Gulzar Shayari ~ गुलज़ार साहब की कुछ मशहूर शायरी हिंदी में | Gulzar Ki Shayari

Gulzar Shayari

Gulzar Shayari In Hindi – शायरी गुलज़ार सी। हिंदी सिनेमा के जाने माने प्रसिद्ध शायर गीतकार सम्पूर्ण सिंह कालरा उर्फ ‘गुलज़ार साहब’ जिनकी हर नज़्म दिल की गहराइयों में उतर जाती है। गुलज़ार साहब की शेरो – शायरी, नज़्में और ग़ज़लें की बात की जाये तो उन्होंने अपने शब्दों में जिंदगी के छोटे-बड़े पहलुओं को बडी खूबसूरती से बयां किया है।

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गुलज़ार साहब की कुछ मशहूर शायरी
Gulzar Ki Shayari – Famous Gulzar Poetry

Gulzar Sahab Shayari
“कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है …ज़िंदगी एक नज़्म लगती है !” तो आइये जानते हैं “Gulzar Shayari” से उनकी  कुछ प्रसिद्ध रचनाएँ Gulzar Poetry In Hindi– 

Best Shayari Of Gulzar Sahab

मैं दिया हूँ !
मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं….
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं !


हाथ छूटें भी तो …
रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक़्त की शाख़ से…
लम्हे नहीं तोड़ा करते !


भीड़ काफी हुआ करती थी महफ़िल में मेरी..
फिर मैं “सच” बोलता गया और लोग उठते चले गए !


कैसे कह दू कि महंगाई बहुत है,
मेरे शहर के चौराहे पर आज भी..
एक रुपये में कई कई दुआएं मिलती है … !


कुछ जख्मों की उम्र नहीं होती हैं,
ताउम्र साथ चलते हैं,
जिस्मों के ख़ाक होने तक !


Gulzar Shayari – गुलज़ार साहब की दो लाइन शायरी

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