गुरु गोबिंद सिंह के 31 ज्ञानमय अनमोल विचार Guru Gobind Singh Quotes in Hindi

Guru Gobind Singh Quotes

गुरु गोबिंद सिंह के 31 ज्ञानमय अनमोल विचार- सिखों के दसवें गुरु, खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोबिंद सिंह जी एक आध्यात्मिक गुरु एवं महान योद्धा के साथ साथ कवि एवं दार्शनिक भी थे। उन्होंने गुरु ग्रन्थ साहिब को पूर्ण कर उन्हें गुरु के रूप में सुशोभित किया। गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म 22 दिसम्बर 1666 को नौवें सिख गुरु गुरु तेगबहादुर और माता गुजरी के घर पटना में को हुआ था।उनके बचपन का नाम गोविन्द राय था।  9 साल की उम्र में, उन्हें सिखों के नेता के रूप में स्थापित किया गया था। आज हम गुरु गोबिंद सिंह के 31 ज्ञानमय विचार Guru Gobind Singh Quotes को जानेंगे और उनसे प्रेरणा लेंगें।

Guru Gobind Singh Quotes in Hindi 

1- “मुझे भगवान न समझे। जो मुझे भगवान कहते हैं, वे नरक के गहरे गड्ढे में गिरेंगे। मुझे उसके दासों में से एक के रूप में जानें और इसके बारे में कुछ भी संदेह नहीं है। मैं परमात्मा का सेवक हूं; और जीवन के अद्भुत नाटक को निहारने आया हूँ।” – गुरु गोबिंद सिंह

2- “मैं उन लोगो को के पैरो में गिरता हु जो लोग सच्चाई पर विश्वास रखते है।” – गुरु गोबिंद सिंह

3- “यदि आप मजबूत हैं, तो कमजोरों पर अत्याचार न करें, और इस तरह आपके साम्राज्य पर कुल्हाड़ी न डालें।” – गुरु गोबिंद सिंह

4- “दिन-रात, हमेशा ईश्वर का ध्यान करो।” – गुरु गोबिंद सिंह

5- “जब कोई व्यक्ति अपने भीतर से स्वार्थ को समाप्त कर देता है तब सबसे महान सुख और स्थायी शांति प्राप्त होती है।” – गुरु गोबिंद सिंह

6- “अज्ञानी व्यक्ति पूरी तरह से अँधा होता है वह गहना के मूल्य की सराहना नही करता है बल्कि उसके चकाचौंध की तारीफ करता है।” – गुरु गोबिंद सिंह

7- “यदि आप सिर्फ भविष्य की सोचते रहेंगे तो वर्तमान को भी खो देंगे।” – गुरु गोबिंद सिंह

8- “हे ईश्वर ! मुझे आशीर्वाद दो  कि मैं कभी भी अच्छे कर्म करने में संकोच ना करूँ।” – गुरु गोबिंद सिंह

9- “सचमुच वे गुरु धन्य है जिन्होंने भगवान के नाम को याद करना सिखाया।” – गुरु गोबिंद सिंह

10- “अपनी तलवार से दूसरे के खून को लापरवाही से न बहाएं, ऐसा न हो कि तलवार की ऊँचाई आपकी गर्दन पर गिरे।” – गुरु गोबिंद सिंह

11- “असहायों पर अपनी तलवार चलाने के लिए उतावले मत हो, अन्यथा विधाता तुम्हारा खून बहायेगा।” – गुरु गोबिंद सिंह

12- “जब बाकी सभी तरीके विफल हो जाएं, तो हाथ में तलवार उठाना सही है।” – गुरु गोबिंद सिंह

13- “धन्य, धन्य है सच्चा गुरु, जिसने प्रभु के नाम का सर्वोच्च उपहार दिया है।” – गुरु गोबिंद सिंह

14- “सच्चे गुरु से मिल कर भूख मिटती है, भूख किसी भिखारी के वस्त्र पहनकर नहीं जाती है।” – गुरु गोबिंद सिंह

15- “अहंभाव एक ऐसा भयानक रोग है, द्वंद्व के प्रेम में, वे अपने कर्म करते हैं।” – गुरु गोबिंद सिंह

16- “अहंकारवाद एक ऐसी भयानक बीमारी है, वह मर जाता है, पुनर्जन्म होने के लिए वह आना और जाना जारी रखता है।” – गुरु गोबिंद सिंह

17- “जो लोग गुरु के वचन के माध्यम से भगवान की पूजा और आराधना करते हैं, वे अपने सभी दुख-दर्द भूल जाते हैं।” – गुरु गोबिंद सिंह

18- “इंसान से प्रेम ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है।” – गुरु गोबिंद सिंह

19- “धन्य है, धन्य है गुरु का सिख, जो जाता है और सच्चे गुरु के चरणों में गिरता है। धन्य है, धन्य है गुरु का सिख, जो अपने मुख से प्रभु के नाम का उच्चारण करता है।” – गुरु गोबिंद सिंह

 20- “ईश्वर ने हमें जन्म दिया है ताकि हम संसार में अच्छे काम करें और बुराई को दूर करें। अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं. अच्छे कर्म करने वालों की ही ईश्वर मदद करता है। ” – गुरु गोबिंद सिंह

21- “हर कोई उस सच्चे गुरु की जयजयकार और प्रशंसा करे जो हमें भगवान की भक्ति के खजाने तक ले गया है।” – गुरु गोबिंद सिंह

22- “स्वार्थ ही बुरे कर्मो के जन्म का कारण बनता है।” – गुरु गोबिंद सिंह

23- “भगवान के नाम के अलावा कोई मित्र नहीं है, भगवान के विनम्र सेवक इसी का चिंतनकरते और इसी को देखते हैं।” – गुरु गोबिंद सिंह

24- “हे प्रभु ! आपने इस ब्रह्माण्ड की रचना की, आप ही सब सुख-दुःख के दाता हैं। आप स्वयं ही स्वयं हैं, अपने स्वयं ही सृष्टि का सृजन किया है।” – गुरु गोबिंद सिंह

25- “सत्कर्म करने से जो द्वारा खुलेंगे उनसे तुम्हे सच्चा गुरु मिलेगा, और एक सच्चे गुरु के द्वारा तुम्हें प्रिय भगवान मिलेंगे, और उनकी मधुर इच्छा से, तुम्हे उनकी दया का आशीर्वाद प्राप्त होगा।” – गुरु गोबिंद सिंह

26- “बिना गुरु के किसी को भगवान का नाम नहीं मिला है।”  – गुरु गोबिंद सिंह

27- “मैं उस गुरु के लिए न्योछावर हूँ, जो भगवान के उपदेशों का पाठ करता है।” – गुरु गोबिंद सिंह

28- “सेवक नानक भगवान के दास हैं, अपनी कृपा से, भगवान उनका सम्मान सुरक्षित रखते हैं।” – गुरु गोबिंद सिंह

29- “कर्ता (द क्रिएटर) और करीम (लाभार्थी) एक ही ईश्वर के नाम हैं। रजाक (प्रदाता) और रहीम (दयालु) भी उसी के नाम हैं। कोई भी व्यक्ति अपनी त्रुटि को नामों में अंतर से कम न होने दें। एक ईश्वर की पूजा करो जो सबका भगवान है। पता है कि उसका रूप एक है और वह सभी में फैला हुआ एक प्रकाश है।” – गुरु गोबिंद सिंह

30- “मैं गुरु के लिए एक बलिदान हूं, जिसने मुझे अहंकार की घातक बीमारी से पूरी तरह से ठीक कर दिया है। गौरवशाली और महान गुरु के गुण हैं, जिन्होंने बुराई को मिटाया है, और मुझे पुण्य में निर्देश दिया है।” – गुरु गोबिंद सिंह

31- “फलदायी उन लोगों का संपूर्ण जीवन है, जो अपने मन में प्रभु के नाम की भूख महसूस करते हैं।” – गुरु गोबिंद सिंह

यह भी पढ़ें –

गुरु नानक देव जी के अनमोल वचन

ओशो के सर्वश्रष्ठ 51 अनमोल विचार

प्यार और परोपकार पर मदर टेरेसा के अनमोल विचार

आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर के अनमोल विचार

रामकृष्ण परमहंस के अनमोल विचार

आध्यात्मिकता पर 101 सर्वश्रेष्ठ सुविचार

“गुरु गोबिंद सिंह के 30 ज्ञानमय विचार Guru Gobind Singh Quotes in Hindi ” ने आपको  कितना इंस्पायर्ड किया, कृपया कमेंट कर अवश्य बतायें, आपके किसी भी प्रश्न एवं सुझावों का स्वागत है। शेयर करें, जुड़े रहने की लिए Subscribe करें . धन्यवाद

यदि आप इस ब्लॉग पर हिंदी में अपना कोई आर्टिकल या जो भी जानकारी देना चाहते है (Guest Post) तो कृपया अपनी पोस्ट E-mail करें. Id है – ‘[email protected]’ पसंद आने पर आपकी पोस्ट ZindagiWow.Com प्रकाशित की जाएगी। धन्यवाद

Hello friends, I am Mukesh, the founder & author of ZindagiWow.Com to know more about me please visit About Me Page.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *