना तनख्वाह दिए फ्री में गाड़ी चलाने का अवसर दिया जहाँ उन्होंने पूरी मेहनत से काम किया | धीरे –धीरे अच्छी सेवा के कारण यात्री भी उनसे खुश रहने लगे और ड्राइवर के रूप में उनकी माँग बढ़ती चली गई | कुछ सालो बाद उन्हें एक अच्छी ट्रेवल कंपनी में हॉस्पिटल से लाशों को उनके घरों तक पहुंचाने का कार्य मिला जिसमे उन्होंने लगभग 4 वर्ष कार्य किया | इसके बाद अगले 4 वर्षो तक एक विदेशी यात्रियों को घुमाने वाली एजेंसी में भी कार्य किया जिसमे विदेशियों से उन्हें टिप में डॉलर मिल जाते थे |

बस यू ही पैसे जमा करते-करते और अपनी पत्नी की कुछ जमापूंजी से उन्होंने 2001 में ‘सिटी सफारी’ नाम से अपनी एक कंपनी खोल ली जिसके वो मेनेजर बन गये | फिर बैंक से लोन लेकर एक कार और कुछ समय पश्चात एक कार और खरीद ली और इन्ही दोनों कारों की सहायता से 2 वर्षों तक ‘स्पॉट सिटी टैक्सी’ में कार्य किया और वर्ष 2006 तक अपनी खुद की 5 कार बना ली |

Renuka Aradhya द्वारा जीवन में आगे बढ़ने के लिए उठाये गये सबसे बड़े कदम के बारे में:-

Renuka Aradhya को जीवन में इतना कुछ करने के बाद भी संतुष्टि नही हुई इसलिए उन्होंने वर्ष 2006 में ‘इंडियन सिटी टैक्सी’ को खरीदकर उसका नाम ‘प्रवासी कैब्स प्राइवेट लिमिटेड’ कर दिया पर इन सबके लिए उन्हें अपनी सारी कार बेचनी पड़ी और मार्केट से कुछ उधार भी लेना पड़ा पर ये फैसला बहुत सही साबित हुआ और वो कॉर्पोरेट को अपनी सेवाये देने लगे और उनकी सबसे पहली कंपनी थी Amazon India और उसके बाद वालमार्ट, अकामाई, जनरल मोटर्स, आदि जैसी कंपनी उनकी ‘इंडियन सिटी टैक्सी’ की सेवाएँ लेने लगी |

आज उनकी कंपनी की 1000 से ज्यादा कार है और देश के कई हिस्सों में उनकी कंपनी की ब्रांच है साथ ही वो 3 स्टार्टअप के डायरेक्टर भी है |

तो देखा आपने Renuka Aradhya Real Life Motivational Success Story पढ़ने के उपरान्त आप या कोई भी ये समझ सकता है कि हम यदि चाहे और ठान ले तो जीवन में नये आयाम और बुलंदियों को हासिल कर सकते है ,जरुरत है तो सिर्फ चट्टान की तरह मजबूत इरादों और फौलादी हिम्मत की |

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