पढ़े और जाने Soichiro Honda Real Life Inspirational Success Story : नमस्कार मित्रो आज के इस अंक में हम आपको बताने जा रहे है Soichiro Honda Success Story जिनकी कहानी पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल है जिसमे एक व्यक्ति ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए मजबूत इरादों और साहस के साथ एक बहुत बड़ा संघर्ष किया और जिंदगी में सफलता प्राप्त की |
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Soichiro Honda Success Story In Hindi
चलिये थोड़ी विस्तार से जाने सोइचिरो होंडा की सफलता की कहानी :-
Soichiro Honda के प्रारंभिक और निजी जीवन से जुड़ी कहानी
Soichiro Honda 17 नवम्बर 1906 को जापान के हामामात्सु के कोमयो गाँव में हुआ था | उनके पिताजी का नाम Gheri Honda था जो एक पेशे से लोहार थे साथ ही साथ ही परिवार के पालन-पोषण के लिए पुरानी टूटी फूटी साइकिल को खरीद कर रिपेयरिंग करके बेचने का भी काम करते थे। उनकी माताजी Mika बुनाई कर परिवार चलाने में सहायता करती थी |
Soichiro Honda भी बचपन से ही अपने पिता के कार्यों में उनकी सहायता किया करते थे | किसी भी कार्य के प्रति रोमांच, सीखने की ललक और पूर्ण अनुशासन के साथ कार्य में जुट जाने का गुण Soichiro Honda ने अपने पिताजी से विरासत में प्राप्त किया था | पिताजी के साथ कार्य करते करते वो एक अच्छे इंजीनियर तो बन गये पर अब उनका मन पढाई में नही लगता था | इसलिए 16 वर्ष की आयु में वो नौकरी की तलाश करने लगे |
Soichiro Honda के जीवन के उतार-चढ़ाव से जुड़ी कहानी
16 वर्ष की आयु में नौकरी की तलाश में उनको टोक्यो के Art Shokai Auto Repaire Shop में सफाई कर्मचारी की नौकरी मिली | वो यहाँ पर रहकर उन्होंने रात-दिन मेहनत करके कार रिपेयरिंग का कार्य सीखना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने रात-दिन मेहनत करके कंपनी के मालिक SaakiBaharaa को उन्हें कार रिपेयरिंग का कार्य सीखाने के लिए राजी कर लिया | इसके लिए मालिक ने दूसरे ब्रांच में भेज दिया जहां रात को रेसिंग कार बनाई जाती थी | Soichiro Honda ने अपने लगन और मेहनत के दम पर कुछ ही दिनों में कार रिपेयरिंग का कार्य सीख लिया और इसके बाद्द 23 नवंबर 1924 को Socai कंपनी की कार ने 5th जापान कार चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और पूरी रेस में प्रथम स्थान प्राप्त किया |
Soichiro Honda उस रेस में जीतने वाले कार के मैकेनिक के तौर पर कार्य कर रहे थे। इस जीत के साथ ही Socai की कार टोक्यो की सबसे पसंदीदा कार बन गई। इसके बाद उस कंपनी की कई ब्रांच खोली गई जिसमे से एक ब्रांच को संभालने की जिम्मेदारी 21 वर्षीय Soichiro Honda को दी गई। इसके कुछ वर्ष बाद उन्होंने इस कंपनी को छोड़ दिया और घर पर लौटकर खुद का मैकेनिक का कार्य शुरू कर दिया | इसके कुछ समय बाद उन्होंने बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए सस्ते और टिकाऊ पिस्टन रिंग का निर्माण शुरू कर दिया| थोड़े समय के अंतराल के उन्होंने अपनी जमापूंजी से tociki नाम की एक कंपनी शुरू की और अपने बनाए हुए पिस्टनो को बेचने के लिए बड़ी बड़ी कंपनियों से संपर्क करना शुरू किया और जल्दी ही Toyota कंपनी से पिस्टन रिंग सप्लाई करने का आर्डर हासिल कर लिया |
सबकुछ सही चल रहा था की अचानक उनका एक्सीडेंट हो गया और 3 माह तक अस्पताल में रहने के कारण उनको अपनी कंपनी में बहुत नुकसान उठाना पड़ा फिर भी उन्होंने हार नही मानी और अपने पिस्टन की क्वालिटी पर कार्य किया और फिर से कंपनियों से आर्डर हासिल करने की कोशिश शुरू की | फिर वर्ष 1944 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उनक़ी फैक्ट्री पूरी तरीके से जल गई और एक भूकंप भी आया |
Soichiro Honda द्वारा सफलता प्राप्त करने से जुड़ी कहानी
इन घटना के बाद भी Soichiro Honda ने हार ना मानते हुए अपनी फैक्ट्री के अवशेषो को 450000 Yen में बेच दिया बेच दिया और अक्टूबर 1946 में उन पैसों से Honda Technical Research Institute खोला | युद्ध में हारने और भूकम्प से जापान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से गिर चुकी थी जिसके कारण लोग पैदल या साइकिल से चलने को मजबूर हो गए थे। तब Soichiro Honda के दिमाग में एक आइडिया आया और उन्होंने एक छोटा इंजन बनाकर उसे साइकिल से जोड़ दिया । उनका ये जुगाड़ लोगो को बहुत पसंद आया और उन्होंने इस बाइक को Chuchu के नाम से मात्र 1500 रुपये में बेचना शुरू कर दिया |
फिर वर्ष 1949 में उन्होंने Honda Technical Research Institute कंपनी का नाम बदलकर Honda Motors कर दिया और 2 स्ट्रोक वाली इंजन बाइक लांच की | उसके बाद जापान की अर्थव्यवस्था सुधरने के बाद वर्ष 1980 उन्होंने कार बनाना भी शुरू कर दिया और गुणवत्ता की दृष्टि से उनकी कंपनी की कार अमेरिकी कारों को टक्कर देती थी |
एक बात और Soichiro Honda के जीवन में इतने सफल होने के एक कारण था कि खुद को कभी भी मजदूरों से ऊपर नही समझते थे | उन्होंने हमेशा मजदूरों को को बड़े अधिकारियों की तरह सम्मान दिया | कभी अमीर-गरीब का फर्क नही किया | इसी कारण मजदूर भी उनसे खुश रहते थे और उनके बताये मार्ग पर चलकर रात-दिन उनके साथ कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर रहते थे |
हमे आशा है कि आपको हमारी ये Soichiro Honda Real Life Inspirational Success Story अवश्य ही पसंद आयेंगी |
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