Gulzar Shayari ~ गुलज़ार साहब की कुछ मशहूर शायरी हिंदी में | Gulzar Ki Shayari

Gulzar Shayari

​​​नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है,
नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है,
बुलंदियों पे पहुँचना कोई कमाल नहीं,
बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है !


कुछ अलग करना हो तो भीड़ से हट के चलिए,
भीड़ साहस तो देती हैं मगर पहचान छिन लेती हैं


एक ना एक दिन हासिल कर ही लूंगा मंज़िल..
ठोकरें ज़हर तो नहीं जो खाकर मर जाऊंगा !


हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये,
ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये,
एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे,
धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये।


ख्वाब टूटे है मगर हौसले तो ज़िंदा है
हम वो शख्स है जहां मुश्किलें शर्मिंदा है !


हम को मन की शक्ति देना, मन विजय करें
दूसरो की जय से पहले, ख़ुद को जय करें।


बदल जाओ वक़्त के साथ या वक़्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मतं कोसो, हर हाल में चलना सीखो!

Gulzar Shayari On Love 

Hello friends, I am Mukesh, the founder & author of ZindagiWow.Com to know more about me please visit About Me Page.

One Reply to “Gulzar Shayari ~ गुलज़ार साहब की कुछ मशहूर शायरी हिंदी में | Gulzar Ki Shayari”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *