नमस्कार मित्रो, आज की अपनी इस सक्सेस स्टोरी की श्रंखला में हम आपके लिए लाये है एक सच्ची दास्तान इंजीनियर की नौकरी छोड़कर एक सफल किसान बनकर पूरे देश और समाज के सामने खुद को एक प्रेरणा के रूप में साबित किया है | जानिये इनकी पूरी दास्तान विस्तार से :-
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जाने सचिन काले के प्रारंभिक जीवन के बारे में
सचिन काले मूल रूप से छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के मेधपुर गांव के निवासी है | उनका पूरा परिवार गाँव में ही रहकर खेतीबाड़ी गुजर-बसर करता है जिसकी शुरुआत उनके दादाजी ने अपनी सरकारी नौकरी से रिटायरमेंट के बाद की थी |
जाने सचिन काले की शिक्षा और करियर के बारे में
सचिन काले को उनके घरवाले एक इंजीनियर के रूप में देखना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने वर्ष 2000 में नागपुर के इंजिनियरिंग कॉलेज से कैमिकल इंजिनियरिंग में बीटेक की डिग्री पूर्ण की | उसके बाद फाइनैंस में एमबीए की डिग्री भी प्राप्त की | अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद उन्होंने गुडगांव में एक पावर प्लांट में नौकरी करनी शुरू दी |नौकरी के साथ-साथ अपनी लॉ की डिग्री पूर्ण की और फिर डेवलपमेंटल इकनॉमिक्स में पीएचडी की उपाधि भी प्राप्त की |
जाने सचिन काले द्वारा खुद का व्यवसाय करने की सोच के बारे में
सचिन काले जब अपनी पीएचडी पूर्ण कर रहे थे तब उनके मन में अपना कुछ खुद का व्यवसाय करने की सोच आने लगी पर मुश्किल थी कौन से व्यवसाय में हाथ डाला जाये | ऐसे में उन्हें अपने दादाजी की बात याद आने लगी जो हमेशा उनसे कहते थे कि इंसान किसी भी चीज के बगैर रह सकता हैं लेकिन खाना खाये बिना वो गुजारा नहीं कर सकता | बस यहीं से उन्होंने खेती में हाथ आजमाने का मन बना साल 2014 में खुद की कंपनी ‘इनोवेटिव एग्रीलाइफ सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड’ शुरू कर दी |
जाने सचिन काले द्वारा खेती की शुरुआत करने से लेकर अभी तक के सफर के बारे में
सचिन काले ने अपनी सोच को हकीकत में बदलने की ठानी और अपनी नौकरी छोड़ी और विलासपुर अपने गाँव लौट आये जहाँ उनके 25 बीघा खेत मौजूद थे | वहां लौटकर उन्होंने कुछ समय कॉन्ट्रैक्ट पर खेती करने के बारे में काफी रिसर्च की और फिर वर्ष 2014 में खुद की ‘इनोवेटिव एग्रीलाइफ सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी की शुरुआत कर दी और खेती करने के लिए अपनी जमीन के साथ आसपास के किसानो की ज़मीने भी किराये पर लेनी शुरू की जिसके लिए उन्होंने अपनी जमा एफडी तक तुडवा दी |
उन्होंने किसानो को अपने साथ जोड़कर उनको खेती करने के नये तरीको की जानकारी दी और खेती के लिए बिलासपुर जिले से ही मजदूरों को किराये पर रखा जिससे उन मजदूरों को भी काम की तलाश में बाहर दूसरे स्थानों पर नही जाना पड़ता | शुरुआत में उन्होंने सबसे पहले अपने 25 बीघे वाले खेतों में धान और सब्जी की खेती करनी शुरू की जिससे उन्हें काफी अच्छा फायदा हुआ | इन सब कामो में उनकी पत्नी कल्याणी जिन्होंने मास कम्यूनिकेशन में मास्टर्स की डिग्री पूर्ण कर रखी है ,भी साथ देने लगी | धीरे-धीरे उनका इस बिज़नेस का आईडिया चल निकला और आज के समय में उनकी कंपनी के साथ सैकड़ो किसान जुड़ चुके है जो अपनी सैकड़ो एकड़ जमीन पर सचिन काले के द्वारा बताये गये तरीको से खेती करते है |
आज उन किसानो को सचिन काले द्वारा बताये गये उपायों के कारण पूरे वर्ष खेती करते है और खुशहाल भी है | यहाँ तक कि एक सफल किसान सचिन काले ने अपनी कंपनी में प्रोफेशन तरीके से खेती के सलाहकारों को नौकरी पर रखना भी शुरू कर दिया है जो किसानो को ट्रेनिंग देने का कार्य करते है | उनके इलाके में किसानों की फसल का न्यूनतम मूल्य भी निर्धारित है जिससे किसानो का बहुत फायदा मिलता है | आज उनकी कम्पनी का टर्नओवर 2 करोड़ सलाना से भी अधिक का है | ये सब मुमकिन हुआ उनकी कड़ी मेहनत, लगन, जुनून और दूरदर्शिता के कारण |
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bahot badiya. desh ke kisan