स्वतंत्रता दिवस पर सेनानियों द्वारा दिए नारे Slogans of Freedom Fighters In Hindi

Slogans of Freedom Fighters

15 अगस्त यानि स्वत्रंता का दिन प्रत्येक भारतवासी के लिए एक सौभाग्यशाली दिन है। इस दिन हमारे देश को कई वर्षों बाद आज़ादी मिली। यह आज़ादी हमें इतनी आसानी से नहीं मिली।  यह आज़ादी हमें देसभक्तों के अथक प्रयासों से मिली है। आज़ादी के लिए हमारे देश के कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। आज हम अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं की हमने इस भारत देश में जन्म लिया जिसकी मिट्टी में देश के वीर योद्धाओं की खुशबू समाई हुई है। हमें अपने देश के स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं को नहीं भूलना चाहियें। तो आइयें आज के दिन यानि स्वतंत्रता दिवस पर सेनानियों द्वारा दिए नारे Slogans of Freedom Fighters स्मरण करते हैं और देश भक्ति के रंग में रंग जाते हैं। 

स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए नारे
Slogans of Freedom Fighters

“जय हिंद”: नेताजी सुभाष चंद्र बोस

सुभाष चंद्र बोस, जिन्हें नेताजी के नाम से जाना जाता है ने “जय हिंद” का नारा दिया। यह नारा आज़ादी के लिए लड़ रहे सेनानियों के लिए ऊर्जा का काम करता था। वतन पर मरने वाले सिर्फ एक ही चीज़ जानते थे सबसे पहले देश और उसकी आज़ादी। “जय हिंद” एक नया जोश लेकर उभरा था और आज भी भारत में इसे नारा और सलाम (slogan and salutation ) के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

“सत्यमेव जयते” मदन मोहन मालवीय 

महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने यह नारा इंडियन नेक्शन कांग्रेस के दिल्ली अदिवेशन में एक भाषण में दिया था। इस नारे को देश का नारा भोषित दिया गया। 

“स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगा” बाल गंगाधर तिलक 

बाल गंगाधर तिलक जिन्हें लोकमान्य तिलक के नाम से भी जाना जाता है ने ब्रिटिशों के खिलाफ अपना शासन बनाकर भारत की स्वतंत्रता की नींव रखने में मदद की और इसे एक राष्ट्रीय आंदोलन में बदल दिया। वह कांग्रेस पार्टी के गर्म दल के नेता थे जिन्होंने नारा दिया “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगा”

“वंदे मातरम्” बंकिम चंद्र चट्टोपाध्‍याय

राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्‍याय ने 1882 में अपने उपन्यास आनंदमठ की एक कविता, जो बंगाली और संस्कृत में लिखी गई है में यह नारा दिया।  इस नारे ने स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

“जय जवान-जय किसान” लालबहादुर शास्त्री

जय जवान जय किसान भारत का एक प्रसिद्ध नारा है जो भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री द्वारा  १९६५ के भारत पाक युद्ध के दौरान उन्होंने दिया था। इसे भारत का राष्ट्रीय नारा भी कहते हैं जो जवान एवं किसान के श्रम को दर्शाता है।

Slogans of Freedom Fighters By Famous Indian Leaders

“इंकलाब जिंदाबाद” भगत सिंह 

इस नारे को भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों ने दिल्ली की असेंबली में 8 अप्रेल 1929 को एक आवाज़ी बम फोड़ते वक़्त बुलंद किया था। इंक़लाब ज़िन्दाबाद का अर्थ है ‘क्रांति अमर रहे ‘। “इंकलाब जिंदाबाद” नारे ने आजादी की उस लड़ाई में पूरे देश को बांध कर रखा था। 

“साइमन गो बैक” लाला लाजपत राय

लाला लाजपत राय जी ने यह नारा 1927 में “Simon Go Back” तब दिया जब Sir John Simon की अध्यक्षता में ब्रिटेन से 7 लोगों का एक कमीशन भारत भेजा गया जिसका नाम इसके अध्यक्ष के नाम पर ” साइमन कमीशन” रखा गया जिसका काम Indian Constitution का अध्यन करना और उसमे सुधार लाना था। चूँकि इस कमीशन में एक भी भारतीय नहीं था इसलिए भारत में इसका विरोध हुआ।

“मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी” रानी लक्ष्मीबाई 

महान वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई ने यह नारा “मैं अपनी झाँसी नहीं दूँगी” तब कहा जब 858 में Sir Hugh Rose के नेत्रित्व में ब्रिटिश सेना झाँसी पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रही थी।

“जाऊंगा खाली हाथ मगर ये दर्द साथ ही जायेगा, जाने किस दिन हिन्दोस्तान आज़ाद वतन कहलायेगा” अशफाक उल्ला खां

काकोरी के शहीद अशफाकुल्लाह खां भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी सेनानी और ‘हसरत’ उपनाम से उर्दू के एक अज़ीम शायर थे। उनकी देशभक्ति से भरी शायरियों ने दुनिया को बताया कि उनके लिए वतन की आजादी की अहमियत कितनी बड़ी है.

“सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है ।” राम प्रसाद बिस्मिल

राम प्रसाद बिस्मिल की यह देशभक्ति कविता स्वतंत्रता संघर्ष में नारे के रूप में इस्तेमाल की गई और ब्रिटिश शासकों के अधिकार को चुनौती दी।

Famous Slogans of Freedom Fighters

“आजादी मिलती नहीं है बल्कि इसे छीनना पड़ता है” सुभाष चंद्र बोस

आजाद हिंद फौज के निर्माता सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि आजादी मिलती नहीं है बल्कि इसे छीनना पड़ता है। इसे योद्धाओं ने एक नारे के रूप में लिए और वतन पर मर मिटने के लिए तैयार हो गए। 

“दुश्मन की गोलियों का करेंगे सामना, आजाद ही रहे हैं, आजाद रहेंगे” चन्द्रशेखर आजाद

आजादी के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने वाले देश के महान क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी चन्द्रशेखर जिन्होनें अपने नाम के साथ आज़ाद लगाया। उनका कहना था आज़ाद हूँ, आज़ाद ही रहूँगा और आजाद ही मरूंगा”

“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा” सुभाष चन्द्र बोस 

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने देश के जवानों को नारा दिया था “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा” जिसके बाद कई युवा आज़ाद हिन्द फौज में सम्मलित हो गए। इस नारे ने देश में क्रांति के एक लहर चला दी। अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी नेताजी के इस हिंसावादी व उग्र विचारधारा से असहमत थे। लेकिन इस नारे ने हजारों युवा मन को अपनी मातृभूमि के लिए अपने जीवन का बलिदान करने के लिए प्रेरित किया।

“करो या मरो” महात्मा गांधी

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने मुंबई के ग्वालिया टैंक मैदान (अगस्त क्रांति मैदान) से 8 अगस्त, 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान करते हुए देशवासियों को नारा दिया था, “करो या मरो।” उन्होंने आगे कहा, “आप सभी लोग यह मंत्र अपनी हर सांस से उच्चारित करें। या तो हम भारत को आज़ाद करेंगे या इस प्रयास में अपनी जान दे देंगे।”

“अंग्रजों भारत छोड़ो” महात्मा गांधी

द्वितीय विश्व युद्द के समय इग्लैंड को कई मोर्चों पर पराजय का सामना करना पड़ रहा था और जापान मजबूती से आगे बढ़ रहा था। गाँधी जी का सोचना था कि यदि अंग्रेजों ने भारत नहीं छोड़ा तो जापान भारत पर आक्रमण कर सकता है इसलिए अगस्त 1942 में उन्होंने भारत छोड़ो आन्दोलन शुरू किया और अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा दिया।

“आराम हराम है’’ पं. जवाहर लाल नेहरू

पं. जवाहर लाल नेहरू जिहोने नारा दिया “आराम हराम है’’ जिसका मकसद था जब तक देश को आज़ादी नहीं मिल जाती जब तक आराम से बैठना हराम है। उन्होंने न केवल देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी सक्रिय भूमिका अदा की थी, बल्कि स्वतंत्रता प्रप्ति के बाद भी देश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व करते हुए इसे विकास के पथ पर अग्रसर करने में अपना  महत्वपूर्ण योगदान दिया।

“पूर्ण स्वराज” पंडित जवाहर लाल नेहरू

31 दिसंबर 1929 को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में पूर्ण स्वराज की मांग की गई जिसके लिए “पूर्ण स्वराज” का नारा दिया गया। 

स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए नारे Slogans of Freedom Fighters

India’s Freedom Slogans Hindi

“सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्तां हमारा” मोहम्मद इकबाल

“अब भी जिसका खून नहीं खौला खून नहीं वो पानी है, जो देश के काम न आये वो बेकार जवानी है” चंद्रशेखर आजाद

“खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है” अशफाक उल्ला खां

“एक सच्चे और वीर सैनिक को सैन्य और आध्यात्मिक दोनों ही प्रशिक्षण की जरूरत होती है” नेता जी सुभाष चन्द्र बोस

“साइमन गो बैक” लाला लाजपत राय

“विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा” श्याम लाल गुप्ता

“हिन्दी, हिन्दू और हिन्दुस्तान” भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

“मेरा रंग दे बसंती चोला,माय रंग दे बसंती चोला” सुखदेव

“मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक चोट ब्रिटिश सम्राज्य के ताबूत की कील बनेगी” लाला लाजपत राय

“अगर लोगों को स्वराज और सच्चा लोकतंत्र हासिल करना है , तो वे इसे कभी असत्य और हिंसा के द्धारा प्राप्त नहीं कर सकते हैं” लाल बहादुर शास्त्री

“पहले तो वो आप पर बिल्कुल ध्यान नहीं देंगे, और फिर वो आप पर जमकर हंसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे और फिर आप जीत जाएंगे” राष्ट्रपिता, महात्मा गांधी

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